वैदिक पंचांग (Vaidik Panchang)
दिनांक – 29 जनवरी 2025
दिन – बुधवार
विक्रम संवत – 2081
शक संवत -1946
अयन – उत्तरायण
ऋतु – शिशिर ॠतु
मास – माघ (गुजरात-महाराष्ट्र पौष)
पक्ष – कृष्ण
तिथि – अमावस्या शाम 06:05 तक तत्पश्चात प्रतिपदा
नक्षत्र – उत्तराषाढा सुबह 08:20 तक तत्पश्चात श्रवण
योग – सिद्धि रात्रि 09:22 तक तत्पश्चात व्यतीपात
राहुकाल – दोपहर 12:52 से दोपहर 02:16 तक
सूर्योदय 07:18
सूर्यास्त – 06:25
दिशाशूल – उत्तर दिशा मे
व्रत पर्व विवरण – दर्श अमावस्या,माघ अमावस्या,मौनी-त्रिवेणी अमावस्या,महाकुंभ प्रयाग का द्वितीय प्रमुख शाही स्नान,व्यतीपात योग (रात्रि 09:22 से 30 जनवरी शाम 06:33 तक
विशेष- अमावस्या एवं व्रत के दिन स्त्री-सहवास तथा तिल का तेल खाना और लगाना निषिद्ध है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-38)
व्यतिपात योग
29 जनवरी 2025 बुधवार को रात्रि 09:22 से 30 जनवरी शाम 06:33 तक व्यतिपात योग है।
व्यतिपात योग की ऐसी महिमा है कि उस समय जप पाठ प्राणायम, माला से जप या मानसिक जप करने से भगवान की और विशेष कर भगवान सूर्यनारायण की प्रसन्नता प्राप्त होती है जप करने वालों को, व्यतिपात योग में जो कुछ भी किया जाता है उसका १ लाख गुना फल मिलता है।
वाराह पुराण में ये बात आती है व्यतिपात योग की।
~ वैदिक पंचांग ~
माघ-मौनी अमावस्या
29 जनवरी 2025 बुधवार को मौनी अमावस्या है ।
माघ मास की अमावस्या को मौनी अमावस्या कहते हैं। इस नामकरण के लिए दो मान्यताएं हैं ।
इस दिन मौन रहना चाहिए। मुनि शब्द से ही मौनी की उत्पत्ति हुई है। इसलिए इस व्रत को मौन धारण करके समापन करने वाले को मुनि पद की प्राप्ति होती है। इस दिन मौन रहकर प्रयाग संगम अथवा पवित्र नदी में स्नान करना चाहिए।
ऐसा माना जाता है इस दिन ब्रह्मा जी ने स्वयंभुव मनु को उत्पन्न कर सृष्टि का निर्माण कार्य आरम्भ किया था इसलिए भी इस अमावस्या को मौनी अमावस्या कहा जाता है।
‘पद्म पुराण’ के अनुसार माघ मास के कृष्णपक्ष की अमावस्या को सूर्योदय से पहले जो तिल और जल से पितरों का तर्पण करता है, वह स्वर्ग में अक्षय सुख भोगता है। जो उक्त तिथि को तिल की गौ बनाकर उसे सब सामग्रियों सहित दान करता है, वह सात जन्म के पापों से मुक्त हो स्वर्गलोक में अक्षय सुख का भागी होता है। ब्राह्मण को भोजन के योग्य अन्न देने से भी अक्षय स्वर्ग की प्राप्ति होती है। जो उत्तम ब्राह्मण को अनाज, वस्त्र, घर आदि दान करता है, उसे लक्ष्मी कभी नहीं छोड़ती।
इस दिन पितृ पूजा, श्राद्ध, तर्पण, पिण्ड दान, नारायणी आदि कर सकते है। वैसे तो प्रत्येक अमावस्या पितृ कर्म के लिए विशेष होती है परंतु युगादि तिथि तथा मकरस्थ रवि होने के कारण मौनी अमावस्या का महत्व कहीं ज्यादा है। अगर आप पितृदोष से पीड़ित हैं अथवा आपको लगता है की आपके पिता, माता अथवा गुरु के कुल में किसी को अच्छी गति प्राप्त नहीं हुई है तो आज तर्पण (विशेषतः गंगा किनारे) जरूर करें।
अगर आप सौभाग्यशाली हैं और इस दिन गंगा स्नान के लिए जा रहे हैं तो तर्पण के अलावा भी बहुत कृत्य हैं। स्कंदपुराण में भगवान शिव का कथन है ।
जो पितरों के उद्देश्य से भक्तिपूर्वक गुड़, घी और तिल के साथ मधुयुक्त खीर गंगा में डालते हैं, उसके पितर सौ वर्षों तक तृप्त बने रहते हैं और वे संतुष्ट होकर अपनी संतानों को नाना प्रकार की मनोवाञ्छित वस्तुएं प्रदान करते हैं।
जो पितरों के उद्देश्य से गंगाजल के द्वारा शिवलिंग को स्नान कराते हैं, उनके पितर यदि भारी नरक में पड़े हों तो भी तृप्त हो जाते हैं।
जो एक बार भी ताँबे के पात्र में रखे हुए अष्टद्रव्ययुक्त (जल, दूध, कुश का अग्रभाग, घी, मधु, गाय का दही, लाल कनेर तथा लाल चंदन) गंगाजल से भगवान सूर्य को अर्घ्य देते हैं, वे अपने पितरों के साथ सूर्यलोक में जाकर प्रतिष्ठित होते हैं।
जो गंगा के तट पर एक बार भी पिण्डदान करता है, वह तिलमिश्रित जल के द्वारा अपने पितरों का भवसागर से उद्धार कर देता है।
पिता/माता/गुरु/भाई/मित्र/रिश्तेदार किसी के भी कुल में कोई किसी भी तरह, किसी भी अवस्था में मरा हो (चाहे अग्नि से या विष से या आत्मदाह अथवा अन्य प्रकार से मृत्यु) आज सब पितरों का उद्धार संभव है।
माघ कृष्ण पक्ष की अमावस्या युगादि तिथि है। अर्थात इस तिथि को चार युगों में से एक युग का आरम्भ हुआ था। स्कंदपुराण के अनुसार “माघे पञ्चदशी कृष्णा द्वापरादिः स्मृता बुधैः” द्वापर की आदि तिथि हैं जबकि कुछ विद्वान इसको कलियुग की प्रारम्भ तिथि मानते हैं। युगादि तिथियाँ बहुत ही शुभ होती हैं, इस दिन किया गया जप, तप, ध्यान, स्नान, दान, यज्ञ, हवन कई गुना फल देता है l प्रत्येक युग में सौ वर्षों तक दान करने से जो फल होता है, वह युगादि-काल में एक दिन के दान से प्राप्त हो जाता है ।
इस दिन साधु, महात्मा तथा के सेवन के लिए अग्नि प्रज्वलित करनी चाहिए तथा उन्हें रजाई, कम्बल आदि जाड़े के वस्त्र देने चाहिए। इस दिन गुड़ में काले तिल मिलाकर मोदक बनाने चाहिए तथा उन्हें लाल वस्त्र में बांधकर ब्राह्मणों को देना श्रेयस्कर है। इसी पुण्य पर्व पर विभिन्न प्रकार के नैवेद्य मिष्टान्नादि षट्रस व्यंजनों से ब्राह्मणों को भोजन कराकर उन्हें द्रव्य दक्षिणादि से संतुष्ट कर प्रणामादि कर सादर विदा करना चाहिए।
गौशाला में गायों के निमित्त हरे चारे, खल, चोकर, भूसी, गुड़ आदि पदार्थों का दान देना चाहिए तथा गौ की चरण रज को मस्तक पर धारण कर उसे साष्टांग प्रणाम करना चाहिए।
माघी अमावस्या को प्रात: स्नान के बाद ब्रह्मदेव और गायत्री का पूजन करें। गाय, स्वर्ण, छाता, वस्त्र, पलंग, दर्पण आदि का मंत्रोपचार के साथ ब्राह्मण को दान करें। पवित्र भाव से ब्राह्मण एवं परिजनों के साथ भोजन करें। इस दिन पीपल में आघ्र्य देकर परिक्रमा करें और दीप दान दें। इस दिन जिनके लिए व्रत करना संभव नहीं हो वह मीठा भोजन करें।
मौनी अमावस्या के दिन भूखे प्राणियों को भोजन कराने का भी विशेष महत्व है। इस दिन सुबह स्नान आदि करने के बाद आटे की गोलियां बनाएं। गोलियां बनाते समय भगवान का नाम लेते रहें। इसके बाद समीप स्थित किसी तालाब या नदी में जाकर यह आटे की गोलियां मछलियों को खिला दें। इस उपाय से आपके जीवन की अनेक परेशानियों का अंत हो सकता है। अमावस्या के दिन चीटियों को शक्कर मिला हुआ आटा खिलाएं। ऐसा करने से आपके पाप कर्मों का क्षय होगा और पुण्य कर्म उदय होंगे। यही पुण्य कर्म आपकी मनोकामना पूर्ति में सहायक होंगे।
दशतीर्थसहस्राणि तिस्रः कोटयस्तथा पराः॥ समागच्छन्ति मध्यां तु प्रयागे भरतर्षभ। माघमासं प्रयागे तु नियतः संशितव्रतः॥ स्नात्वा तु भरतश्रेष्ठ निर्मलः स्वर्गमाप्नुयात्। (महाभारत, अनुशासन पर्व 25 । 36 -38)
अर्थात माघ मास की अमावस्या को प्रयाग राज में तीन करोड़ दस हजार अन्य तीर्थों का समागम होता है। जो नियमपूर्वक उत्तम व्रत का पालन करते हुए माघ मास में प्रयाग में स्नान करता है, वह सब पापों से मुक्त होकर स्वर्ग में जाता है।
गुप्त नवरात्रि
माघ मास, शुक्ल पक्ष की प्रथम नौ तिथियाँ गुप्त नवरात्रियाँ है जिसकी शुरुआत 30 जनवरी 2025 गुरुवार से होने जा रही है l
एक वर्ष में कुल चार नवरात्रियाँ आती हैं , जिनमे से सामान्यतः दो नवरात्रियो के बारे में आपको पता है ,पर शेष दो गुप्त नवरात्रियाँ हैं l
शत्रु को मित्र बनाने के लिए
नवरात्रि में शुभ संकल्पों को पोषित करने, रक्षित करने, मनोवांछित सिद्धियाँ प्राप्त करने के लिए और शत्रुओं को मित्र बनाने वाले मंत्र की सिद्धि का योग होता है।
नवरात्रि में स्नानादि से निवृत्त हो तिलक लगाके एवं दीपक जलाकर यदि कोई बीज मंत्र ‘हूं’ (Hum) अथवा ‘अं रां अं’ (Am Raam Am) मंत्र की इक्कीस माला जप करे एवं ‘श्री गुरुगीता’ का पाठ करे तो शत्रु भी उसके मित्र बन जायेंगे l
माताओं बहनों के लिए विशेष कष्ट निवारण हेतु प्रयोग 1
जिन माताओं बहनों को दुःख और कष्ट ज्यादा सताते हैं, वे नवरात्रि के प्रथम दिन (देवी-स्थापना के दिन) दिया जलायें और कुम-कुम से अशोक वृक्ष की पूजा करें ,पूजा करते समय निम्न मंत्र बोलें :
“अशोक शोक शमनो भव सर्वत्र नः कुले “
भविष्योत्तर पुराण के अनुसार नवरात्रि के प्रथम दिन इस तरह पूजा करने से माताओ बहनों के कष्टों का जल्दी निवारण होता है l
माताओं बहनों के लिए विशेष कष्ट निवारण हेतु प्रयोग 2
माघ मास शुक्ल पक्ष तृतीया के दिन में सिर्फ बिना नमक मिर्च का भोजन करें l (जैसे दूध, रोटी या खीर खा सकते हैं l)
• ” ॐ ह्रीं गौरये नमः ”
मंत्र का जप करते हुए उत्तर दिशा की ओर मुख करके स्वयं को कुमकुम का तिलक करें l
गाय को चन्दन का तिलक करके गुड़ ओर रोटी खिलाएं l
श्रेष्ठ अर्थ (धन) की प्राप्ति हेतु
प्रयोग : नवरात्रि में देवी के एक विशेष मंत्र का जप करने से श्रेष्ठ अर्थ कि प्राप्ति होती है
मंत्र ध्यान से पढ़ें
“ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं ऐं कमल-वासिन्ये स्वाह् “
विद्यार्थियों के लिए
प्रथम नवरात्रि के दिन विद्यार्थी अपनी पुस्तकों को ईशान कोण में रख कर पूजन करें और नवरात्रि के तीसरे तीन दिन विद्यार्थी सारस्वत्य मंत्र का जप करें।
इससे उन्हें विद्या प्राप्ति में अपार सफलता मिलती है l
बुद्धि व ज्ञान का विकास करना हो तो सूर्यदेवता का भ्रूमध्य में ध्यान करें । जिनको गुरुमंत्र मिला है वे गुरुमंत्र का, गुरुदेव का, सूर्यनारायण का ध्यान करें।
अतः इस सरल मंत्र की एक-दो माला नवरात्रि में अवश्य करें और लाभ लें l
जिनका आज जन्मदिन है उनको हार्दिक शुभकामनाएं बधाई और शुभ आशीष
दिनांक 29 को जन्मे व्यक्ति का मूलांक 2 होगा। 2 और 9 आपस में मिलकर 11 होते हैं। 11 की संख्या आपस में मिलकर 2 होती है इस तरह आपका मूलांक 2 होगा। इस मूलांक को चंद्र ग्रह संचालित करता है। चंद्र ग्रह स्त्री ग्रह माना गया है। अत: आप अत्यंत कोमल स्वभाव के हैं। आपमें अभिमान तो जरा भी नहीं होता। चंद्र ग्रह मन का कारक होता है।
आप अत्यधिक भावुक होते हैं। आप स्वभाव से शंकालु भी होते हैं। दूसरों के दु:ख दर्द से आप परेशान हो जाना आपकी कमजोरी है। आप मानसिक रूप से तो स्वस्थ हैं लेकिन शारीरिक रूप से आप कमजोर हैं। चंद्र के समान आपके स्वभाव में भी उतार-चढ़ाव पाया जाता है। आप अगर जल्दबाजी को त्याग दें तो आप जीवन में बहुत सफल होते हैं।
शुभ दिनांक : 2, 11, 20, 29
शुभ अंक : 2, 11, 20, 29, 56, 65, 92
ईष्टदेव : भगवान शिव, बटुक भैरव
शुभ रंग : सफेद, हल्का नीला, सिल्वर ग्रे
जन्मतिथि के अनुसार भविष्यफल :
स्वास्थ्य की दृष्टि से संभल कर चलने का वक्त होगा। पारिवारिक विवाद आपसी मेलजोल से ही सुलझाएं। लेखन से संबंधित मामलों में सावधानी रखना होगी। बगैर देखे किसी कागजात पर हस्ताक्षर ना करें। दखलअंदाजी ठीक नहीं रहेगी। किसी नवीन कार्य योजनाओं की शुरुआत करने से पहले बड़ों की सलाह लें। व्यापार-व्यवसाय की स्थिति ठीक-ठीक रहेगी
आज का राशिफल
मेष (चू, चे, चो, ला, ली, लू, ले, लो, अ)
आज आपको कार्य क्षेत्र पर कई व्यवधानों का सामना करना पड़ सकता है परन्तु आत्मविश्वास बनाये रखें सोची योजनाएं अवश्य पूरी होंगी। कार्य आज थोड़े विलम्ब से शुरू होने के कारण पूर्ण होने में भी विलम्ब होगा आर्थिक मामले इस वजह से प्रभावित हो सकती है। विपरीत लिंगीय व्यक्ति के प्रति अधिक आकर्षण बेवजह परेशानी का कारण बनेगा। प्रेम प्रसंगों में किसी ग़लतफ़हमी के कारण अचानक दूरी आ सकती है। धन सम्बंधित व्यवहारों के कारण असहजता रहेगी। नौकरी पेशा जातक भी कार्य स्थल पर असुरक्षित अनुभव करेंगे। अधिकारी वर्ग अकारण भी क्रोध कर सकते है।
वृष (ई, ऊ, ए, ओ, वा, वी, वू, वे, वो)
आज का दिन मंगलदायक रहेगा। धर्म-कर्म में रूचि रहेगी धार्मिक यात्रा अथवा दान-पुण्य के अवसर मिलेंगे परन्तु व्यावसायिक क्षेत्र पर विलम्ब के कारण अनुबंध हाथ से निकल सकता है इसको ज्यादा महत्त्व भी नहीं देंगे। आज आलस्य एवं कार्य के प्रति उत्साह की कमी भी रहेगी फिर भी घरेलु कार्य की भरमार रहेगी इनमे से भी कुछ अधूरे रह सकते है। सामाजिक क्षेत्र पर उन्नति करेंगे नए लाभ के सम्बन्ध बनाने की कोशिश सफल रहेगी। पारिवारिक वातावरण गरिमामय रहेगा लोग आपके पारिवारिक आचरण की मिसाल देंगे। मौज-शौक पर खर्च करेंगे।
मिथुन (का, की, कू, घ, ङ, छ, के, को, हा)
आज का दिन थोड़ा उठा पटक वाला रहेगा। सेहत प्रातः काल से नरम रहेगी मन अकारण ही अशांत रहेगा। भावुकता भी स्वभाव में अधिक रहेगी जिससे अन्य लोग आपकी भावनाओं का गलत लाभ उठा सकते है। आज किसी के ऊपर जल्दी विश्वास करना हानि कराएगा सावधान रहें। धन सम्बंधित व्यवहार देख-भालकर एवं लिख कर ही करें। व्यवसाय आज आशा के अनुकूल नहीं रहेगा परन्तु खर्च अधिक रहने से आर्थिक संतुलन प्रभावित होगा। गृहस्थ में भी धन खर्च करने पर ही सुख की प्राप्ति हो सकेगी। सायंकाल का समय अपेक्षाकृत आराम से बितायेंगे। थकान मिटाने के लिए मनोरंजन के अवसर उपलब्ध होंगे।
कर्क (ही, हू, हे, हो, डा, डी, डू, डे, डो)
आज के दिन भी लाभ-हानि बराबर रहेगी। किसी के ऊपर आवश्यकता से अधिक निर्भर रहना हानि करा सकता है। कार्य व्यवसाय में आज किसी से धोखा मिलने की भी सम्भावना है सतर्क रहें। व्यवसाय आशा के।विपरीत रहेगा फिर भी बीच-बीच में थोड़ा बहुत धन प्राप्त होने से कार्य चलते रहेगे। आलस्य एवं लापरवाही के कारण कार्यो में विलम्ब होने से अधिकारियो की डांट सुननी पड़ेगी। आज आपका मन कार्य करते हुए भी कही और रहेगा जिससे कार्य बिगड़ सकते है। आज अधिक धैर्य का परिचय दें। क्रोध के भी कई प्रसंग बनेंगे जो सम्बन्धो के कटुता लायेगी। घर की शांति अचानक भंग हो सकती है।
सिंह (मा, मी, मू, मे, मो, टा, टी, टू, टे)
आज के दिन आप अति ईर्ष्यालु प्रवृति से ग्रसित रहेंगे। इस कारण घर एवं बाहर का वातावरण असामान्य बनेगा। हर कार्य में संदेह करना सहकर्मियो को अखरेगा। व्यापार में लाभ की संभावनाएं तो रहेंगी परन्तु आपकी व्यवहार शून्यता के चलते आर्थिक लाभ विलम्ब से होगा अथवा निरस्त भी हो सकता है। परिवार के बड़े सदस्य आपकी मनोदशा को समझ आज शांत ही रहेंगे। नौकरी पेशा जातक कार्यो को जल्द पूर्ण करने के कारण गलती कर सकते है। सामजिक क्षेत्र में आज आपका योगदान बढ़ने से सम्मान मिलेगा। संताने जिद्दी व्यवहार करेंगी।
कन्या (टो, पा, पी, पू, ष, ण, ठ, पे, पो)
आज दिन का पहला भाग अशान्त रहेगा। घरेलु समस्याओं के कारण मन विचलित बनेगा जिससे कार्यो में चाह कर भी उत्साह नहीं दिखा पाएंगे। परिवार में किसी महिला के कारण ग़लतफ़हमी से विवाद हो सकता है। सन्तानो का व्यवहार विपरीत रहेगा। परन्तु दोपहर के बाद का समय लाभ दिला सकता है इसके लिए व्यवसाय को पूरा समय देना आवश्यक है। कार्य क्षेत्र पर हास्य के अवसर मिलने से मन को राहत मिलेगी। धन लाभ अकस्मात होने से अधूरे कार्य पूर्ण कर सकेंगे। आज मित्रो अथवा अन्य कारणों से यात्रा पर्यटन यथा संभव टालने का प्रयास करें दुर्घटना हो सकती है।
तुला (रा, री, रू, रे, रो, ता, ती, तू, ते)
आज के दिन सम्मान हानि की संभावना अधिक है प्रत्येक कार्य विशेषकर सामाजिक क्षेत्र पर अत्यन्त सावधानी बरतें। किसी के कहे में आकर कोई अनैतिक कार्य ना करें। कार्य व्यवसाय में भी आज प्रलोभन के अवसर मिलेंगे जिनमे शीघ्र लाभ हो सकता है परन्तु भविष्य में इनका दुष्प्रभाव देखने को मिलेगा। व्यावसायिक क्षेत्र पर लाभ पाने के लिए व्यवहारिकता काम आएगी इसलिए स्वभाव में नरमी रखें। विरोधी आपके प्रयासों को विफल कर सकते है। जल्दबाजी में धन का निवेश ना करें ना ही किसी को उधार दें। घर में आज मौन साधन ही तकरार से बचने का उत्तम उपचार है।
वृश्चिक (तो, ना, नी, नू, ने, नो, या, यी, यू)
आज के दिन आप जोड़-तोड़ की नीति अपनायेंगे। कार्य क्षेत्र पर भी किसी से समझौता करना पड़ सकता है। एकल स्वामित्व वाले व्यवसाय में निवेश हानि करा सकता है इसके विपरीत भागीदारी के व्यवसाय में लाभ की संभावना अधिक रहेगी। आर्थिक कारणों से किसी से झगड़ा भी हो सकता है शांत व्यवहार से काम् चलाएं। स्वभाव में कामुकता अधिक रहेगी विपरीत लिंगीय के प्रति जल्दी आकर्षित हो जाएंगे सतर्क रहे हानि हो सकती है। गृहस्थ जीवन में सुख के साधन पर अधिक खर्च होगा। स्त्री संतान का सुख मिलेगा।
धनु (ये, यो, भा, भी, भू, ध, फा, ढा, भे)
आज आप अपने किये सभी कार्यो में संतोष रखेंगे। पारिवारिक वातावरण भी आपके निर्णयों के समर्थन में रहेगा। आज विशेषकर महिलाएं परिवार में सक्रिय भागीदारी निभाएंगी धन सम्बंधित समस्याओं को सुलझाने में भी सहयोग करेंगी। आज आप लाभ-हानि के चक्कर में ज्यादा नहीं पड़ेंगे लेकिन सुखोपभोग की मानसिकता अवश्य रहेगी। स्नेहीजन से आनंददायक भेंट रहेगी। पड़ोसियों से किसी कारण बहस हो सकती है जिसका कोई परिणाम नहीं निकलेगा। सरकारी कार्य करने के लिए किसी की सहायता आवश्यक रहेगी। धन लाभ प्रयास करने पर ही होगा।
मकर (भो, जा, जी, खी, खू, खा, खो, गा, गी)
आज के दिन आप अपना ध्यान आवश्यक कार्यो पर एकाग्र करने का प्रयास करें अन्यथा जहाँ लाभ होना है वहां हानि मिलेगी। मन अनर्गल कार्यो में अधिक भटकेगा। विष्योपभोग में अधिक रुचि रहने के कारण धन खर्च की परवाह नहीं करेंगे। मौज-शौक पर अधिक खर्च रह सकता है। धन लाभ लापरवाही के चलते आगे के लिए टलेगा। व्यवसाय में निवेश अतिआवश्यक होने पर ही करें। स्वयं अथवा परिजन की स्वास्थ्य सम्बंधित समस्याओं की अनदेखी आगे भारी पड़ सकती है। परिवार में आपके कारण खींच-तान रह सकती है। विवेकी व्यवहार अपनाए बेवजह की परेशानी से बचेंगे।
कुंभ (गू, गे, गो, सा, सी, सू, से, सो, दा)
आज की परिस्थितियां पहले से अधिक ख़राब रहने वाली है। नौकरी-व्यवसाय में छोटी गलती के कारण बड़ा नुकसान हो सकता है इसलिये सहकर्मी अथवा नौकरों के ऊपर आश्रित ना रहें जितना संभव हो स्वयं की देखरेख में कार्य संपंन्न करवाये। सेहत में भी उतार चढ़ाव आने से कार्य प्रभावित हो सकते है उदर शूल अथवा अन्य पेट सम्बंधित व्याधि के कारण असहजता बनेगी। महिलाएं पुरुषों की अपेक्षा अधिक खर्चीली रहेंगी। सरकारी एवं जमीनी कार्य आगे के लिए टलेंगे जिससे समय एवं धन नष्ट होगा। लोग आपके नरम स्वभाव का फायदा उठायेंगे। गृहस्थ जीवन में थोड़ी बहस होगी परन्तु शांति बनी रहेगी।
मीन (दी, दू, थ, झ, ञ, दे, दो, चा, ची)
आज के दिन लाभ की संभावना बनते बनते अनिर्णय की स्थिति के कारण बिगड़ सकती है कार्यो को अधिक ध्यान से करना आवश्यक है। लाभ पाने के लिए अधिक परिश्रम एवं मन को एकाग्रचित रखना पड़ेगा। प्रतिस्पर्धी अतिरिक्त प्रलोभन देकर आपके बनते कार्य को बिगाड़ने का प्रयास करेंगे फिर धन लाभ आवश्यकता अनुसार हो ही जाएगा। आज आपकी महात्त्वकांक्षाएँ भी अधिक रहेगी पूरी ना होने पर बेवजह दुःख रहेगा। परिजन का व्यवहार अनुकूल रहेगा महत्त्वपूर्ण कार्यो में मार्गदर्शन भी मिलेगा परन्तु आप इसकी अनदेखी करेंगे।
Also read