वैदिक पंचांग (Vaidik Panchang)
🌤 दिनांक – 11 जनवरी 2025
🌤 दिन – शनिवार
🌤 विक्रम संवत – 2081
🌤 शक संवत -1946
🌤 अयन – दक्षिणायन
🌤 ऋतु – शिशिर ॠतु
🌤 मास – पौष
🌤 पक्ष – शुक्ल
🌤 तिथि – द्वादशी सुबह 08:21 तक तत्पश्चात त्रयोदशी
🌤 नक्षत्र – रोहिणी दोपहर 12:29 तक तत्पश्चात मृगशिरा
🌤 योग – शुक्ल दोपहर 11:49 तक तत्पश्चात ब्रह्म
🌤 राहुकाल – सुबह 10:03 से सुबह 11:25 तक
🌤 सूर्योदय 07:19
🌤 सूर्यास्त – 06:13
👉 दिशाशूल – पूर्व दिशा मे
🚩 व्रत पर्व विवरण – शनिप्रदोष व्रत,त्रयोदशी क्षय तिथि
💥 विशेष- द्वादशी को पूतिका(पोई) अथवा त्रयोदशी को बैंगन खाने से पुत्र का नाश होता है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)
प्रणव’ (ॐ) की महिमा (चतुर्दशी आर्द्रा नक्षत्र योग : 12 जनवरी 2025 रविवार को दोपहर 11:24 से 13 जनवरी प्रात: 05:03 तक
🙏🏻 सूतजी ने ऋषियों से कहा : “महर्षियों ! ‘प्र’ नाम है प्रकृति से उत्पन्न संसाररूपी महासागर का | प्रणव इससे पार करने के लिए (नव) नाव है | इसलिए इस ॐकार को ‘प्रणव’ की संज्ञा देते हैं | ॐकार अपना जप करनेवाले साधकों से कहता है – ‘प्र –प्रपंच, न – नहीं है, व: – तुम लोगों के लिए |’ अत: इस भाव को लेकर भी ज्ञानी पुरुष ‘ॐ’ को ‘प्रणव’ नाम से जानते हैं | इसका दूसरा भाव है : ‘प्र – प्रकर्षेण, न – नयेत, व: -युष्मान मोक्षम इति वा प्रणव: | अर्थात यह तुम सब उपासकों को बलपूर्वक मोक्ष तक पहुँचा देगा|’ इस अभिप्राय से भी ऋषि-मुनि इसे ‘प्रणव’ कहते हैं | अपना जप करनेवाले योगियों के तथा अपने मंत्र की पूजा करनेवाले उपासको के समस्त कर्मो का नाश करके यह उन्हें दिव्य नूतन ज्ञान देता है, इसलिए भी इसका नाम प्रणव – प्र (कर्मक्षयपूर्वक) नव (नूतन ज्ञान देनेवाला) है |
🙏🏻 इस मायारहित महेश्वर को ही नव अर्थात नूतन कहते हैं | वे परमात्मा प्रधान रूप से नव अर्थात शुद्धस्वरुप है, इसलिए ‘प्रणव’ कहलाते हैं | प्रणव साधक को नव अर्थात नवीन (शिवस्वरूप) कर देता है, इसलिए भी विद्वान पुरुष इसे प्रणव के नाम से जानते हैं अथवा प्र – प्रमुख रूप से नव – दिव्य परमात्म – ज्ञान प्रकट करता है, इसलिए यह प्रणव है |
🙏🏻 यध्यपि जीवन्मुक्त के लिए किसी साधन की आवश्यकता नहीं है क्योंकि वह सिद्धरुप है, तथापि दूसरों की दृष्टि में जब तक उसका शरीर रहता है,तब तक उसके द्वारा प्रणव – जप की सहज साधना स्वत: होती रहती है | वह अपनी देह का विलय होने तक सूक्ष्म प्रणव मंत्र का जप और उसके अर्थभूत परमात्म-तत्त्व का अनुसंधान करता रहता है | जो अर्थ का अनुसंधान करके केवल मंत्र का जप करता है, उसे निश्चय ही योग की प्राप्ति होती है | जिसने इस मंत्र का ३६ करोड़ जप कर लिया हो, उसे अवश्य ही योग प्राप्त हो जाता है | ‘अ’ शिव है, ‘उ’ शक्ति है और ‘मकार’ इन दोनों की एकता यह त्रितत्त्वरूप है, ऐसा समझकर ‘ह्रस्व प्रणव’ का जप करना चाहिए | जो अपने समस्त पापों का क्षय करना चाहते हैं, उनके लिए इस ह्रस्व प्रणव का जप अत्यंत आवश्यक है |
🙏🏻 वेद के आदि में और दोनों संध्याओं की उपासना के समय भी ॐकार का उच्चारण करना चाहिए | भगवान शिव ने भगवान ब्रम्हाजी और भगवान विष्णु से कहा : “मैंने पूर्वकाल में अपने स्वरूपभूत मंत्र का उपदेश किया है, जो ॐकार के रूप में प्रसिद्ध है | वह महामंगलकारी मंत्र है | सबसे पहले मेरे मुख से ॐकार ( ॐ ) प्रकट हुआ, जो मेरे स्वरूप का बोध करानेवाला है | ॐकार वाचक है और मैं वाच्य हूँ | यह मंत्र मेरा स्वरुप ही है | प्रतिदिन ॐकार का निरंतर स्मरण करने से मेरा ही सदा स्मरण होता है |
🙏🏻 मुनीश्वरो ! प्रतिदिन दस हजार प्रणवमंत्र का जप करें अथवा दोनों संध्याओं के समय एक-एक हजार प्रणव का जप किया करें | यह क्रम भी शिवप्रद की प्राप्ति करानेवाला है |
🙏🏻 ‘ॐ’ इस मंत्र का प्रतिदिन मात्र एक हजार जप करने पर सम्पूर्ण मनोरथों की सिद्धि होती है |
🙏🏻 प्रणव के ‘अ’ , ‘उ’ और ‘म’ इन तीनों अक्षरों से जीव और ब्रम्ह की एकता का प्रतिपादन होता है – इस बात को जानकर प्रणव ( ॐ ) का जप करना चाहिए | जपकाल में यह भावना करनी चाहिए कि ‘हम तीनों लोकों की सृष्टि करनेवाले ब्रम्हा, पालन करनेवाले विष्णु तथा संहार करनेवाले रुद्र जो स्वयंप्रकाश चिन्मय हैं, उनकी उपसना करते हैं | यह ब्रम्हस्वरूप ॐकार हमारी कर्मन्द्रियों और ज्ञानेन्द्रियों की वृत्तियों को, मन की वृत्तियों को तथा बुद्धि की वृत्तियों को सदा भोग और मोक्ष प्रदान करनेवाले धर्म एवं ज्ञान की ओर प्रेरित करें | प्रणव के इस अर्थ का बुद्धि के द्वारा चिंतन करता हुआ जो इसका जप करता है, वह निश्चय ही ब्रम्ह को प्राप्त कर लेता है | अथवा अर्थानुसंधान के बिना भी प्रणव का नित्य जप करना चाहिए | 🙏🏻 (‘शिव पुराण’ अंतर्गत विद्धेश्वर संहिता से संकलित)
👉🏻 भिन्न-भिन्न काल में ‘ॐ’ की महिमा
➡ आर्दा नक्षत्र से युक्त चतुर्दशी के योग में (दिनांक 12 जनवरी दोपहर 11:24 से 13 जनवरी प्रात: 05:03 तक प्रणव का जप किया जाय तो वह अक्षय फल देनेवाला होता है |
भैरवनाथ का रहस्य जानिए
हिन्दू धर्म के दो मार्ग दक्षिण और वाम मार्ग में भैरव की उपासना वाममार्गी करते हैं। भैरव का अर्थ होता है जिसका रव अर्थात् शब्द भीषण हो और जो जो देखने में भयंकर हो। इसके अलावा घोर विनाश करने वाला उग्रदेव। भैरव का एक दूसरा अर्थ है जो भय से मुक्त करे वह भैरव। जगदम्बा अम्बा के दो अनुचर है पहले हनुमानजी और दूसरा काल भैरव।
भैरव का अर्थ होता है भय का हरण कर जगत का भरण करने वाला। ऐसा भी कहा जाता है कि भैरव शब्द के तीन अक्षरों में ब्रह्मा, विष्णु और महेश तीनों की शक्ति समाहित है। भैरव शिव के गण और पार्वती के अनुचर माने जाते हैं। हिंदू देवताओं में भैरव का बहुत ही महत्व है। भैरव एक पदवी है।
भैरव को भगवान् शिव के अन्य अनुचर, जैसे भूत-प्रेत, पिशाच आदि का अधिपति माना गया है। इनकी उत्पत्ति भगवती महामाया की कृपा से हुई है। भैरव को मानने वाले दो संप्रदाय में विभक्त हैं।
पहला काल भैरव और दूसरा बटुक भैरव। भैरव काशी और उज्जैन के द्वारपाल हैं। उज्जैन में काल भैरव की जाग्रत प्रतीमा है जो मदीरापान करती है। इनके अतिरिक्त कुमाऊ मंडल में नैनीताल के निकट घोड़ाखाल में बटुक भैरव का मंदिर है जिन्हें गोलू देवता के नाम से जाना जाता हैं।
मुख्य रूप से आठ भैरव माने गए हैं- 1.असितांग भैरव, 2. रुद्र भैरव, 3. चंद्र भैरव, 4. क्रोध भैरव, 5. उन्मत्त भैरव, 6. कपाली भैरव, 7. भीषण भैरव और 8. संहार भैरव।
हिन्दू धर्म में भैरव को विशाल आकार के काले शारीरक वर्ण वाले, हाथ में भयानक दंड धारण किए हुए और साथ में काले कुत्ते की सवारी करते हुए वर्णन किया गया है। दक्षिण भारत में ये ‘शास्ता’ के नाम से तथा माहाराष्ट्र राज्य में ये ‘खंडोबा’ के नाम से जाने जाते हैं। तामसिक स्वाभाव वाले, ये सभी भैरव तथा भैरवी, मृत्यु या विनाश के कारक हैं, काल के प्रतिक स्वरुप, रोग-व्याधि इत्यादि के रूप में ये ही प्रकट हो, विनाश या मृत्यु की ओर ले जाते हैं।
भैरव की उत्पत्ति : – पुराणों में उल्लेख है कि शिव के रूधिर से भैरव की उत्पत्ति हुई। बाद में उक्त रूधिर के दो भाग हो गए- पहला बटुक भैरव और दूसरा काल भैरव। भगवान भैरव को असितांग, रुद्र, चंड, क्रोध, उन्मत्त, कपाली, भीषण और संहार नाम से भी जाना जाता है। भगवान शिव के पाँचवें अवतार भैरव को भैरवनाथ भी कहा जाता है। नाथ सम्प्रदाय में इनकी पूजा का विशेष महत्व है।
काल भैरव : – काल भैरव का आविर्भाव मार्गशीर्ष कृष्ण अष्टमी को प्रदोषकाल में हुआ था। शिव पुराण के अनुसार, अंधकासुर नामक दैत्य के संहार के कारण भगवान् शिव के रुधिर से भैरव की उत्पत्ति हुई थी। अन्य एक कथा के अनुसार एक बार जगत के सृष्टिकर्ता ब्रह्मा जी ने शिव तथा उन के गाणों की रूपसज्जा को देख कर अपमान जनक वचन कहे।
परन्तु भगवान् शिव ने उस वाचन पर कोई ध्यान नहीं दिया, परन्तु शिव के शारीर से एक प्रचंड काया का प्राकट्य हुआ तथा वो ब्रह्मा जी को मरने हेतु उद्धत हो आगे बड़ा, जिसके परिणामस्वरूप ब्रह्मा जी अत्यंत भयभीत हो गए। अंततः शिव जी द्वारा मध्यस्थता करने के कारण वो क्रोधित तथा विकराल रूप वाला गण शांत हुआ। तदनंतर, भगवान् शिव ने उस गण को अपने आराधना स्थल काशी का द्वारपाल नियुक्त कर दिया।
Bhairo (भैरो) Baba
बटुक भैरव : ‘बटुकाख्यस्य देवस्य भैरवस्य महात्मन:। ब्रह्मा विष्णु, महेशाधैर्वन्दित दयानिधे।।’-
अर्थात् ब्रह्मा, विष्णु, महेशादि देवों द्वारा वंदित बटुक नाम से प्रसिद्ध इन भैरव देव की उपासना कल्पवृक्ष के समान फलदायी है। बटुक भैरव भगवान का बाल रूप है। इन्हें आनंद भैरव भी कहते हैं। उक्त सौम्य स्वरूप की आराधना शीघ्र फलदायी है।
यह कार्य में सफलता के लिए महत्वपूर्ण है। उक्त आराधना के लिए मंत्र है- ।।ॐ ह्रीं बटुकाय आपदुद्धारणाचतु य कुरु कुरु बटुकाय ह्रीं ॐ।।
भैरव आराधना : – एकमात्र भैरव की आराधना से ही शनि का प्रकोप शांत होता है। आराधना का दिन रविवार और मंगलवार नियुक्त है। पुराणों के अनुसार भाद्रपद माह को भैरव पूजा के लिए अति उत्तम माना गया है। उक्त माह के रविवार को बड़ा रविवार मानते हुए व्रत रखते हैं। आराधना से पूर्व जान लें कि कुत्ते को कभी दुत्कारे नहीं बल्कि उसे भरपेट भोजन कराएँ। जुआ, सट्टा, शराब, ब्याजखोरी, अनैतिक कृत्य आदि आदतों से दूर रहें। दाँत और आँत साफ रखें। पवित्र होकर ही सात्विक आराधना करें। अपवित्रता वर्जित है।
भैरव तंत्र : – योग में जिसे समाधि पद कहा गया है, भैरव तंत्र में भैरव पद या भैरवी पद प्राप्त करने के लिए भगवान शिव ने देवी के समक्ष 112 विधियों का उल्लेख किया है जिनके माध्यम से उक्त अवस्था को प्राप्त हुआ जा सकता है।
लोक देवता : – लोक जीवन में भगवान भैरव को भैरू महाराज, भैरू बाबा, मामा भैरव, नाना भैरव आदि नामों से जाना जाता है। कई समाज के ये कुल देवता हैं और इन्हें पूजने का प्रचलन भी भिन्न-भिन्न है, जो कि विधिवत न होकर स्थानीय परम्परा का हिस्सा है। यह भी उल्लेखनीय है कि भगवान भैरव किसी के शरीर में नहीं आते।
पालिया महाराज : – सड़क के किनारे भैरू महाराज के नाम से ज्यादातर जो ओटले या स्थान बना रखे हैं दरअसल वे उन मृत आत्माओं के स्थान हैं जिनकी मृत्यु उक्त स्थान पर दुर्घटना या अन्य कारणों से हो गई है। ऐसे किसी स्थान का भगवान भैरव से कोई संबंध नहीं। उक्त स्थान पर मत्था टेकना मान्य नहीं है।
भैरव चरित्र : – भैरव के चरित्र का भयावह चित्रण कर तथा घिनौनी तांत्रिक क्रियाएं कर लोगों में उनके प्रति एक डर और उपेक्षा का भाव भरने वाले तांत्रिकों और अन्य पूजकों को भगवान भैरव माफ करें। दरअसल भैरव वैसे नहीं है जैसा कि उनका चित्रण किया गया है। वे मांस और मदिरा से दूर रहने वाले शिव और दुर्गा के भक्त हैं। उनका चरित्र बहुत ही सौम्य, सात्विक और साहसिक है।
उनका कार्य है शिव की नगरी काशी की सुरक्षा करना और समाज के अपराधियों को पकड़कर दंड के लिए प्रस्तुत करना। जैसे एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी, जिसके पास जासूसी कुत्ता होता है। उक्त अधिकारी का जो कार्य होता है वही भगवान भैरव का कार्य है।
भैरव मंदिर : – काशी का काल भैरव मंदिर सर्वश्रेष्ठ माना जाता है। काशी विश्वनाथ मंदिर से भैरव मंदिर कोई डेढ़-दो किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। दूसरा नई दिल्ली के विनय मार्ग पर नेहरू पार्क में बटुक भैरव का पांडवकालीन मंदिर अत्यंत प्रसिद्ध है।
तीसरा उज्जैन के काल भैरव की प्रसिद्धि का कारण भी ऐतिहासिक और तांत्रिक है। नैनीताल के समीप घोड़ा खाड़ का बटुकभैरव मंदिर भी अत्यंत प्रसिद्ध है। यहां गोलू देवता के नाम से भैरव की प्रसिद्धि है। इसके अलावा शक्तिपीठों और उपपीठों के पास स्थित भैरव मंदिरों का महत्व माना गया है|
जिनका आज जन्मदिन है उनको हार्दिक शुभकामनाएं बधाई और शुभाशीष
दिनांक 11 को जन्मे व्यक्ति का मूलांक 2 होगा, इस मूलांक को चंद्र ग्रह संचालित करता है। चंद्र ग्रह मन का कारक होता है। आप अत्यधिक भावुक होते हैं। ग्यारह की संख्या आपस में मिलकर दो होती है इस तरह आपका मूलांक दो होगा। आप स्वभाव से शंकालु भी होते हैं। दूसरों के दु:ख दर्द से आप परेशान हो जाना आपकी कमजोरी है। चंद्र ग्रह स्त्री ग्रह माना गया है। अत: आप अत्यंत कोमल स्वभाव के हैं।
आपमें अभिमान तो जरा भी नहीं होता। चंद्र के समान आपके स्वभाव में भी उतार-चढ़ाव पाया जाता है। आप अगर जल्दबाजी को त्याग दें तो आप जीवन में बहुत सफल होते हैं। आप मानसिक रूप से तो स्वस्थ हैं लेकिन शारीरिक रूप से आप कमजोर हैं।
शुभ दिनांक : 2, 11, 20, 29
शुभ अंक : 2, 11, 20, 29, 56, 65, 92
शुभ वर्ष : 2027, 2029, 2036
ईष्टदेव : भगवान शिव, बटुक भैरव
शुभ रंग : सफेद, हल्का नीला, सिल्वर ग्रे
जन्मतिथि के अनुसार भविष्यफल :
किसी नवीन कार्य योजनाओं की शुरुआत करने से पहले बड़ों की सलाह लें। बगैर देखे किसी कागजात पर हस्ताक्षर ना करें। व्यापार-व्यवसाय की स्थिति ठीक-ठीक रहेगी। स्वास्थ्य की दृष्टि से संभल कर चलने का वक्त होगा। पारिवारिक विवाद आपसी मेलजोल से ही सुलझाएं। दखलअंदाजी ठीक नहीं रहेगी। लेखन से संबंधित मामलों में सावधानी रखना होगी।
आज का राशिफल
मेष दैनिक राशिफल (Aries Daily Horoscope)
आज का दिन आपके लिए आर्थिक दृष्टिकोण से अच्छा रहने वाला है। आपको अपने धन संबंधित मामलों में खुशी मिलेगी। बिजनेस में भी आपको अच्छा मुनाफा मिलने की संभावना है। कार्यक्षेत्र में आपको कामों को करने में आसानी होगी, क्योंकि आपके जूनियर आपकी पूरी मदद करेंगे, लेकिन आपके कुछ शत्रु परेशान करने की कोशिश करेंगे। आप किसी धार्मिक आयोजन में सम्मिलित हो सकते हैं, जिससे आपकी साख चारों ओर फैलेगी।
वृषभ दैनिक राशिफल (Taurus Daily Horoscope)
आज का दिन आपके लिए सामान्य रहने वाला है। आप कामों को लेकर ज्यादा टेंशन नहीं लेंगे। संतान के करियर को लेकर आप कोई बड़ा इन्वेस्टमेंट कर सकते हैं। परिवार का यदि कोई मुद्दा कानून में चल रहा था, तो उसको लेकर आपको ध्यान देने की आवश्यकता है, नहीं तो वह और लंबा खिंच सकता है। जीवनसाथी के लिए आप किसी नए काम की शुरुआत कर सकते हैं। आप अपने घरेलू कामों को निपटाने के पूरी कोशिश करेंगे।
मिथुन दैनिक राशिफल (Gemini Daily Horoscope)
आज का दिन आपके लिए खर्चो भरा रहने वाला है। आपके कुछ शत्रु आपको परेशान करने की कोशिश करेंगे। आपको किसी काम को लेकर यदि कोई चिंता थी, तो वह भी दूर होगी। आप यदि अपने किसी काम को लेकर दूसरे पर डिपेंड थे, तो उसे पूरा होने में समस्या आएगी। दान धर्म की भावना आपके मन में बनी रहेगी। आपकी यदि कोई प्रिय वस्तु खो हो गई थी, तो उसके भी आपको मिलने की संभावना है। आपको अपनी भावनाओं पर काबू रखना होगा।
कर्क दैनिक राशिफल (Cancer Daily Horoscope)
आज का दिन आपके लिए लंबे समय से रुके हुए कामों को पूरा करने के लिए रहेगा। प्रेम जीवन जी रहे लोगों में नई ताजगी आएगी। आप अपने बिजनेस के कामों को लेकर किसी यात्रा पर जा सकते हैं। आपकी सेहत में उतार-चढ़ाव बना रहेगा। जीवनसाथी को आपकी कोई बात बुरी लग सकती है, जिससे दोनों के बीच वाद-विवाद की स्थिति खड़ी हो सकती है। आप दिल से लोगों का भला सोचेंगे, लेकिन लोगों इसे आपका स्वार्थ समझ सकते हैं। कोई पुराना मित्र आपसे लंबे समय बाद मिलने आ सकता है।
सिंह दैनिक राशिफल (Leo Daily Horoscope)
आज का दिन आपके लिए मध्यम रूप से फलदायक रहने वाला है। विद्यार्थियों को अपने गुरुजनों का पूरा सहयोग मिलेगा। वाहन की खराबी के कारण आपका धन खर्च बढ़ सकता है। आपको अपने भविष्य को लेकर योजना बनाकर चलने की आवश्यकता है। लेनदेन से संबंधित मामलों में आप बिल्कुल ढील न दें। आपको किसी लिए गए फैसले के लिए पछतावा होगा। पारिवारिक मामलों में भाई व बहनों का आपको पूरा साथ मिलेगा, जो लोग रोजगार की तलाश में इधर-उधर भटक रहे हैं, उन्हें कोई शुभ सूचना सुनने को मिल सकती है।
कन्या दैनिक राशिफल (Virgo Daily Horoscope)
आज का दिन आपके लिए व्यस्तता भरा रहने वाला है। आपको एक साथ कई काम हाथ लगने से आपकी व्याकाग्रता बढ़ेगी। प्रेम जीवन जी रहे लोग अपने साथी को लेकर डेट पर जाने की प्लानिंग कर सकते हैं। माता-पिता की सेवा में आप दिन का काफी समय लगाएंगे। संतान को तरक्की करते देख आपको खुशी होगी। आप राजनीति में भी कदम बढ़ाने के बारे में सोच विचार कर सकते हैं। आपको यदि कोई शारीरिक समस्या चल रही है, तो उसके लिए आपको किसी अच्छे डॉक्टर से परामर्श लेना होगा।
तुला दैनिक राशिफल (Libra Daily Horoscope)
आज का दिन आपके लिए बाकी दिनों की तुलना में बेहतर रहने वाला है। आपके कुछ नए प्रयास सफल होंगे। विदेशो से व्यापार कर रहे लोगों को कोई शुभ सूचना सुनने को मिल सकती है। आपकी तरक्की की राह में आ रही बाधा दूर होगी। आप किसी धार्मिक कार्यक्रम में सम्मिलित होंगे। यदि आपको धन संबंधित कोई समस्या चल रही थी, तो वह भी काफी हद तक दूर होगी। आप किसी नए वाहन की खरीदारी करेंगे, जिसे आपको सावधानी से चलना होगा। आपको किसी पुरानी गलती से सबक लेना होगा।
वृश्चिक दैनिक राशिफल (Scorpio Daily Horoscope)
आज का दिन आपके लिए सामान्य रहने वाला है। यदि आप किसी घर मकान आदि की खरीदारी के लिए कोई लोन अप्लाई कर रहे थे, तो उसके मिलने में आपको आसानी होगी। आपकी कोई मन की इच्छा पूरी होने से खुशी का ठिकाना नहीं रहेगा। जीवनसाथी की सलाह आपके बिजनेस के लिए कारगर सिद्ध होगी। अविवाहित जातकों के जीवन में किसी नए मेहमान की दस्तक हो सकती है। आपको किसी काम को लेकर जल्दबाजी नहीं दिखानी है।
धनु दैनिक राशिफल (Sagittarius Daily Horoscope)
आज का दिन आपके लिए मौज मस्ती भरा रहने वाला है। परिवार में किसी सदस्य के विवाह की बात पक्की हो सकती है। आप अपने दोस्तों के साथ कहीं घूमने फिरने जा सकते हैं। बिजनेस को लेकर आप कोई जल्दबाजी में न ले। आप किसी डील को लेकर थोड़ी समझदारी दिखाएं, तभी उसे फाइनल करें। आप अपने जरूरत की वस्तुओं की खरीददारी पर अच्छा खासा धन व्यय करेंगे। पार्टनरशिप में कोई काम करना आपके लिए अच्छा रहेगा।
मकर दैनिक राशिफल (Capricorn Daily Horoscope)
आज का दिन आपके लिए तनावग्रस्त रहने वाला है। धार्मिक कार्यों में आपकी काफी रुचि रहेगी। व्यापार करने वाले जातकों को अच्छा मुनाफा मिलता दिख रहा है। आपको किसी काम को लेकर ज्यादा टेंशन लेने की आवश्यकता नहीं है। आपकी सेहत में यदि कुछ समस्या चल रही थी, तो वह भी काफी हद तक दूर होगी। आपको जीवनसाथी की ओर से कोई सरप्राइज गिफ्ट मिल सकता है। आपके कुछ नए विरोधी उत्पन्न हो सकते हैं, जिनसे आपको बचना होगा।
कुंभ दैनिक राशिफल (Aquarius Daily Horoscope)
आज का दिन सामाजिक क्षेत्रों में कार्यरत लोगों के लिए अच्छा रहने वाला है। शासन व सता का आपको पूरा लाभ मिलेगा। पारिवारिक संपत्ति को लेकर यदि कोई वाद विवाद चल रहा था, तो वह भी दूर होता दिख रहा है। आप किसी काम में बिना सोचे समझे हाथ ना बढ़ाएं। आपकी संतान आपसे किसी चीज की फरमाइश कर सकती है, जिसे आपको पूरी अवश्य करना होगा। आप किसी धार्मिक आयोजन में सम्मिलित हो सकते हैं। अविवाहित जातकों के जीवन में किसी नए मेहमान की दस्तक हो सकती है।
मीन दैनिक राशिफल (Pisces Daily Horoscope)
आज का दिन आपके लिए मिश्रित रूप से फलदायक रहने वाला है। पारिवारिक सदस्यों में एकता बनी रहेगी। रक्त संबंधी रिश्तो में मजबूती आएगी। परिवार के सभी सदस्य प्रसन्न रहेंगे। भाई व बहनों से यदि संबंधों में कुछ कटुता चल रही थी, तो वह भी बातचीत के जरिए दूर होगी। ससुराल पक्ष का कोई व्यक्ति आपसे मिलने आ सकता है। व्यापार में बढ़ोतरी होने से खुशी होगी। आप अपने कामों को लेकर काफी व्यस्त रहेंगे। आपको अपने पिताजी से कामों को लेकर अच्छा मार्गदर्शन मिले
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10 January 2025: Vaidik Panchang and Horoscope