~ वैदिक पंचांग (Vaidik Panchang)
⛅दिनांक – 22 अक्टूबर 2024
⛅दिन – मंगलवार
⛅विक्रम संवत् – 2081
⛅अयन – दक्षिणायन
⛅ऋतु – शरद
⛅मास – कार्तिक
⛅पक्ष – कृष्ण
⛅तिथि – षष्ठी रात्रि 01:28 अक्टूबर 23 तक तत्पश्चात सप्तमी
⛅नक्षत्र – आर्द्रा प्रातः 05:38 अक्टूबर 23 तक तत्पश्चात पुनर्वसु
⛅योग – परिघ प्रातः 08:46 तक, तत्पश्चात शिव
⛅राहु काल – दोपहर 03:16 से शाम 04:42 तक
⛅सूर्योदय – 06:40
⛅सूर्यास्त – 06:08
⛅दिशा शूल – उत्तर दिशा में
⛅ब्राह्ममुहूर्त – प्रातः 04:59 से 05:50 तक
⛅अभिजीत मुहूर्त – दोपहर 12:01 से दोपहर 12:47 तक
⛅निशिता मुहूर्त- रात्रि 11:59 अक्टूबर 22 से रात्रि 12:49 अक्टूबर 23 तक
⛅ व्रत पर्व विवरण – त्रिपुष्कर योग
⛅विशेष – षष्ठी को नीम की पत्ती, फल या दातुन मुँह में डालने से नीच योनियों की प्राप्ति होती है।(ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)
कार्तिक माहात्म्य
राजा पृथु ने कहा:-
‘हे मुनिश्रेष्ठ नारद जी! आपने कार्तिक माह के व्रत में जो तुलसी की जड़ में भगवान विष्णु का निवास बताकर उस स्थान की मिट्टी की पूजा करना बतलाया है, अत: मैं श्री तुलसी जी के माहात्म्य को सुनना चाहता हूँ। तुलसी जी कहाँ और किस प्रकार उत्पन्न हुई, यह बताने की कृपा करें।’
नारद जी बोले–‘राजन! अब आप तुलसी जी की महत्ता तथा उनके जन्म का प्राचीन इतिहास ध्यानपूर्वक सुनिए –
एक बार देवगुरु बृहस्पति और देवराज इन्द्र भगवान शंकर का दर्शन करने कैलाश पर्वत की ओर चले तब भगवान शंकर ने अपने भक्तों की परीक्षा लेने के लिए जटाधारी दिगम्बर का रूप धारण कर उन दोनों के मार्ग में अवरोध उत्पन्न किया यद्यपि वह तेजस्वी, शान्त, लम्बी भुजा और चौड़ी छाती वाले, गौर वर्ण, अपने विशाल नेत्रों से युक्त तथा सिर पर जटा धारण किये वैसे ही बैठे थे तथापि उन भगवान शंकर को न पहचान कर इन्द्र ने उनसे उनका नाम व धाम आदि पूछते हुए कहा कि क्या भगवान शंकर अपने स्थान पर हैं या कहीं गये हुए हैं ?’
इस पर तपस्वी रूप भगवान शिव कुछ नहीं बोले। इन्द्र को अपने त्रिलोकीनाथ होने का गर्व था, उसी अहंकार के प्रभाव से वह चुप किस प्रकार रह सकता था, उसने क्रोधित होते हुए उस तपस्वी को धुड़ककर कहा।
इन्द्र ने कहा–‘अरे! मैंने तुझसे कुछ पूछा है और तू उसका उत्तर भी नहीं देता, मैं अभी तुझ पर वज्र का प्रहार करता हूँ फिर देखता हूँ कि कौन तुझ दुर्मति की रक्षा करता है।’
इस प्रकार कहकर जैसे ही इन्द्र ने उस जटाधारी दिगम्बर को मारने के लिए हाथ में वज्र लिया वैसे ही भगवान शिव ने वज्र सहित इन्द्र का हाथ स्तम्भित कर दिया और विकराल नेत्र कर उसे देखा।
उस समय ऐसा प्रतीत हो रहा था कि वह दिगम्बर प्रज्वलित हो उठा है और वह अपने तेज से जला देगा। भुजाएँ स्तम्भित होने के कारण इन्द्र दुखित होने के साथ-साथ अत्यन्त कुपित भी हो गया परन्तु उस जटाधारी दिगम्बर को प्रज्वलित देखकर बृहस्पति जी ने उन्हें भगवान शंकर जानकर प्रणाम किया और दण्डवत होकर उनकी स्तुति करने लगे।
बृहस्पति भगवान शंकर से कहने लगे–‘हे दीनानाथ! हे महादेव! आप अपने क्रोध को शान्त कर लीजिए और इन्द्र के इस अपराध को क्षमा कीजिए।’
बृहस्पति के यह वचन सुनकर भगवान शंकर ने गम्भीर वाणी में कहा–‘मैं अपने नेत्रों से निकाले हुए क्रोध को किस प्रकार रोकूँ ’?
तब बृहस्पति ने कहा–‘भगवन्! आप अपना भक्तवत्सल नाम सार्थक करते हुए अपने भक्तों पर दया कीजिए। आप अपने इस तेज को अन्यत्र स्थापित कीजिए और इन्द्र का उद्धार कीजिए।’
भगवान शंकर गुरु बृहस्पति से बोले–‘मैं तुम्हारी स्तुति से अत्यन्त प्रसन्न हूँ। तुमने इन्द्र को जीवनदान दिलवाया है। मुझे विश्वास है कि मेरे नेत्रों की अग्नि अब इन्द्र को पीड़ित नहीं करेगी।’
बृहस्पति से इस प्रकार कहकर भगवान शिव ने अपने मस्तक से निकाले हुए अग्निमय तेज को अपने हाथों में ले लिया और फिर उसे क्षीर सागर में डाल दिया।
तत्पश्चात भगवान शंकर अन्तर्ध्यान हो गये। इस प्रकार जिसको जो जानने की कामना थी उसे जानकर इन्द्र तथा बृहस्पति अपने-अपने स्थान को चले गये।’
🌷 कार्तिक में दीपदान 🌷
🔥 दीपदान कहाँ करें 🔥
🙏🏻 लिंगपुराण के अनुसार
🌷 कार्तिके मासि यो दद्याद्धृतदीपं शिवाग्रतः।।
संपूज्यमानं वा पश्येद्विधिना परमेश्वरम्।।
➡ जो कार्तिक महिने में शिवजी के सामने घृत का दीपक समर्पित करता है अथवा विधान के साथ पूजित होते हुए परमेश्वर का दर्शन श्रद्धापूर्वक करता है, वह ब्रह्मलोक को जाता है।
🌷 यो दद्याद्धृतदीपं च सकृल्लिंगस्य चाग्रतः।।
स तां गतिमवाप्नोति स्वाश्रमैर्दुर्लभां रिथराम्।।
➡ जो शिव के समक्ष एक बार भी घृत का दीपक अर्पित करता है, वह वर्णाश्रमी लोगों के लिये दुर्लभ स्थिर गति प्राप्त करता है।
🌷 आयसं ताम्रजं वापि रौप्यं सौवर्णिकं तथा।।
शिवाय दीपं यो दद्याद्विधिना वापि भक्तितः।।
सूर्यायुतसमैः श्लक्ष्णैर्यानैः शिवपुरं व्रजेत्।।
➡ जो विधान के अनुसार भक्तिपूर्वक लोहे, ताँबे, चाँदी अथवा सोने का बना हुआ दीपक शिव को समर्पित है, वह दस हजार सूर्यों के सामान देदीप्यमान विमानों से शिवलोक को जाता है।
🙏🏻 अग्निपुराण के 200 वे अध्याय के अनुसार
🔥 जो मनुष्य देवमन्दिर अथवा ब्राह्मण के गृह में एक वर्ष दीपदान करता है, वह सबकुछ प्राप्त कर लेता है।
🔥 कार्तिक में दीपदान करने वाला स्वर्गलोक को प्राप्त होता है।
🔥 दीपदान से बढ़कर न कोई व्रत है, न था और न होगा ही।
🔥 दीपदान से आयु और नेत्रज्योति की प्राप्ति होती है।
🔥 दीपदान से धन और पुत्रादि की प्राप्ति होती है।
🔥 दीपदान करने वाला सौभाग्ययुक्त होकर स्वर्गलोक में देवताओं द्वारा पूजित होता है।
🙏🏻 एकादशी को दीपदान करने वाला स्वर्गलोक में विमान पर आरूढ़ होकर प्रमुदित होता है।
🌷 दीपदान कैसे करें 🌷
🔥 मिट्टी, ताँबा, चाँदी, पीतल अथवा सोने के दीपक लें। उनको अच्छे से साफ़ कर लें। मिटटी के दीपक को कुछ घंटों के लिए पानी में भिगो कर सुखा लें। उसके पश्च्यात प्रदोषकाल में अथवा सूर्यास्त के बाद उचित समय मिलने पर दीपक, तेल, गाय घी, बत्ती, चावल अथवा गेहूँ लेकर मंदिर जाएँ। घी में रुई की बत्ती तथा तेल के दीपक में लाल धागे या कलावा की बत्ती इस्तेमाल कर सकते हैं। दीपक रखने से पहले उसको चावल अथवा गेहूं अथवा सप्तधान्य का आसन दें। दीपक को भूल कर भी सीधा पृथ्वी पर न रखें क्योंकि कालिका पुराण का कथन है ।
🌷 *दातव्यो न तु भूमौ कदाचन। सर्वसहा वसुमती सहते न त्विदं द्वयम्।।
अकार्यपादघातं च दीपतापं तथैव च। तस्माद् यथा तु पृथ्वी तापं नाप्नोति वै तथा।।
➡ अर्थात सब कुछ सहने वाली पृथ्वी को अकारण किया गया पदाघात और दीपक का ताप सहन नही होता ।
🔥 उसके बाद एक तेल का दीपक शिवलिंग के समक्ष रखें और दूसरा गाय के घी का दीपक श्रीहरि नारायण के समक्ष रखें। उसके बाद दीपक मंत्र पढ़ते हुए दोनों दीप प्रज्वलित करें। दीपक को प्रणाम करें। दारिद्रदहन शिवस्तोत्र तथा गजेन्द्रमोक्ष का पाठ करें।
🌷 पाँच दिन जरूर जरूर करें दीपदान 🌷
🙏🏻 अगर किसी विशेष कारण से कार्तिक में प्रत्येक दिन आप दीपदान करने में असमर्थ हैं तो पांच विशेष दिन जरूर करें।
🙏🏻 पद्मपुराण, उत्तरखंड में स्वयं महादेव कार्तिकेय को दीपावली, कार्तिक कृष्णपक्ष के पाँच दिन में दीपदान का विशेष महत्व बताते हैं:
🌷 कृष्णपक्षे विशेषेण पुत्र पंचदिनानि च
पुण्यानि तेषु यो दत्ते दीपं सोऽक्षयमाप्नुयात्
➡ बेटा! विशेषतः कृष्णपक्ष में 5 दिन (रमा एकादशी से दीपावली तक) बड़े पवित्र हैं। उनमें जो भी दान किया जाता है, वह सब अक्षय और सम्पूर्ण कामनाओं को पूर्ण करने वाला होता है।
🌷 तस्माद्दीपाः प्रदातव्या रात्रावस्तमते रवौ
गृहेषु सर्वगोष्ठेषु सर्वेष्वायतनेषु च
देवालयेषु देवानां श्मशानेषु सरस्सु च
घृतादिना शुभार्थाय यावत्पंचदिनानि च
पापिनः पितरो ये च लुप्तपिंडोदकक्रियाः
तेपि यांति परां मुक्तिं दीपदानस्य पुण्यतः
➡ रात्रि में सूर्यास्त हो जाने पर घर में, गौशाला में, देववृक्ष के नीचे तथा मन्दिरों में दीपक जलाकर रखना चाहिए। देवताओं के मंदिरों में, शमशान में और नदियों के तट पर भी अपने कल्याण के लिए घृत आदि से पाँच दिनों तक दीप जलाने चाहिए। ऐसा करने से जिनके श्राद्ध और तर्पण नहीं हुए हैं, वे पापी पितर भी दीपदान के पुण्य से परम मोक्ष को प्राप्त होते हैं।
🌷 शालिग्राम का दान 🌷
🙏🏻 स्कन्दपुराण के अनुसार
🌷 सप्तसागरपर्यंतं भूदानाद्यत्फलं भवेत् ।।
शालिग्रामशिलादानात्तत्फलं समवाप्नुयात् ।।
शालिग्रामशिलादानात्कार्तिके ब्राह्मणी यथा ।।
➡ सात समुद्रों तक की पृथ्वी का दान करने से जो फल प्राप्त होता है, शालिग्राम शिला के दान से मनुष्य उसी फल को पा लेता है । अतः कार्तिक मास में स्नान तथा श्रध्दा पूर्वक शालिग्राम शिला का दान अवश्य करना चाहिए।
🔹स्वस्थ व मजबूत दाँतों के लिए क्या करें ?🔹
१] दाँतों की सफाई के लिए दातुन या आयुर्वेदिक मंजन का उपयोग करें | मंजन मध्यमा (सबसे बड़ी) ऊँगली से करें ।
२] हफ्ते या १५ दिन में एक दिन सरसों के तेल में नमक मिला के ऊँगली से दाँतों व मसूड़ों की अच्छी तरह मालिश करें ।
३] शौच के समय दाँतों को अच्छी तरह भींचकर बैठने से दाँत स्वस्थ रहते हैं ।
४] सोने से पहले व भोजन के बाद दाँतों को अच्छे-से साफ करना चाहिए ।
🔹क्या न करें ?🔹
१] तर्जनी ऊँगली (अँगूठे के पासवाली पहली ऊँगली) से मंजन कभी नही करना चाहिए, इससे दाँत कमजोर होते हैं ।
२] बहुत ठंडे या बहुत गर्म पदार्थों का सेवन न करें, यह दाँतों को हानि पहुँचाता है ।
३] गुटखा, तम्बाकू, चॅाकलेट्स, खट्टे पदार्थ आदि के सेवन व पान चबाने से दाँतों को हानि पहुँचती है ।
४] सुई अथवा अन्य नुकीली या धारदार वस्तु दाँतों के बीच कभी नहीं घुसानी चाहिए ।
आज का सुविचार
रिश्तों के लिए बुद्धि नहीं दिल की शुद्धि होना आवश्यक है॥
जिनका आज जन्मदिन है उनको हार्दिक शुभकामनाएं बधाई और शुभ आशीष
दिनांक 22 को जन्मे व्यक्ति का मूलांक 4 होगा। इस अंक से प्रभावित व्यक्ति जिद्दी, कुशाग्र बुद्धि वाले, साहसी होते हैं। ऐसे व्यक्ति को जीवन में अनेक परिवर्तनों का सामना करना पड़ता है। जैसे तेज स्पीड से आती गाड़ी को अचानक ब्रेक लग जाए ऐसा उनका भाग्य होगा। लेकिन यह भी निश्चित है कि इस अंक वाले अधिकांश लोग कुलदीपक होते हैं। आपका जीवन संघर्षशील होता है। इनमें अभिमान भी होता है। ये लोग दिल के कोमल होते हैं किन्तु बाहर से कठोर दिखाई पड़ते हैं। इनकी नेतृत्व क्षमता के लोग कायल होते हैं।
शुभ दिनांक : 4, 8, 13, 22, 26, 1
शुभ अंक : 4, 8,18, 22, 45, 57
शुभ वर्ष : 2031, 2040, 2060
ईष्टदेव : श्री गणेश, श्री हनुमान,
शुभ रंग : नीला, काला, भूरा
जन्मतिथि के अनुसार भविष्यफल :
यह वर्ष पिछले वर्ष के दुष्प्रभावों को दूर करने में सक्षम है। आपको सजग रहकर कार्य करना होगा। परिवारिक मामलों में सहयोग के द्वारा सफलता मिलेगी। मान-सम्मान में वृद्धि होगी, वहीं मित्र वर्ग का सहयोग मिलेगा। नवीन व्यापार की योजना प्रभावी होने तक गुप्त ही रखें। शत्रु पक्ष पर प्रभावपूर्ण सफलता मिलेगी। नौकरीपेशा प्रयास करें तो उन्नति के चांस भी है। विवाह के मामलों में आश्चर्यजनक परिणाम आ सकते हैं।
आज का राशिफल
मेष🐐 (चू, चे, चो, ला, ली, लू, ले, लो, अ)
आज आप अपने बुद्धि एवं कार्य कौशल से परिवार एवं सार्वजनिक क्षेत्र पर प्रभाव बनाएंगे। लेकिन प्रत्येक क्रिया को संदेह की दृष्टि से देखने के कारण किसी से झगड़ा भी हो सकता है। आर्थिक स्थिति अचनाक धन लाभ होने से सुधरेगी आज आप इच्छा पूर्ति एवं सुखोपभोग पर खर्च करने में सोचेंगे नही। घरेलु कार्यो के कारण व्यवसायिक कार्य स्थगित करने पड़ सकते है इसका विपरीत असर भी अवश्य देखने को मिलेगा। किसी मांगलिक कार्यक्रम के लिये खरीददारी पर भी अधिक खर्च होगा। कार्य क्षेत्र से शुभ समाचार मिलने से मन की चिंता दूर होगी। संध्या का समय मौज-शौक पूर्ण करने में बितायेंगे। स्त्री वर्ग के कारण पीड़ा हो सकती है।
वृष🐂 (ई, ऊ, ए, ओ, वा, वी, वू, वे, वो)
आज के दिन आप काम-काज से मन चुरायेंगे। घरेलू कार्य भी आज आपको आफत ही लगेंगे इसकी जगह मौज शौक यात्रा पर्यटन की तरफ ज्यादा आकर्षित होंगे जहां आवश्यकता नही वहां भी खर्च करेंगे। मान सम्मान मिलने से अहम की भावना भी रहेगी। व्यवसाय के अलावा भी आज विविध क्षेत्रों से लाभ मिल सकता है परन्तु सहकर्मियों का कम सहयोग मिलने से पूर्ण सफल नही हो पाएंगे। धार्मिक एवं सामाजिक क्षेत्र के लिये भी समय निकालेंगे। समाज के प्रतिष्ठित लोगो से जान पहचान बढ़ेगी। घरेलु आवश्यकताओ की पूर्ति पर अधिक खर्च करेंगे। मनोरंजन के लिए पर्यटन पर भी जाने के अवसर आएंगे। स्त्री सुख मिलेगा।
मिथुन👫 (का, की, कू, घ, ङ, छ, के, को, हा)
आज आपको हर जगह अनुकूल वातावरण मिलेगा परन्तु आज एक साथ कई काम आने से दुविधा में पड़ जाएंगे जिससे विलंब होगा। मध्यान बाद आप सभी कार्यो को धैर्य से सोच समझ कर करेंगे इसलिए सफलता की संभावना भी अधिक रहेगी। कार्य क्षेत्र पर नौकरों की लापरवाही के कारण हानि हो सकती है। मध्यान का समय धन लाभ वाला रहेगा। नविन योजनाओं से भी आज लाभ होगा। महिलाये आज पुरुषों की अपेक्षा ज्यादा खर्चीली रहेंगी लेकिन खर्च अनावश्यक नही होंगे। मनोरंज के लिये भी समय निकाल लेंगे। परिजनों के साथ पर्यटन भोजन पर जाएंगे घर का वातावरण कुछ समय के लिये उग्र बनेगा।
कर्क🦀 (ही, हू, हे, हो, डा, डी, डू, डे, डो)
आज के दिन परिस्थितियां बाधा डालने वाली बन रही है आवश्यक कार्यो को टालना ही बेहतर रहेगा। आज किसी ना किसी रूप में धन हानि की संभावना है। उधारी जल्द चुकाने का प्रयास करें अन्यथा मानभंग हो सकता है। कार्य व्यवसाय को लेकर चिंतित रहेंगे। समय पर कार्य पूरा ना कर पाने के कारण शर्मिंदगी झेलनी पड़ सकती है। क्रोध भी आज सामान्य से अधिक रहने से घर-बाहर का वातावरण अशान्त बनेगा। कार्य क्षेत्र पर अधिक परिश्रम करने पर भी अल्प लाभ से संतोष करना पड़ेगा। सेहत में उतार-चढ़ाव बना रहेगा। आज परिवार की आवश्यकता पूर्ती करने में असमर्थ रहेंगे। महिलाओ का मन किसी अरिष्ट की आशंका से व्याकुल रहेगा।
सिंह🦁 (मा, मी, मू, मे, मो, टा, टी, टू, टे)
आज का दिन लाभदायक रहेगा। प्रातः काल का समय आलस्य में खराब होगा परन्तु इसके बाद कही से प्रसन्नता दायक समाचार मिलेंगे। कार्य क्षेत्र पर आज आप मध्यान तक कि गतिविधियों से दिन भर का लाभ कमा लेंगे। नौकरी वाले जातक आज आराम करना पसंद करेंगे। व्यवसाय में बेजिझक निवेश करेंगे शीघ्र ही इसका लाभ मिलेगा। आपकी अथवा किसी सहकर्मी की गलती से हानि होने की भी सम्भावना है परंतु इसका दैनिक क्रियाओं पर ज्यादा असर नहीं पड़ेगा। घर के सदस्य आपसे कई उम्मीदे लगाए रहेंगे संभवतः उन्हें निराश नही करेंगे। स्त्रीवर्ग आपकी मनोदशा को भली भांति समझेगी।
कन्या👩 (टो, पा, पी, पू, ष, ण, ठ, पे, पो)
आज का दिन आप सुख-शांति से बिताएंगे। कार्य व्यवसाय में कम मेहनत के बाद भी अधिक लाभ होने से आर्थिक पक्ष पहले से बेहतर बनेगा। मनोरंजन अथवा अन्य घरेलू सुखों पर खर्च करने के लिये ज्यादा सोचना नही पड़ेगा। परिजन आज आपकी पसंद का विशेष ख्याल रखेंगे। किसी से धन संबंधित व्यवहारों को लेकर कहाँ-सुनी होने की संभावना है। कार्य क्षेत्र पर अनदेखी के कारण लाभ होने में विलंब हो सकता है। संबंधो की लिहाज के कारण हानि भी उठानी पड़ सकती है। सेहत उत्तम बनी रहेगी। किसी ऐतिहासिक अथवा धार्मिक यात्रा का आयोजन करेंगे। धर्म-कर्म में आस्था रहेगी। परिजनों का साथ मिलेगा।
तुला⚖️ (रा, री, रू, रे, रो, ता, ती, तू, ते)
आज के दिन आप परिजनों के लिए भाग्यशाली साबित होंगे। आज भाग्य का साथ मिलने से आपके द्वारा जल्दबाजी में लिए निर्णय भी लाभ दिलाने वाले ही रहेंगे। पारिवारिक दायित्वों की पूर्ति भी आज समय पर करेंगे लेकिन आज विपरीत लिंगीय आकर्षण अधिक रहेगा जल्द ही बातों में आ जाएंगे। संतोषजनक व्यवसाय रहने से धन की आमद होगी। दैनिक कार्य में व्यस्तता अधिक रहेगी। घूमने-फिरने की योजनाएं बनाएंगे परन्तु इसमें व्यवधान आ सकते है। मध्यान के बाद स्थिति परेशानी वाली बनेगी परन्तु कुछ समय के लिये ही। बनते कामो में अड़चने आने लगेगी। व्यवसाय में किये वादे अंतिम समय पर ना निभा पाने के कारण खरी-खोटी सुन्नी पड़ेगी।
वृश्चिक🦂 (तो, ना, नी, नू, ने, नो, या, यी, यू)
आज आपके मन मे बड़ी-बड़ी योजनाए चलती रहेंगी लेकिन आज शारीरिक अस्वस्थता कार्यो में बाधा डालेगी। स्फूर्ति की कमी प्रातः काल से ही बनेगी दैनिक कार्यो को भी लाचारी में करना पड़ेगा। कार्य क्षेत्र पर मध्यान बाद लाभ के अवसर मिलेंगे लेकिन मन एकाग्र ना होने से उचित लाभ नही मिल सकेगा। आपकी प्रशंशा करने वाले भी पीठ पीछे आलोचना करेंगे। परन्तु इससे उदास ना हों अपने कार्य में निष्ठा से लगे रहे जल्द ही समय आपके अनुकूल बनेगा। आज अहम् को लेकर किसी से टकराव भी हो सकता है वाणी अथवा व्यवहार से किसी को ठेस ना पहुंचे इसका ध्यान रखें। आध्यत्म से जुड़ें मानसिक शान्ति मिलेगी।
धनु🏹 (ये, यो, भा, भी, भू, ध, फा, ढा, भे)
आज आप जो भी कार्य करेंगे वह अपना हो या किसी अन्य का उसमे सफलता अवश्य मिलेगी। स्वभाव में व्यवहारिकता रहने से लोग आपसे समीपता बढ़ाना चाहेंगे। कार्य क्षेत्र अथवा अन्य जगह किसी की सहायता करनी पड़ेगी इसमे धन एव समय खर्च होंगे लेकिन आत्मशांति भी मिलेगी। दोपहर बाद का समय अधिक सुखदायक रहेगा। बड़े बुजुर्गों अथवा अधिकारी वर्ग की कृपा दृष्टि रहने से आज मनमाना व्यवहार करेंगे अपनी बात मनवाने के लिए भी आज का दिन उपयुक्त है। जिद्दी व्यवहार के कारण पारिवारिक विवाद का कारण भी बन सकते है। ससुराल-अथवा मायके पक्ष से स्वार्थ सिद्धि की पूर्ति कर लेंगे। असंयमित खान-पान के कारण उदर शूल-कब्ज की शिकायत रहेगी।
मकर🐊 (भो, जा, जी, खी, खू, खा, खो, गा, गी)
आज के दिन आप भागदौड की जिंदगी को छोड़ चैन से समय व्यतीत करना पसंद करेंगे लेकिन आकस्मिक कार्य आने से आपकी यह कामना पूरी नही हो सकेगी। घर के सदस्य आपके व्यवहार में अचानक आई उदासीनता से परेशान होंगे। आप लाभ-हानि की परवाह किये बिना अपनी ही मस्ती में रहेंगे। किसी का हस्तक्षेप करने से विवाद पर भी उतर सकते है। प्रेम प्रसंगों में आपके गलत निर्णय के कारण हानि होगी। परिजन आज आपके ऊपर नजर लगाए हुए है किसी भी अनैतिक गतिविधि से दूरी बनाए रखें अन्यथा पारिवारिक सुख शांति बिगड़ सकती है। धन लाभ से खर्च ज्यादा रहेगा।
कुंभ🍯 (गू, गे, गो, सा, सी, सू, से, सो, दा)
आज के दिन आपके मन के विपरीत घटनायें घटित होंगी जिससे मन कुछ समय के लिये विचलित होगा लेकिन आज आपकी विवेक शक्ति प्रखर रहने से हर प्रकार की परिस्थितियों का सामना करने का साहस रहेगा। आज आप कार्य क्षेत्र पर धन कमाने से ज्यादा महत्त्व व्यवहार बनाने को देंगे। मध्यान बाद का अधिकांश समय आनंद प्रमोद में बितायेंगे। शारीरिक रूप से चुस्त रहेंगे। किसी मनोकामना की पूर्ति होने की संभावना है। धन लाभ के लिए थोड़ा इन्तजार करना पड़ेगा परन्तु निराश नहीं होंगे। परिजन-मित्रो के साथ उत्तम भोजन वाहन सुख मिलेगा। संध्या का समय प्रेम-प्यार के लिए भी यादगार रहेगा। खर्च लगे रहेंगे।
मीन🐳 (दी, दू, थ, झ, ञ, दे, दो, चा, ची)
आज के दिन भी स्थिति आपके पक्ष में ही रहेगी लेकिन आज आपका सनकी मिजाज लाभ में विलंब करेगा। परिजनों की सही बात को गलत सिद्ध करने पर झगड़ा हो सकता है कुछ देर में ही शांति स्थापित हो जाएगी। सामाजिक क्षेत्र पर पूर्व में किये गए कार्यो से सम्मान मिलेगा। समाज के सम्मानित व्यक्तियों के साथ उठना-बैठना होगा। पौराणीक धार्मिक क्षेत्रो के दर्शन की लालसा रहेगी शीघ्र ही इसके फलीभूत होने की सम्भवना है। दानपुण्य पर खर्च करेंगे। संध्या के समय मानसिक शान्ति के लिए मित्र-परिजनों के साथ बाहर घूमने की योजना बनाएंगे। परिवार में शांति रहेगी।
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