22 July 2024: Vaidik Panchang and Daily Horoscope

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वैदिक पंचांग (Vaidik Panchang)
दिनांक – 22 जुलाई 2024
दिन – सोमवार
विक्रम संवत् – 2081
अयन – दक्षिणायन
ऋतु – वर्षा
मास – आषाढ़
पक्ष – कृष्ण
तिथि – प्रतिपदा दोपहर 01:11 तक तत्पश्चात द्वितीया
नक्षत्र – श्रवण रात्रि 10:21 तक तत्पश्चात श्रवण
योग – प्रीति शाम 05:58 तक तत्पश्चात आयुष्मान
राहु काल – प्रातः 07:46 से प्रातः 09:26 तक
सूर्योदय – 06:05
सूर्यास्त – 07:27
दिशा शूल – पूर्व दिशा में
ब्राह्ममुहूर्त – प्रातः 04:41 से 05:23 तक
अभिजीत मुहूर्त – दोपहर 12.19 से दोपहर 01:13
निशिता मुहूर्त- रात्रि 12:25 जुलाई 23 से रात्रि 01:07 जुलाई 23 तक
व्रत पर्व विवरण – प्रथम श्रावण सोमवार व्रत, सर्वार्थ सिद्धि योग (प्रातः 06:06 से रात्रि 10:21 तक)
विशेष – प्रतिपदा को कूष्माण्ड (कुम्हड़ा, पेठा) न खाएं क्योंकि यह धन का नाश करने वाला है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)

श्रावणमास

प्रयास करें कि शिव जी की पूजा प्रदोष काल में की जाए, इस समय शिवलिंग पर बेलपत्र और जल की धारा अर्पित करें. इसके बाद शिव जी के मंदिर में एक घी का दीपक जलाएं. इसके बाद शिवलिंग की परिक्रमा करें. शिव जी से मनोकामना पूर्ति की प्रार्थना करें.

भगवान शिव का पवित्र श्रावण (सावन) मास 22 जुलाई 2024 सोमवार से शुरू हो रहा है, (उत्तर भारत हिन्दू पञ्चाङ्ग के अनुसार) (गुजरात एवं महाराष्ट्र के अनुसार अषाढ़ मास चल रहा है वहा 05 अगस्त, सोमवार से श्रावण (सावन) मास आरंभ होगा)
श्रावण हिन्दू धर्म का पञ्चम महीना है। श्रावण मास शिवजी को विशेष प्रिय है । भोलेनाथ ने स्वयं कहा है—

द्वादशस्वपि मासेषु श्रावणो मेऽतिवल्लभ: । श्रवणार्हं यन्माहात्म्यं तेनासौ श्रवणो मत: ।।
श्रवणर्क्षं पौर्णमास्यां ततोऽपि श्रावण: स्मृत:। यस्य श्रवणमात्रेण सिद्धिद: श्रावणोऽप्यत: ।।

अर्थात मासों में श्रावण मुझे अत्यंत प्रिय है। इसका माहात्म्य सुनने योग्य है अतः इसे श्रावण कहा जाता है। इस मास में श्रवण नक्षत्र युक्त पूर्णिमा होती है इस कारण भी इसे श्रावण कहा जाता है। इसके माहात्म्य के श्रवण मात्र से यह सिद्धि प्रदान करने वाला है, इसलिए भी यह श्रावण संज्ञा वाला है।

श्रावण मास में शिवजी की पूजाकी जाती है | “अकाल मृत्यु हरणं सर्व व्याधि विनाशनम्” श्रावण मास में अकालमृत्यु दूर कर दीर्घायु की प्राप्ति के लिए तथा सभी व्याधियों को दूर करने के लिए विशेष पूजा की जाती है। मरकंडू ऋषि के पुत्र मारकण्डेय ने लंबी आयु के लिए श्रावण माह में ही घोर तप कर शिव की कृपा प्राप्त की थी, जिससे मिली मंत्र शक्तियों के सामने मृत्यु के देवता यमराज भी नतमस्तक हो गए थे।

श्रावण मास में मनुष्य को नियमपूर्वक नक्त भोजन करना चाहिए ।
श्रावण मास में सोमवार व्रत का अत्यधिक महत्व है
“स्वस्य यद्रोचतेऽत्यन्तं भोज्यं वा भोग्यमेव वा। सङ्कल्पय द्विजवर्याय दत्वा मासे स्वयं त्यजेत् ।।”
श्रावण में सङ्कल्प लेकर अपनी सबसे प्रिय वस्तु (खाने का पदार्थ अथवा सुखोपभोग) का त्याग कर देना चाहिए और उसको ब्राह्मणों को दान देना चाहिए।
“केवलं भूमिशायी तु कैलासे वा समाप्नुयात”
श्रावण मास में भूमि पर शयन का विशेष महत्व है। ऐसा करने से मनुष्य कैलाश में निवास प्राप्त करता है।
शिवपुराण के अनुसार श्रावण में घी का दान पुष्टिदायक है।

इस साल श्रावण का महीना 22 जुलाई 2024 को शुरू होकर 19 अगस्त 2024 को समाप्त होगा।

इस बार श्रावण के महीने में अद्भुत संयोग बन रहा है। श्रावण मास का आरंभ भी सोमवार से हो रहा है और सावन के अंतिम दिन भी सोमवार पड़ रहा है। इस बार श्रावण के महीने में 5 सोमवार पड़ रहे हैं । सावन माह में पांच सोमवार पड़ना बहुत शुभ माना जाता है।
श्रावण मास का हर दिन अत्यंत फलदायी होता है, इसमें पार्थिव शिवलिंग का अभिषेक सभी मनोरथों को पूर्ण करता है लेकिन इससे भी महत्वपूर्ण बात यह है कि श्रावण मास में पड़ने वाले सोमवार का विशेष महत्व होता है। ऐसा कहा जाता है कि जो व्यक्ति श्रावण सोमवार का व्रत रखता है , अभिषेक करता है उसका पारिवारिक जीवन सदैव सुखी रहता है। साथ ही इस व्यक्ति के जीवन में सुख-समृद्धि का कभी अभाव नहीं रहता। ऐसा माना जाता है कि सावन के महीने में भगवान शिव की पूजा करने से वह जल्दी प्रसन्न होते हैं ।

सावन का पहला सोमवार व्रत – 22 जुलाई, 2024
सावन का दूसरा सोमवार व्रत – 29 जुलाई, 2024
सावन का तीसरा सोमवार व्रत – 5 अगस्त, 2024
सावन का चौथा सोमवार व्रत – 12 अगस्त, 2024
सावन का पांचवां सोमवार व्रत – 19 अगस्त, 2024

श्रावण मास के मंगलागौरी व्रत ~
सावन का पहला मंगला गौरी व्रत- 23 जुलाई, 2024
सावन का दूसरा मंगला गौरी व्रत- 30 जुलाई, 2024
सावन का तीसरा मंगला गौरी व्रत- 6 अगस्त, 2024
सावन का चौथा मंगला गौरी व्रत- 13 अगस्त, 2024

सावन महीने की शिवरात्रि बहुत खास होती है. हर माह कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी के दिन शिवरात्रि का व्रत रखा जाता है। शुक्रवार, 2 अगस्त 2024 को सावन महीने की शिवरात्रि पड़ेगी। पंचांग के अनुसार, सावन कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि का आरम्भ 2 अगस्त को दोपहर 3:26 बजे से होगा और 3 अगस्त को दोपहर 3:50 बजे समाप्त होगा। भगवान शिव की पूजा निशिता काल में की जाती है इसलिए सावन की शिवरात्रि 2 अगस्त को मनाई जाएगी।

चतुर्मास महात्म्य

‘स्कन्द पुराण’ के ब्रह्मखण्ड के अन्तर्गत ‘चतुर्मास महात्म्य’ में आता है :

सूर्य के कर्क राशि पर स्थित रहते हुए आषाढ़ शुक्ल एकादशी से लेकर कार्तिक शुक्ल एकादशी तक, वर्षाकालीन इन चार महिनों में भगवान विष्णु शेषशय्या पर शयन करते हैं । श्री हरि की आराधना के लिए यह पवित्र समय है । सब तीर्थ, देवस्थान, दान और पुण्य चतुर्मास आने पर भगवान विष्णु की शरण ले के स्थित होते हैं । जो मनुष्य चतुर्मास में नदी में स्नान करता है, वह सिद्धि को प्राप्त होता है । तीर्थ में स्नान करने पर पापों का नाश होता है ।

चातुर्मास में निम्नलिखित नियमों का पालन करना चाहिए –

१) जल में तिल और आँवले का मिश्रण अथवा बिल्वपत्र डालकर स्नान करने से अपने में दोष का लेशमात्र नहीं रह जाता ।

२) जल में बिल्वपत्र डालकर ‘ॐ नम: शिवाय’ का ४-५ बार जप करके स्नान करने से विशेष लाभ होता है तथा वायुप्रकोप दूर होता है और स्वास्थ्य की रक्षा होती है ।

३) चतुर्मास में भगवान नारायण जल में शयन करते हैं, अत: जल में भगवान विष्णु का अंश व्याप्त रहता है । इसलिए उस तेज से युक्त जल का स्नान समस्त तीर्थों से भी अधिक फल देता है ।

४) ग्रहण के सिवाय के दिनों में सन्ध्याकाल में और रात को स्नान न करें । गर्म जल से भी स्नान नहीं करना चाहिए ।

५) चतुर्मास सब गुणों से युक्त उत्कृष्ट समय है । उसमें श्रद्धा पूर्वक धर्म का अनुष्ठान करना चाहिए ।

६) अगर मनुष्य चतुर्मास में भक्तिपूर्वक योग के अभ्यास मे तत्पर न हुआ तो नि:सन्देह उसके हाथ से कलश का अमृत गिर गया ।

७) बुद्धिमान मनुष्य को सदैव मन को संयम में रखकर आत्मज्ञान की प्राप्ति करनी चाहिए ।

८)चतुर्मास में भगवान विष्णु के आगे पुरुष सूक्त का पाठ करने वाले की बुद्धि का विकास होता है और सुबह या जब समय मिले भूमध्य में ओंकार का ध्यान करने से बुद्धि का विकास होता है ।

९) चतुर्मास में जीवों पर दया तथा अन्न-जल व गौओं का दान, रोज वेदपाठ और हवन ये सब महान फल देनेवाले हैं । अन्न शत्रुओं को देना भी मना नहीं है और किसी भी समय दिया जा सकता है ।

१०) चतुर्मास में धर्म का पालन, सत्पुरुषों की सेवा, संतों का दर्शन, सत्संग-श्रवण भगवान विष्णु का पूजन करना चाहिए ।

११) जो भगवान कि प्रीति के लिए श्रद्धा पूर्वक प्रिय वस्तु और भोग का त्याग करता है, वह अनन्त फल पाता है ।

१२) चतुर्मास में धातु के पात्रों का त्याग करके पलाश के पत्तों पर भोजन करने से ब्रह्मभाव प्राप्त होता है । तांबे के पात्र भी त्याज्य है।

१३) चतुर्मास में काला और नीला वस्त्र पहनना हानिकर है । इन दिनों में हजामत (केश संवारना) करना त्याग दें तो तीनों तापों से रहित हो जाता है।

१४) इन चार महिनों में भूमि पर शयन, ब्रह्मचर्य का पालन (उत्तम व्रत-अनन्त फलदायी), पत्तल में भोजन, उपवास, मौन, जप, ध्यान, दान-पुण्य आदि विशेष लाभप्रद होते हैं।

१५) चतुर्मास में परनिन्दा करना और सुनना दोनो का त्याग करें । परनिन्दा महापापं।

१६) चतुर्मास में नित्य परिमित भोजन से पातकों का नाश और एक बार अन्न का भोजन करने वाला रोगी नहीं होता और एक समय भोजन करने से द्वादश यज्ञ फल मिलता है ।

१७) चतुर्मास में केवल दूध अथवा फल खाकर रहता है, उसके सहस्त्र पाप नष्ट होते हैं और केवल जल पीकर रहता है, उसे रोज अश्वमेघ यज्ञ का फल प्राप्त होता है।

१८) १५ दिनों में एक दिन उपवास शरीर के सम्पूर्ण दोष जला देता है और १४ दिनों के भोजन को ओज में बदल देता है । इसलिए एकादशी के उपवास की महिमा है।

१९) वैसे तो गृहस्थ को शुक्ल पक्ष की एकादशी रखनी चहिए किन्तु चतुर्मास की तो दोनों पक्षों की एकादशी रखनी चाहिए ।

नोट : चतुर्मास में भगवान नारायण योग निद्रा में शयन करते हैं इसलिए चार मास शादी-विवाह और सकाम यज्ञ नहीं होते हैं । इस चार मास तपस्या करने के समय है।

जिनका आज जन्मदिन है उनको हार्दिक शुभकामनाएं बधाई और शुभाशीष

आज जन्मे व्यक्ति का मूलांक 4 होगा। इस अंक से प्रभावित व्यक्ति जिद्दी, कुशाग्र बुद्धि वाले, साहसी होते हैं। आपका जीवन संघर्षशील होता है। इनमें अभिमान भी होता है। ऐसे व्यक्ति को जीवन में अनेक परिवर्तनों का सामना करना पड़ता है।
जैसे तेज स्पीड से आती गाड़ी को अचानक ब्रेक लग जाए ऐसा उनका भाग्य होगा। लेकिन यह भी निश्चित है कि इस अंक वाले अधिकांश लोग कुलदीपक होते हैं। ये लोग दिल के कोमल होते हैं किन्तु बाहर से कठोर दिखाई पड़ते हैं। इनकी नेतृत्त्व क्षमता के लोग कायल होते हैं।

शुभ दिनांक : 4, 8, 13, 22, 26, 31,

शुभ अंक : 4, 8,18, 22, 45, 57,

शुभ वर्ष : 2031, 2040, 2060

ईष्टदेव : श्री गणेश, श्री हनुमान

शुभ रंग : नीला, काला, भूरा

कैसा रहेगा यह वर्ष

मान-सम्मान में वृद्धि होगी, वहीं मित्र वर्ग का सहयोग मिलेगा। नवीन व्यापार की योजना प्रभावी होने तक गुप्त ही रखें। यह वर्ष पिछले वर्ष के दुष्प्रभावों को दूर करने में सक्षम है। आपको सजग रहकर कार्य करना होगा। शत्रु पक्ष पर प्रभावपूर्ण सफलता मिलेगी। नौकरीपेशा प्रयास करें तो उन्नति के चांस भी है। विवाह के मामलों में आश्चर्यजनक परिणाम आ सकते हैं। परिवारिक मामलों में सहयोग के द्वारा सफलता मिलेगी।

आज का राशिफल

मेष🐐 (चू, चे, चो, ला, ली, लू, ले, लो, अ)

आज का दिन आपके लिए शुभ रहेगा। आज कार्यो को काफी सोच विचारने के बाद ही करेंगे। कार्य क्षेत्र पर निर्णय लेने में थोड़ी परेशानी भी रह सकती है फिर भी सोची गयी योजनाएं अवश्य फलीभूत होंगी। धन लाभ थोड़े इन्तजार के बाद होगा। शारीरिक स्वास्थ्य सामान्य रहेगा। घर में पूजा पाठ का आयोजन करवा सकते है। नए कार्यो की शुरुआत फिलहाल टालें। सुख के साधनों में वृद्धि होगी। विरोधी परास्त होंगे। परिवार में शांति रहेगी।

वृष🐂 (ई, ऊ, ए, ओ, वा, वी, वू, वे, वो)

आज के दिन आप में परोपकार की भावना अधिक रहेगी। अपने कार्यो को छोड़ दुसरो के कार्य करने के कारण परेशानी होगी परन्तु मानसिक संतोष भी रहेगा। दो पक्षो के विवाद के बीच व्यर्थ में फंस सकते है किसी की मध्यस्थता आज भूल कर भी ना करें। परिश्रम वाले कार्यो को करने में शारीरिक रूप से अक्षम रहेंगे। अर्थ एवं परिवारिक कारणों से चिंता रहेगी। किसी से मदद लेना चाहेंगे उसमे भी निराशा ही मिलेगी। लोग आपकी मदद करने की जगह आपकी बातों को हास्य में लेंगे।

मिथुन👫 (का, की, कू, घ, ङ, छ, के, को, हा)

आज के दिन कार्यो में निरंतर मिल रही असफलता के कारण नकारात्मक विचार मन को परेशान करेंगे। शारीरिक रूप से भी शिथिल रहेंगे। व्यवसाय सम्बंधित आयोजन अधूरे रहने से कार्य क्षेत्र पर आपकी आलोचना भी हो सकती है। व्यवहारिकता की कमी के कारण लाभदायक सम्बन्ध टूट सकते है। नौकरी पेशा जातक काम से मन चुरायेंगे इसलिए अधिकारियो का कोप भाजन बनना पडेगा। संध्या के समय किसी स्त्री के सहयोग से धन लाभ की सम्भवना है। परिजनों से सम्बन्ध ठीक नहीं रहेंगे।

कर्क🦀 (ही, हू, हे, हो, डा, डी, डू, डे, डो)

आज दिन का पूर्वार्द्ध पहले की भांति शांति से व्यतीत करेंगे परन्तु इसके बाद का समय थोड़ा कष्टदायक रहने वाला है सभी महत्त्वपूर्ण कार्य आलस्य छोड़ जल्दी निपटाने का प्रयास करें। इस अवधि में धन लाभ भी होगा। मध्यान के बाद स्थिति बदलने से आकस्मिक खर्च बढ़ेंगे संकलित पूँजी खर्च हो सकती है। व्यापार में निवेश एवं धन की उधारी के व्यवहार सोच समझ कर ही करें। परिवार में किसी महिला के रूठने पर खुशामद करनी पड़ सकती है।

सिंह🦁 (मा, मी, मू, मे, मो, टा, टी, टू, टे)

आज के दिन आप स्वार्थ सिद्धि के कारण आपसी मनमुटाव भुलाकर नए सिरे से कार्य करेंगे। परन्तु अधिकारियो से कार्य निकालना आसान नहीं रहेगा। कार्य क्षेत्र अथवा घर पर किसी अन्य व्यक्ति के कारण हंगामा खड़ा हो सकता है फिर भी पारिवारिक सदस्यों के एकजुट होने से समस्या का समाधान निकाल लेंगे। आर्थिक दृष्टिकोण से दिन परिश्रम वाला रहेगा परिश्रम के बाद ही निर्वाह योग्य आय बना पाएंगे। विरोधी चाह कर भी आपका बुरा नहीं कर पाएंगे। लंबी दूरी की यात्रा की योजना बनेगी भविष्य की योजनाओं पर खर्च होगा।

कन्या👩 (टो, पा, पी, पू, ष, ण, ठ, पे, पो)

आज के दिन आप तन मन से एकदम चुस्त रहेंगे। मानसिक प्रसन्नता रहने से कार्यो को बेहतर ढंग से कर पाएंगे अपने आस-पास का वातावरण विनोदी स्वभाव से हास्यमय बनाएंगे लेकिन ध्यान रहे आपकी हास्य भरी बातें किसी के दिल को चुभ भी सकती है। कार्य क्षेत्र से आशा के अनुसार लाभ नही होने पर भी परेशांन नहीं होंगे। अधिकारी वर्ग आज आपको कोई महत्त्वपूर्ण कार्य सौप सकते है जिसपर आप खरे उतरेंगे। परिवार में भी आप सक्रीय रहेंगे परिजनों की।परेशानियों को गंभीर लेकर तुरंत समाधान करेंगे।

तुला⚖️ (रा, री, रू, रे, रो, ता, ती, तू, ते)

आज के दिन की शुरुआत में किसी से विवाद हो सकता है जिस के कारण मध्यान तक मन अशांत रहेगा। कार्य व्यवसाय में भी दिन उदासीन रहेगा परिश्रम का उचित फल नहीं मिलेगा। हाथ आये अनुबंध भी निरस्त हो सकते है। नौकरी पेशा जातक अधिक कार्य भार के कारण थकान अनुभव करेंगे। परिवार में किसी के स्वास्थ्य खराब होने अथवा महत्त्वपूर्ण कार्य निकलने से दिनचर्या में परिवर्तन करना पड़ेगा। आकस्मिक खर्च भी परेशान करेंगे। संतान आपकी अवहेलना करेगी।

वृश्चिक🦂 (तो, ना, नी, नू, ने, नो, या, यी, यू)

आज के दिन धन लाभ के अवसर मिलेंगे। कार्यो में गति आने एवं घर एवं कार्य क्षेत्र पर अव्यवस्था में सुधार होगा। भविष्य के प्रति निश्चिन्त रहेंगे। पारिवारिक सदस्य आपको पूरा सहयोग करेंगे। बीच-बीच में किसी पुराने विवाद के कारण अशांति बनेगी फिर भी स्थिति नियंत्रण में रहेगी। व्यवसाय में समय से पहले महत्त्वपूर्ण कार्य पूर्ण होने से धन की आमद सुनिश्चित होगी। बड़े बुजुर्ग आपकी प्रगति से प्रसन्न रहेंगे। आज अतिआत्मविश्वास की भावना भी रहेगी जिससे सम्मान हानि भी हो सकती है।

धनु🏹 (ये, यो, भा, भी, भू, ध, फा, ढा, भे)

आज आप आस-पास बन रहे वातावरण से क्षुब्ध होकर एकांतवास करना पसंद करेंगे। परन्तु सांसारिक मोह अधिक रहने के कारण ज्यादा समय एक निर्णय पर नहीं टिक पाएंगे। समाज एवं परिवार में एक समय अपने आप को अलग थलग पाएंगे। क्रोध भी अधिक रहेगा फिर भी थोड़ा संयम विवेक रहने से किसी को परेशान नहीं करेंगे। संतान आपकी भावनाओं की कद्र करेगी परन्तु अहम् के कारण किसी का सहयोग नहीं लेंगे।
आर्थिक कारणों से महत्त्वपूर्ण यात्रा अथवा अन्य व्यवहार प्रभावित रहेंगे।

मकर🐊 (भो, जा, जी, खी, खू, खा, खो, गा, गी)

आज का दिन आप आनंद से बितायेंगे। किसी मनोकामना अथवा बनाई योजना में सफलता मिलने की ख़ुशी दिन भर रहेगी। सेहत थोड़ी असामान्य रह सकती है स्वसन क्रिया सम्बंधित परेशानी बनेगी। कार्य क्षेत्र से आशा से अधिक लाभ कमा सकेंगे। यात्रा पर जाने का विचार होगा जिसमे थकान भी रहेगी परन्तु उत्साह के आगे अनुभव नहीं होगी। आस पड़ोसियों से ईर्ष्या युक्त सम्बन्ध रहेंगे। आप किसी से भी मदद लेने में सफल रहेंगे परन्तु किसी की मदद करने में आनाकानी कर सकते है। परिजन आपकी बात मानेंगे।

कुंभ🍯 (गू, गे, गो, सा, सी, सू, से, सो, दा)

आज के दिन सभी कार्यो में आशा के विपरीत फल रहेगा। विशेष कर धन सम्बंधित कार्य अनुभवी व्यक्ति की सलाह के बाद ही करें। कार्य क्षेत्र पर गलत निर्णय लेने से धन के साथ मान हानि भी हो सकती है। पारिवारिक वातावरण भी कुछ ऐसा ही रहेगा। कार्य क्षेत्र की खींज घर में निकालने से वातावरण अशान्त बनेगा। पत्नी अथवा संतान से तकरार हो सकती है। बड़े बुजुर्ग अथवा अधिकारी भी आपसे नाराज रहेंगे। अनैतिक साधनो से धन कमाने की योजना में लाभ हो होगा परन्तु जोखिम भी अधिक रहेगा।

मीन🐳 (दी, दू, थ, झ, ञ, दे, दो, चा, ची)

आज आपका ध्यान कार्य क्षेत्र पर कम ही रहेगा फलस्वरूप लाभ की आशा भी छोड़नी पड़ेगी। परन्तु फिर भी आज आकस्मिक रूप से धन की आमद होने से आप स्वयं भी आश्चर्य चकित रह जाएगे। भोग विलास की प्रवृति में अधिक समय देंगे। सामाजिक कार्यो की अनदेखी करने से व्यवहारों में कमी आएगी। गृहस्थ सुख उत्तम बना रहेगा। रिश्तेदारी में उपहारों का आदान प्रदान होगा। अविवाहित अथवा बेरोजगारों के लिए परिस्थिति सहायक बनेगी। यात्रा में चोटादि का भय है सतर्क रहें।

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