Friday, February 14, 2025
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21 October 2024: Vaidik Panchang and Horoscope

वैदिक पंचांग (Vaidik Panchang)
⛅दिनांक – 21 अक्टूबर 2024
⛅दिन – सोमवार
⛅विक्रम संवत् – 2081
⛅अयन – दक्षिणायन
⛅ऋतु – शरद
⛅मास – कार्तिक
⛅पक्ष – कृष्ण
⛅तिथि – पंचमी रात्रि 02:29 अक्टूबर 22 तक तत्पश्चात षष्ठी
⛅नक्षत्र – रोहिणी प्रातः 06:50 तक तत्पश्चात मृगशिरा
⛅योग – वरीयान् प्रातः 11:11 तक, तत्पश्चात परिघ
⛅राहु काल – प्रातः 08:05 से प्रातः 09:32 तक
⛅सूर्योदय – 06:39
⛅सूर्यास्त – 06:09
⛅दिशा शूल – पूर्व दिशा में
⛅ब्राह्ममुहूर्त – प्रातः 04:59 से 05:49 तक
⛅अभिजीत मुहूर्त – दोपहर 12:01 से दोपहर 12:47 तक
⛅निशिता मुहूर्त- रात्रि 11:59 अक्टूबर 21 से रात्रि 12:49 अक्टूबर 22 तक
⛅ व्रत पर्व विवरण – सर्वार्थ सिद्धि योग व अमृत सिद्धि योग (प्रातः 06:39 से प्रातः 05:51 अक्टूबर 22 तक)
⛅विशेष – पंचमी को बेल खाने से कलंक लगता है।(ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)

🔹नेत्रज्योति घटने व असमय चश्मा लगने के कारण
🔸बहुत ज्यादा व कम रोशनी में पढ़ने से, टी.वी., मोबाइल, लेपटॉप, कम्प्यूटर आदि के ज्यादा उपयोग से, रात्रि-जागरण, सुबह देर तक सोने से व दिन में सोने से, रात में स्नान करने से, धूल-धुएँ के आँखों में लगने से, नंगे सिर तेज धूप में बैठने या घूमने से, सूर्य को देखने से, नंगे पैर घूमने से, अंकुरित अनाज, दही, चाय-कॉफी, विरुद्ध आहार, फास्ट फूड आदि बाजारू चीजों तथा अधिक नमक, मसाले, खटाई वाले और तले हुए पदार्थों के सेवन से, रात को देरी से भोजन करने से तथा बिना प्यास के भी अधिक मात्रा में पानी पीने से आँखों की रोशनी कम होती है तथा असमय चश्मा लगाना पड़ता है ।

🔸आँखों को नुकसान पहुँचानेवाले उपरोक्त कारणों से बचें तथा नीचे दिये गये उपायों का अवलम्बन लें तो आपकी नेत्रज्योति सुरक्षित रहेगी और कम है तो बढ़ेगी ।

🔹नेत्रज्योति की सुरक्षा व वृद्धि के लिए🔹

🔸 सूर्योदय के समय हरी घास पर नंगे पैर चलें ।

🔸 हररोज प्रातः-सायं एक-एक मिनट तक पलकों को तेजी से खोलने तथा बंद करने का अभ्यास करें ।

🔸 नेत्रों की पलकों पर हाथ की उँगलियों को नाक से कान की दिशा में ले जाते हुए हलकी हलकी मालिश करें । पलकों से उँगलियाँ हटाते ही पलकें खोल दें और फिर पलकों पर उँगलियाँ लाते समय पलकों को बंद कर दें । यह प्रक्रिया आँखों की नस-नाड़ियों का तनाव दूर करने में सक्षम है ।

🔸पढ़ते समय रोशनी ठीक हो । आँखों और किताब के बीच कम-से-कम १२ इंच दूरी रखनी चाहिए ।

🔸 कम्प्यूटर, लेपटॉप आदि के उपयोग के दौरान हर २० मिनट में आँखों को विश्राम अवश्य दें । १-२ मिनट के लिए स्क्रीन से आँखें हटा दें । सम्भव हो तो आकाश की ओर या हरी घास, पेड़-पौधों आदि को निहारें ।

🔸 भोजन के बाद हथेलियों को रगड़कर कुछ सेकंड तक आँखों पर रखें ।

🔸 दिन में आधा गिलास पानी में आधा चम्मच (२ से ३ ग्राम) त्रिफला चूर्ण भिगोकर रखें । ४-५ घंटे बाद ३-४ परत किये हुए सूती कपड़े से छान लें । उस पानी को एक छोटे कप (Eye wash cup ) में लेकर आँख को उसमें १-२ मिनट तक मिचकायें, ऐसे ही दूसरी आँख से करें ।

🔸 आँवला-भृंगराज, नारियल, तिल आदि में से किसी तेल से सिर की मालिश करें । नाक में देशी गाय के घी की २-२ बूँद डालें ।

🔸रात को पैर के तलवों की घी से मालिश करना लाभदायी है । रात्रि को सोते समय शयनकक्ष में बिल्कुल अंधेरा हो ।

🔹आँखों के लिए लाभदायी आहार🔹
🔸गाय का दूध, घी, शुद्ध शहद, आँवला, मीठे अंगूर, केला, संतरा, पालक, गाजर, बथुआ, बादाम, जौ, मूँग, ककोड़ा, धनिया, सौंफ, पुनर्नवा, शतावरी, त्रिफला, गोमूत्र आदि ।

🔹नेत्रज्योति बढ़ाने व चश्मा छुड़ानेवाले औषधीय प्रयोग

🔸 नेत्रज्योतिवर्धक, दृष्टिप्रद त्रिफला रसायन का विधिवत् प्रयोग करें । १-१ बूँद संतकृपा नेत्रबिंदु आँखों में डालें । सर्दियों में सुबह खाली पेट आधा से १ चम्मच मामरा बादाम के मिश्रण का सेवन करें, बाद में २ घंटे तक कुछ न खायें ।

🔸 २-३ माह तक प्रातः खाली पेट गाय के दूध से बने आधा चम्मच ताजा मक्खन, आधा चम्मच पिसी हुई मिश्री व १ काली मिर्च का चूर्ण मिलाकर चाटें । इसके बाद कच्चे नारियल की गिरी के २-३ टुकड़े खूब चबा-चबाकर खायें, ऊपर से थोड़ी सौंफ चबा के खा लें । बाद में दो घंटे तक कुछ न खायें । यह आँखों की रोशनी बढ़ाने के साथ ही शरीर को पुष्ट और सुडौल बनानेवाला एक अनुभूत उत्तम प्रयोग है ।

कार्तिक माहात्म्य
नारदजी बोले:–
‘अब मैं कार्तिक व्रत के उद्यापन का वर्णन करता हूँ जो सब पापों का नाश करने वाला है।
व्रत का पालन करने वाला मनुष्य कार्तिक शुक्ला चतुर्दशी को व्रत की पूर्ति और भगवान विष्णु की प्रीति के लिए उद्यापन करे। तुलसी के ऊपर एक सुन्दर मण्डप बनवावे, उसे केले के खम्भों से संयुक्त कर के नाना प्रकार की धातुओं से उसकी विचित्र शोभा बढ़ावे।
मण्डप के चारों ओर दीपकों की श्रेणी सुन्दर ढंग से सजाकर रखे। उस मण्डप में सुन्दर बन्दनवारों से सुशोभित चार दरवाजे बनावे और उन्हें फूलों से तथा चंवर से सुसज्जित करे। द्वारों पर पृथक-पृथक मिट्टी के द्वारपाल बनाकर उनकी पूजा करे।
उनके नाम इस प्रकार हैं–जय, विजय, चण्ड, प्रचण्ड, नन्द, सुनन्द, कुमुद और कुमुदाक्ष। उन्हें चारों दरवाजों पर दो-दो के क्रम से स्थापित कर भक्ति पूर्वक पूजन करे।
तुलसी की जड़ के समीप चार रंगों से सुशोभित सर्वतोभद्रमण्डल बनावे और उसके ऊपर पूर्णपत्र तथा पंचरत्न से संयुक्त कलश की स्थापना करें।
कलश के ऊपर शंख, चक्र, गदाधारी भगवान विष्णु का पूजन करें। भक्ति पूर्वक उस तिथि में उपवास करें तथा रात्रि में गीत, वाद्य, कीर्तन आदि मंगलमय आयोजनों के साथ जागरण करें।
जो भगवान विष्णु के लिए जागरण करते समय भक्ति पूर्वक भगवत् सम्बन्धी पदों का गान करते हैं वे सैकड़ो जन्मों की पापराशि से मुक्त हो जाते हैं।
जो मनुष्य भगवान के निमित्त जागरण कर के रात्रि भर भगवान का कीर्तन करते हैं, उनको असंख्य गोदान का फल मिलता है।
जो मनुष्य भगवान की मूर्ति के सामने नृत्य-गान करते हैं उनके अनेक जन्मों के एकत्रित पाप नष्ट हो जाते हैं।
जो भगवान के सम्मुख बैठकर कीर्तन करते हैं और बंसी आदि बजाकर भगवद भक्तों को प्रसन्न करते हैं तथा भक्ति से रात्रि भर जागरण करते हैं, उन्हें करोड़ो तीर्थ करने का फल मिलता है।
उसके बाद पूर्णमासी में एक सपत्नीक ब्राह्मण को निमंत्रित करें। प्रात:काल स्नान और देव पूजन कर के वेदी पर अग्नि की स्थापना करे और भगवान की प्रीति के लिए तिल और खीर की आहुति दे।
होम की शेष विधि पूरी कर के भक्ति पूर्वक ब्राह्मणों का पूजन करें और उन्हें यथाशक्ति दक्षिणा दें फिर उनसे इस प्रकार क्षमा प्रार्थना करें।
क्षमा-प्रार्थना–‘आप सब लोगों की अनुकम्पा से मुझ पर भगवान सदैव प्रसन्न रहें। इस व्रत को करने से मेरे सात जन्मों के किये हुए पाप नष्ट हो जायें और मेरी सन्तान चिरंजीवी हो। इस पूजा के द्वारा मेरी सभी मनोकामनाएँ पूर्ण हों, मेरी मृत्यु के पश्चात मुझे अतिशय दुर्लभ विष्णुलोक की प्राप्ति हो।’
पूजा की समस्त वस्तुओं के साथ गाय भी गुरु को दान में दे, उसके पश्चात घरवालों और मित्रों के साथ स्वयं भोजन करें।
भगवान द्वादशी तिथि को शयन से उठे, त्रयोदशी को देवताओं से मिले और चतुर्दशी को सबने उनका दर्शन एवं पूजन किया इसलिए उस तिथि में भगवान की पूजा करनी चाहिए।
गुरु की आज्ञा से भगवान विष्णु की सुवर्णमयी प्रतिमा का पूजन करें। इस पूर्णिमा को पुष्कर तीर्थ की यात्रा श्रेष्ठ मानी गयी है।
कार्तिक माह में इस विधि का पालन करना चाहिए। जो इस प्रकार कार्तिक के व्रत का पालन करते हैं वे धन्य और पूजनीय हैं उन्हें उत्तम फल की प्राप्ति होती है।
जो भगवान विष्णु की भक्ति में तत्पर हो कार्तिक में व्रत का पालन करते हैं उनके शरीर में स्थित सभी पाप तत्काल नष्ट हो जाते हैं।
जो श्रद्धापूर्वक कार्तिक के उद्यापन का माहात्म्य सुनता या सुनाता है वह भगवान विष्णु का सायुज्य प्राप्त करता है।

जिनका आज जन्मदिन है उनको हार्दिक शुभकामनायें और बधाई

दिनांक 21 को जन्मे व्यक्ति निष्कपट, दयालु एवं उच्च तार्किक क्षमता वाले होते हैं। अनुशासनप्रिय होने के कारण कभी-कभी आप तानाशाह भी बन जाते हैं। आप दार्शनिक स्वभाव के होने के बावजूद एक विशेष प्रकार की स्फूर्ति रखते हैं।

आप सदैव परिपूर्णता या कहें कि परफेक्शन की तलाश में रहते हैं यही वजह है कि अक्सर अव्यवस्थाओं के कारण तनाव में रहते हैं। अंक ज्योतिष के अनुसार आपका मूलांक तीन आता है। यह बृहस्पति का प्रतिनिधि अंक है। आपकी शिक्षा के क्षेत्र में पकड़ मजबूत होगी। आप एक सामाजिक प्राणी हैं।

शुभ दिनांक : 3, 12, 21, 30

शुभ अंक : 1, 3, 6, 7, 9

शुभ वर्ष : 2028, 2030, 2031, 2034, 2043, 2049, 2052

ईष्टदेव : देवी सरस्वती, देवगुरु बृहस्पति, भगवान विष्णु

शुभ रंग : पीला, सुनहरा और गुलाबी

जन्मतिथि के अनुसार भविष्यफल :
दांपत्य जीवन में सुखद स्थिति रहेगी। घर या परिवार में शुभ कार्य होंगे। यह वर्ष आपके लिए अत्यंत सुखद है। किसी विशेष परीक्षा में सफलता मिल सकती है। नौकरीपेशा के लिए प्रतिभा के बल पर उत्तम सफलता का है। नवीन व्यापार की योजना भी बन सकती है। मित्र वर्ग का सहयोग सुखद रहेगा। शत्रु वर्ग प्रभावहीन होंगे। महत्वपूर्ण कार्य से यात्रा के योग भी है।

आज का राशिफल
मेष🐐 (चू, चे, चो, ला, ली, लू, ले, लो, अ)
आज का दिन पिछले दिनों की अपेक्षा बेहतर रूप से व्यतीत करेंगे। व्यवसाय से कम समय मे ज्यादा मुनाफा पा सकेंगे वही सार्वजिनक क्षेत्र पर भी सम्मान के अधिकारी बनेंगे। घर एवं बाहर अनुकूल वातावरण मिलने से मनचाहा कार्य करने में सुविधा रहेगी। धार्मिक गतिविधयों में जाने से मानसिक शांति मिलेगी। विदेश से आनंद दायक समाचार अथवा विदेश जाने में आ रही बाधा शांत होने से राहत मिलेगी। घर में सुख के साधनो की खरीददारी पर खर्च करेंगे। आर्थिक रूप से भी आज का दिन शुभ रहेगा कार्य व्यवसाय में मध्यान तक कोटा पूरा कर लेंगे। संध्या का समय परिवार के साथ बितायेंगे।

वृष🐂 (ई, ऊ, ए, ओ, वा, वी, वू, वे, वो)
लाभ की स्थिति आज भी यथावत बनी रहेगी लेकिन आज आप कार्यो के प्रति ज्यादा गंभीर नही रहेंगे व्यवसाय में प्रतिस्पर्धा रहने पर भी धन की आमद आवश्यकता अनुसार हो जाएगी। आज व्यवसाय में जोखिम लेने से ना डरे धन प्राप्ति की संभावनाएं बढ़ेंगी। परन्तु नौकरी पेशा जातक अधिकारी वर्ग से सतर्क रहें। धर्म-कर्म पर खर्च होगा। व्यावसायिक यात्रा से भी धन लाभ होने की सम्भवना है यात्रा में सतर्क भी रहें। पैतृक संपत्ति सम्बंधित कार्य आज भी अधूरे रहने से हताश होंगे। सरकारी कार्य में समय एवं धन व्यर्थ होगा। परिजनों की भावना समझने का प्रयास करें।

मिथुन👫 (का, की, कू, घ, ङ, छ, के, को, हा)
आज का दिन भी आपके लिये संघर्ष पूर्ण रहेगा। प्रातः काल से ही दिनचार्य अस्त-व्यस्त बनेगी जिसके संध्या तक ऐसे ही बने रहने से आर्थिक एवं पारिवारिक समस्या यथावत रहेगा। प्रातः काल से ही आँख में जलन अथवा अंगों में दर्द रहने से निष्क्रियता रहेगी। कार्यो में उत्साहहीनता रहने के कारण पूर्व निर्धारित योजनाएं टालनी पड़ सकती है। व्यवसायिक स्थल पर प्रतिस्पर्धा के कारण टकराव की स्थिति बनेगी। आज के दिन शालीनता के साथ व्यवहार करना फायदेमंद रहेगा। अधिक क्रोध एवं ईर्ष्या की प्रवृति धन के साथ आपसी व्यवहार बिगाड़ेगी।

कर्क🦀 (ही, हू, हे, हो, डा, डी, डू, डे, डो)
आज के दिन आपको अवश्य कुछ ना कुछ लाभ देकर ही जायेगा। दिन के आरंभ से मध्यान बाद तक कार्यो को गंभीर होकर करेंगे इसके बाद का समय मौज-मस्ती में बीतेगा। आर्थिक दृष्टिकोण से आज का दिन पिछले कुछ दिनों से बेहतर रहेगा। कार्य क्षेत्र से अतिरिक्त आय होगी। रुके हुए कार्य पूर्ण होने से भी धन के स्त्रोत्र बढ़ेंगे। सामाजिक गतिविधियों में पूरा समय नही दे सकेंगे। आवश्यक कार्य दिन रहते पूर्ण करलें इसके बाद जारी हानि के योग बन रहे है। पर्यटन पार्टी की योजना बनाई जाएगी। उत्तम भोजन के साथ गृहस्थ का सुख मिलेगा। परिजनों के ऊपर भी खर्च करना पड़ेगा।

सिंह🦁 (मा, मी, मू, मे, मो, टा, टी, टू, टे)
आज का दिन आपके लिये सभी कार्यो में सुअवसर दिलाएगा इसका लाभ उठाएं किसी परिजन के कारण मानसिक अशांति बनेगी फिर भी कार्य क्षेत्र पर घर की समस्याओं को ना लाये संध्या बाद स्थिति बदलने से कार्यो में बाधा आने लगेगी। आज के दिन आकस्मिक घटनाएं अधिक घटित होंगी चाहे वो आर्थिक या पारिवारिक हों। नौकरी पेशा जातको को भी मेहनत का फल मिलेगा सम्मान में वृद्धि के साथ आय के नवीन मार्ग खुलेंगे। बेरोजगारों को थोड़ा प्रयास करने पर रोजगार उपलब्ध हो सकता है। खर्च भी अचानक होने से थोड़ी असहजता रहेगी। सरकार से सहयोग मिल सकता है।

कन्या👩 (टो, पा, पी, पू, ष, ण, ठ, पे, पो)
आज का दिन मानसिक रूप से शांति वाला रहेगा। धर्म-कर्म के प्रति आस्था बढ़ेगी धार्मिक अनुष्ठानों में सम्मिलित होने के अवसर मिलेंगे। कार्य व्यवसाय में भी आज गति आएगी। आर्थिक कामनाये अधूरी रहने पर भी खुश रहने का सफल प्रयास करेंगे। परिजनों से भावनात्मक सम्बन्ध रहने से मन को शान्ति मिलेगी। परन्तु आज प्रेम प्रसंगों से दूरी बनाना ही बेहतर रहेगा अन्यथा धन और पारिवारिक मान हानि हो सकती है। किसी मांगलिक आयोजन में जाने के कारण अतिरिक्त खर्च करना पड़ेगा फिर भी आनंददायक वातावरण मिलने से खर्च व्यर्थ नहीं लगेगा। स्त्री पक्ष से विशेष निकटता रहेगी।

तुला⚖ (रा, री, रू, रे, रो, ता, ती, तू, ते)
आज के दिन भी आप सभी कार्यो को मन के अनुसार कर सकेंगे। धन संबंधित परेशानी आज नही रहेगी। दिन आपकी मनोकामनाओ की पूर्ति कराने वाला रहेगा। दिन भर मानसिक एवं शारीरिक रूप से दोपहर तक का समय अकस्मात कष्ट डे सकता है। सांय तक झगड़ो को टालने के लिए छोटी-मोटी बातों को अनदेखा करें। कार्य क्षेत्र पर परिश्रम के अनुसार लाभ मिलेने से संतोष रहेगा। नए कार्यो में निवेश कर सकते है। पैतृक संपत्ति के मामलो में उलझने रहेंगी परन्तु पारिवारिक सदस्यों में आपसी सामंजस्य बना रहेगा। किसी से बहस ना करें।

वृश्चिक🦂 (तो, ना, नी, नू, ने, नो, या, यी, यू)
आज आप जिस भी कार्य को करने का मन बनाएंगे उसकी सफलता के प्रति आशंकित रहंगे लेकिन आज आत्मविश्वास बड़ा रहने से थोड़े से परिश्रम से सफलता पा लेंगे। आज आप आत्मनिर्भर होकर कार्य करना ज्यादा पसंद करेंगे किसी का दखल देना अखरेगा। बहुप्रतीक्षित अतिमहत्त्वपूर्ण कार्य पूरा होगा। धन लाभ रुक-रुक कर होता रहेगा। घर में सुख के साधनों की खरीददारी की योजना बनेगी। नए सम्बन्ध बनने से अतिरिक्त आय के मार्ग भी खुलेंगे। पारिवारिक दायित्वों की पूर्ति से आज पीछे नहीं हटेंगे।

धनु🏹 (ये, यो, भा, भी, भू, ध, फा, ढा, भे)
आज का दिन अधिक परिश्रम वाला रहेगा इसके अनुपात में उचित लाभ भी होने से संतोष में रहेंगे परन्तु धन लाभ के लिये प्रतीक्षा करनी पड़ेगी। कार्यो को लेकर पहले थोड़ा आशंकित रहेंगे परन्तु एक बार सफलता मिलने पर यही क्रम दिन भर बना रहेगा। आर्थिक दृष्टिकोण से दिन बेहद खास रहेगा परन्तु उधार के व्यहार आज ना ही करें तो बेहतर रहेगा। नौकरी पेशा जातक आज भी व्यस्तता के चलते घर में आलोचना का शिकार बनेंगे। सामाजिक स्तर पर आपकी छवि निखरेगी। स्वास्थ्य थोड़ा नरम गरम रहेगा।

मकर🐊 (भो, जा, जी, खी, खू, खा, खो, गा, गी)
आज भी आपकी बौद्धिक क्षमता अन्य लोगो पर प्रभाव डालने वाली रहेगी लेकिन आज आर्थिक अथवा पारिवारिक कारणों से किसी की सहायता ना चाहकर भी लेनी ही पड़ेगी। व्यवसाय से आशा अधिक रहेगी परन्तु निष्कर्ष उम्मीद के अनुसार नही होगा। आप कार्यो की भरमार रहने के कारण भ्रमित हो सकते है। परिश्रम का उचित फल नहीं मिलेगा दोपहर तक कार्यो में व्यवधान आने से निराश रहेंगे परन्तु संध्या के समय किसी परिचित के सहयोग से लाभ होने से खर्च निकल जाएंगे। सरकारी कार्य टालें। परिवार के प्रति अधिक भावनात्मक बनेंगे। आध्यात्म में रूचि होने पर भी समय नहीं दे पाएंगे। व्यसनों से दूर रहें।

कुंभ🍯 (गू, गे, गो, सा, सी, सू, से, सो, दा)
आपको आज का दिन भी धैर्य से बिताने की सलाह है। घर एवं बाहर ना चाहकर भी कलह के प्रसंग बनेंगे। स्वभाव में आज चतुराई अधिक रहेगी हर किसी को स्वार्थ सिद्धि की भावना से देखने के कारण व्यवहारिकता में कमी आएगी।

मीन🐳 (दी, दू, थ, झ, ञ, दे, दो, चा, ची)
आज के दिन भी स्थिति आपके पक्ष में ही रहेगी लेकिन आज आपका सनकी मिजाज लाभ में विलंब करेगा। परिजनों की सही बात को गलत सिद्ध करने पर झगड़ा हो सकता है कुछ देर में ही शांति स्थापित हो जाएगी। सामाजिक क्षेत्र पर पूर्व में किये गए कार्यो से सम्मान मिलेगा। समाज के सम्मानित व्यक्तियों के साथ उठना-बैठना होगा। पौराणीक धार्मिक क्षेत्रो के दर्शन की लालसा रहेगी शीघ्र ही इसके फलीभूत होने की सम्भवना है। दानपुण्य पर खर्च करेंगे। संध्या के समय मानसिक शान्ति के लिए मित्र-परिजनों के साथ बाहर घूमने की योजना बनाएंगे। परिवार में शांति रहेगी।

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20 October 2024: Vaidik Panchang and Horoscope

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