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Astrology

10 May 2024 Vaidik Panchang and Daily Horoscope

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हर हर महादेव
वैदिक पंचांग
दिनांक – 10 मई 2024
दिन – शुक्रवार
विक्रम संवत् – 2081
अयन – उत्तरायण
ऋतु – ग्रीष्म
मास – वैशाख
पक्ष – शुक्ल
तिथि – तृतीया रात्रि 02:50 मई 11 तक तत्पश्चात चतुर्थी
नक्षत्र – रोहिणी प्रातः 10:47 तक तत्पश्चात मृगशिरा
योग- अतिगंड दोपहर 12:07 तक तत्पश्चात सुकर्मा
राहु काल – प्रातः 10:57 से दोपहर 12:36 तक
सूर्योदय – 06:01
सूर्यास्त – 07:11
दिशा शूल – पश्चिम दिशा में
ब्राह्ममुहूर्त – प्रातः 04:34 से 05:18 तक
अभिजीत मुहूर्त -दोपहर 12:10 से दोपहर 01:03 तक
निशिता मुहूर्त- रात्रि 12:13 मई 11 से रात्रि 12:57 मई 11 तक
व्रत पर्व विवरण – अक्षय तृतीया, त्रेता युगादि तिथि, श्री परशुराम जयंती, श्री बसवेश्वर जयंती, रोहिणी व्रत, माँ मातंगी जयंती
विशेष – तृतीया को परवल खाना शत्रुओं की वृद्धि करने वाला है । (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)

अक्षय तृतीया – 10 मई 2024
( पूरा दिन शुभ मुहूर्त )
‘अक्षय’ शब्द का मतलब है- जिसका क्षय या नाश न हो । इस दिन किया हुआ जप, तप, ज्ञान तथा दान अक्षय फल देने वाला होता है अतः इसे ‘अक्षय तृतीया’ कहते हैं । भविष्यपुराण, मत्स्यपुराण, पद्मपुराण, विष्णुधर्मोत्तर पुराण, स्कन्दपुराण में इस तिथि का विशेष उल्लेख है । इस दिन जो भी शुभ कार्य किए जाते हैं, उनका बड़ा ही श्रेष्ठ फल मिलता है ।
भविष्यपुराण के मध्यमपर्व में कहा गया है वैशाख शुक्ल पक्ष की तृतीया में गंगाजी में स्नान करनेवाला सब पापों से मुक्त हो जाता है ।
इस दिन गंगा-स्नान करने से सारे तीर्थ करने का फल मिलता है। गंगाजी का सुमिरन एंव जल में आवाहन करके ब्राह्ममुहूर्त में पुण्यस्नान तो सभी कर सकते हैं। स्नान के पश्चात प्रार्थना करें-
माधवे मेषगे भानौ मुरारे मधुसूदन।
प्रातः स्नानेन मे नाथ फलदः पापहा भव।।
सप्तधान्य उबटन व गोझरण मिश्रित जल से स्नान पुण्यदायी है। पुष्प, धूप-दीप, चंदन, अक्षत (साबुत चावल) आदि से लक्ष्मी नारायण का पूजन व अक्षत से हवन अक्षय फलदायी है।
इस दिन बिना कोई शुभ मुहूर्त देखे कोई भी शुभ कार्य प्रारम्भ या सम्पन्न किया जा सकता है। जैसे – विवाह, गृह-प्रवेश या वस्त्र-आभूषण, घर, वाहन, भूखंड आदि की खरीददारी, कृषिकार्य का प्रारम्भ आदि सुख-समृद्धि प्रदायक है।
इस दिन किया गया उपवास, जप, ध्यान, स्वाध्याय भी अक्षय फलदायी होता है। एक बार हलका भोजन करके भी उपवास कर सकते हैं।
इस दिन पानी के घड़े, पंखे, ओले (खाँड के लड्डू), पादत्राण (जूते-चप्पल), छाता, जौ, गेहूँ, चावल, गौ, वस्त्र आदि का दान पुण्यदायी है। परंतु दान सुपात्र को ही देना चाहिए।
पितृ-तर्पण का महत्त्व व विधि
अक्षय तृतीया के दिन पितृ-तर्पण करना अक्षय फलदायी है । पितरों के तृप्त होने पर घर में सुख-शांति-समृद्धि व दिव्य संताने आती है ।
विधि : इस दिन तिल एवं अक्षत लेकर र्विष्णु एवं ब्रम्हाजी को तत्त्वरूप से पधारने की प्रार्थना करें । फिर पूर्वजों का मानसिक आवाहन कर उनके चरणों में तिल, अक्षत व जल अर्पित करने की भावना करते हुए धीरे से सामग्री किसी पात्र में छोड़ दें तथा भगवान दत्तात्रेय, ब्रम्हाजी व विष्णुजी से पूर्वजों की सदगति हेतु प्रार्थना करें ।
इस दिन माता-पिता, गुरुजनों की सेवा कर के उनकी विशेष प्रसन्नता, संतुष्टि व आशीर्वाद प्राप्त करें। इसका फल भी अक्षय होता है।

अक्षय तृतीया ( 10 मई 2024 )का तात्त्विक संदेश
‘अक्षयʹ यानी जिसका कभी नाश न हो । शरीर एवं संसार की समस्त वस्तुएँ नाशवान हैं, अविनाशी तो केवल परमात्मा ही है । यह दिन हमें आत्मविवेचन की प्रेरणा देता है। अक्षय आत्मतत्त्व पर दृष्टि रखने का दृष्टिकोण देता है । महापुरुषों व धर्म के प्रति हमारी श्रद्धा और परमात्मप्राप्ति का हमारा संकल्प अटूट व अक्षय हो – यही अक्षय तृतीया का संदेश मान सकते हो।

अक्षय तृतीया (श्री परशुराम प्रकटोत्सव) :

मदनरत्न के अनुसार :
“अस्यां तिथौ क्षयमुर्पति हुतं न दत्तं। तेनाक्षयेति कथिता मुनिभिस्तृतीया॥
उद्दिष्य दैवतपितृन्क्रियते मनुष्यैः। तत् च अक्षयं भवति भारत सर्वमेव॥
अक्षय तृतीया या आखा तीज वैशाख मास में शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को कहते हैं। पौराणिक ग्रंथों के अनुसार इस दिन जो भी शुभ कार्य किये जाते हैं, उनका अक्षय फल मिलता है । इसी कारण इसे अक्षय तृतीया कहा जाता है । वैसे तो सभी बारह महीनों की शुक्ल पक्षीय तृतीया शुभ होती है, किंतु वैशाख माह की तिथि स्वयंसिद्ध मुहूर्तो में मानी गई है। भविष्य पुराण के अनुसार इस तिथि की युगादि तिथियों में गणना होती है, सतयुग और त्रेता युग का प्रारंभ इसी तिथि से हुआ है ।
भगवान विष्णु ने नर-नारायण, हयग्रीव और परशुराम जी का अवतरण भी इसी तिथि को हुआ था । ब्रह्माजी के पुत्र अक्षय कुमार का आविर्भाव भी इसी दिन हुआ था । इस दिन श्री बद्रीनाथ जी की प्रतिमा स्थापित कर पूजा की जाती है और श्री लक्ष्मी नारायण के दर्शन किए जाते हैं। प्रसिद्ध तीर्थ स्थल बद्रीनारायण के कपाट भी इसी तिथि से ही पुनः खुलते हैं।
वृंदावन स्थित श्री बांके बिहारी जी मन्दिर में भी केवल इसी दिन श्री विग्रह के चरण दर्शन होते हैं, अन्यथा वे पूरे वर्ष वस्त्रों से ढके रहते हैं। इसी दिन महाभारत का युद्ध समाप्त हुआ था और द्वापर युग का समापन भी इसी दिन हुआ था। ऐसी मान्यता है कि इस दिन से प्रारम्भ किए गए कार्य अथवा इस दिन को किए गए दान का कभी भी क्षय नहीं होता। इस दिन से शादी-ब्याह करने की शुरुआत हो जाती है।
बड़े-बुजुर्ग अपने पुत्र-पुत्रियों के लगन का मांगलिक कार्य आरंभ कर देते हैं। अनेक स्थानों पर छोटे बच्चे भी पूरी रीति-रिवाज के साथ अपने गुड्‌डा-गुड़िया का विवाह रचाते हैं। इस प्रकार गाँवों में बच्चे सामाजिक कार्य व्यवहारों को स्वयं सीखते व आत्मसात करते हैं।
स्कंद पुराण और भविष्य पुराण में उल्लेख है कि वैशाख शुक्ल पक्ष की तृतीया को रेणुका के गर्भ से भगवान विष्णु ने परशुराम रूप में जन्म लिया। कोंकण और चिप्लून के परशुराम मंदिरों में इस तिथि को परशुराम जयंती बड़ी धूमधाम से मनाई जाती है।
दक्षिण भारत में परशुराम जयंती को विशेष महत्व दिया जाता है। परशुराम जयंती होने के कारण इस तिथि में भगवान परशुराम के आविर्भाव की कथा भी सुनी जाती है।
इस दिन परशुराम जी की पूजा करके उन्हें अर्घ्य देने का बड़ा माहात्म्य माना गया है। सौभाग्यवती स्त्रियाँ और क्वारी कन्याएँ इस दिन गौरी-पूजा करके मिठाई, फल और भीगे हुए चने बाँटती हैं, गौरी-पार्वती की पूजा करके धातु या मिट्टी के कलश में जल, फल, फूल, तिल, अन्न आदि लेकर दान करती हैं। मान्यता है कि इसी दिन जन्म से ब्राह्मण और कर्म से क्षत्रिय भृगुवंशी परशुराम का जन्म हुआ था।
एक कथा के अनुसार परशुराम की माता और विश्वामित्र की माता के पूजन के बाद प्रसाद देते समय ऋषि ने प्रसाद बदल कर दे दिया था। जिसके प्रभाव से परशुराम ब्राह्मण होते हुए भी क्षत्रिय स्वभाव के थे और क्षत्रिय पुत्र होने के बाद भी विश्वामित्र ब्रह्मर्षि कहलाए। उल्लेख है कि सीता स्वयंवर के समय परशुराम जी अपना धनुष बाण श्री राम को समर्पित कर संन्यासी का जीवन बिताने अन्यत्र चले गए। अपने साथ एक फरसा रखते थे तभी उनका नाम परशुराम पड़ा।
भगवान परशुराम जन्मोत्सव विशेष
हर ब्राह्मण परिवारों के बच्चे-बच्चे को मालूम होनी चाहिए ऐसी जानकारी:-

1:- परशुराम जी के माता पिता का नाम बताइए?
उत्तर:- रेणुका और जमदग्नि।

2:- परशुरामजी ने पृथ्वी को कितनी बार आततायी विहीन कर दिया था?
उत्तर:- इक्कीस बार।

3:- भगवान् परशुराम जी की गति किसके समान बताई गई है?
उत्तर:- मन और वायु के समान।

4:- परशुराम जी के गुरु कौन थे?
उत्तर:- शंकर भगवान्।

5:-परशुरामजी के प्रमुख शिष्यों के नाम बताएं।
उत्तर:- भीष्म पितामह, गुरु द्रोणाचार्य, दानवीर कर्ण।

6:- परशुरामजी का अवतार कौन से युग में हुआ था?
उत्तर:- त्रेता युग में।

7:- परशुराम जी किसके अवतार थे तथा कौन से अवतार थे?
उत्तर:- भगवान विष्णु के छठे अवतार थे।

8:- परशुराम जी के पिता सप्तर्षियों के मंडल में कौन से ऋषि हुए?
उत्तर:- सातवें ऋषि

9:- कैलाश पर्वत पर परशुराम जी का किसके साथ युद्ध हुआ और उसका क्या परिणाम रहा?
उत्तर:- गणेश जी के साथ और उस युद्ध के परिणामस्वरूप गणेश जी का एक दांत टूट गया और वो एकदंत कहलाये।

10:- परशुराम जी किसके वंशज थे?
उत्तर:- ब्रह्मा जी के मानस पुत्र भृगु ऋषि के वंशज।

11:- परशुराम जी ने किस राजा का वध किया?
उत्तर:- कार्तवीर्यार्जुन/सहस्त्रबाहु।

12:- परशुरामजी के दादा जी और दादी जी का नाम बताइए?
उत्तर:- सत्यवती और ऋचीक मुनि।

13:- भागवत महापुराण के अनुसार आज भी परशुराम जी कौन से पर्वत पर निवास कर रहे हैं?
उत्तर:- महेन्द्र पर्वत पर।

14:- पृथ्वी पर कौनसे वंश का अन्त करने के लिए स्वयं भगवान् ने परशुराम के रूप में अंशावतार ग्रहण किया था?

उत्तर:- हैहयवंश का।

15:- बाल्यावस्था में परशुराम जी ने भगवान् की तपस्या कौनसे स्थान पर की थी?
उत्तर:- परम पवित्र चक्रतीर्थ।

16:- परशुरामजी का सहस्त्रबाहु से युद्ध किस स्थल पर हुआ था?
उत्तर:- नर्मदाजी के तट पर।

17:- शंकरजी ने परशुरामजी को कौनसा दुर्लभ मंत्र दिया था?
उत्तर:- त्रेलोक्य विजय कवच।

18 :- परशुरामजी की माता ने किस प्रकार देह त्याग की?
उत्तर:- ऋषि जमदग्नि की हत्या के पश्चात् शोकमग्न होकर सती हो गई।

19:- जमदग्नि ऋषि की सन्तान में परशुरामजी का कौनसा स्थान था?

उत्तर:- परशुरामजी सबसे छोटे पुत्र थे।

20:- ब्रह्मा जी की कौन सी पीढ़ी में परशुरामजी अवतरित हुए?
उत्तर:- पाॅंचवी पीढ़ी में (ब्रह्मा जी के भृगु ऋषि, भृगु ऋषि के ऋचिक, ऋचिक के जमदग्नि, जमदग्नि के परशुरामजी)।
21:- मत्स्यराज से कवच मांगने के लिए परशुरामजी ने कौन सा रूप धारण किया?
उत्तर:- शृंगधारी संन्यासी का।

जिनका आज जन्मदिन है उनको हार्दिक शुभकामनाएं बधाई और शुभाशीष

आज जन्मे व्यक्ति का मूलांक 1 होगा। आप साहसी और जिज्ञासु हैं। आपका मूलांक सूर्य ग्रह के द्वारा संचालित होता है। आप अत्यंत महत्वाकांक्षी हैं। आपकी मानसिक शक्ति प्रबल है। आपको समझ पाना बेहद मुश्किल है। आप आशावादी होने के कारण हर स्थिति का सामना करने में सक्षम होते हैं। आप सौन्दर्यप्रेमी हैं। आपमें सबसे ज्यादा प्रभावित करने वाला आपका आत्मविश्वास है। इसकी वजह से आप सहज ही महफिलों में छा जाते हैं। आप राजसी प्रवृत्ति के व्यक्ति हैं। आपको अपने ऊपर किसी का शासन पसंद नहीं है।
शुभ दिनांक : 1, 10, 19, 28
शुभ अंक : 1, 10, 19, 28, 37, 46, 55, 64, 73, 82
शुभ वर्ष : 2026, 2044, 2053, 2062
ईष्टदेव : सूर्य उपासना तथा मां गायत्री
शुभ रंग : लाल, केसरिया, क्रीम,
जन्मतिथि के अनुसार भविष्यफल :
स्वास्थ्य की दृष्टि से यह वर्ष उत्तम रहेगा। पारिवारिक मामलों में महत्वपूर्ण कार्य होंगे। पदोन्नति के योग हैं। बेरोजगारों के लिए भी खुशखबर है इस वर्ष आपकी मनोकामना पूरी होगी। यह वर्ष आपके लिए अत्यंत सुखद रहेगा। अधूरे कार्यों में सफलता मिलेगी। अविवाहितों के लिए सुखद स्थिति बन रही है। विवाह के योग बनेंगे। नौकरीपेशा के लिए समय उत्तम हैं।

मेष🐐 (चू, चे, चो, ला, ली, लू, ले, लो, अ)
आज के दिन आपका किसी भी कार्य को करने में मन नहीं लगेगा मध्यान्ह तक का समय व्यर्थ की कल्पनाओं में खराब करेंगे। घरेलू कार्य एक साथ सर पर आने पर बेमन से करने ही पड़ेंगे अपने कार्य अन्य किसी के ऊपर डालने पर नोकझोंक होगी। दैनिक उपभोग की वस्तुओं से जुड़े व्यवसाइयों के अतिरिक्त अन्य कोई भी कार्य क्षेत्र से मनचाही सफलता की आशा न रखें। मध्यान्ह के बाद का समय आनंद मनोरंजन में व्यतीत होगा इसके लिए अपने आवश्यक कार्यों को भी अनदेखा करेंगे। मित्र परिचितों के साथ किसी रमणीय स्थल की यात्रा होगी धार्मिक क्षेत्र पर आज चोरी होने का भय है सतर्क रहें। संतानों के ऊपर आज विशेष नजर रखें जाने अनजाने कोई गलती कर सकते हैं। जिसका पारिवारिक प्रतिष्ठा पर विपरीत असर पड़ेगा। रात्रि के समय उत्तम भोजन सुख मिलेगा।

वृष🐂 (ई, ऊ, ए, ओ, वा, वी, वू, वे, वो)
आज के दिन आप का मन आवश्यकता से अधिक चंचल रहेगा। मित्र मंडली में लंबी-लंबी डींगें हांकने पर हंसी के पात्र बनेंगे। अपनी उम्र से बड़े लोगों के सामने विवेक से पेश आएं अन्यथा मानहानि अवश्य हो कर रहेगी। सरकारी कर्मचारियों को पद प्रतिष्ठा का लाभ एवं सामान्य वर्ग को भी सरकार के द्वारा लाभ होने की संभावना है। व्यवसायी वर्ग को आशाजनक धन लाभ किसी ना किसी मार्ग से हो जाएगा। कार्यक्षेत्र पर ले देकर काम बनाने की मानसिकता हानि करा सकती है जो भी कार्य करें दृढ़ निश्चय हो कर करें परिणाम आपके पक्ष में ही रहेगा। घरेलू वातावरण में अपने विनोदी स्वभाव से तालमेल बनाए रखेंगे। लेकिन आज विपरीत लिंगीय आकर्षण मानहानि करा सकता है इसका विशेष ध्यान रखें। पेट संबंधित कुछ ना कुछ विकार बना रहेगा।

मिथुन👫 (का, की, कू, घ, ङ, छ, के, को, हा)
आज के दिन आपको विषम परिस्थितियों का सामना करना पड़ेगा। दिन के आरंभ में जिन लोगों से आर्थिक अथवा अन्य प्रकार की मदद का आश्वासन मिलेगा मध्यान्ह आते आते सभी एक-एक करके साथ छोड़ते जाएंगे शारीरिक रूप से भी सामर्थ्य कम ही रहेगा फिर भी परिस्थितियों को देखकर भागदौड़ करनी ही पड़ेगी व्यवसायी वर्ग निवेश अथवा कोई महत्वपूर्ण सौदा करते हुए सतर्क रहें धोखा होने की संभावना है। उधार के व्यवहार भूलकर भी ना करें संध्या का समय दिन की अपेक्षा सुधार वाला रहेगा थोड़ी बहुत आय बनने से मानसिक राहत मिलेगी। घर में भी भाई बंधू अथवा अन्य पारिवारिक मामलों में बाहरी लोगों के दखल से आपसी फूट जैसी स्थिति बनेगी। स्त्री एवं संतान के अलावा अन्य किसी का सहयोग ना के बराबर ही रहेगा। यात्रा की योजना फिलहाल स्थगित करें सेहत एवं धन व्यर्थ खराब होंगे।

कर्क🦀 (ही, हू, हे, हो, डा, डी, डू, डे, डो)
आज के दिन आप सार्वजनिक क्षेत्र पर बेहतर प्रदर्शन कर प्रशंसा के पात्र बनेंगे। जटिल कार्यो को भी अपने व्यवहार कुशलता से आसान बनाएंगे। दिन के आरंभ में थोड़ी बहुत शारीरिक समस्या बनेगी लेकिन कार्य व्यस्तता के चलते इनको अनदेखा करना पड़ेगा। कार्य व्यवसाय में आज संभावनाएं तो काफी रहेगी लेकिन अंत समय में कुछ ना कुछ व्यवधान आने से लाभ के नजदीक पहुंचकर निराश हो सकते हैं। नौकरीपेशा लोगों के लिए आज दिन शुभ ही रहेगा अपनी वाक पटुता से अधिकारियों को प्रसन्न कर सकेंगे। परिवार में छोटी मोटी नोकझोंक को छोड़ सुख शांति का अनुभव होगा। आज कुटुंब में किसी के अमर्यादित आचरण के कारण शर्मसार भी होना पड़ सकता है। संध्या बाद अत्यधिक थकान होने से मन में उच्चाटन आएगा। छोटी बड़ी यात्रा आनंद के साथ लाभ भी कराएगी।

सिंह🦁 (मा, मी, मू, मे, मो, टा, टी, टू, टे)
आज का दिन आपके लिए कार्य सफलता वाला रहेगा। आप दिन के प्रथम भाग के बाद पूर्वनियोजित योजनाओं में सफलता मिलने से उत्साहित रहेंगे। कई दिनों से चल रही आर्थिक मंदी अकस्मात धन लाभ होने से खत्म होगी। लेकिन भविष्य के लिए संचय आज भी नहीं कर पाएंगे धन हाथ में आते ही अक्समात खर्चों में भी वृद्धि होने से तुरंत निकल जाएगा। फिर भी सुख सुविधा जुटाने में ज्यादा मशक्कत नहीं करनी पड़ेगी। आज परिजनों की बातों पर आंख बंद कर कर भरोसा करने पर हानि हो सकती है इसका विशेष ध्यान रखें। दांपत्य जीवन में अचानक परिवर्तन देखने को मिलेगा कई दिनों से चल रही खींचतान अकस्मात ही प्रेम में बदल जाएगी। इसके पीछे पति-पत्नी का व्यक्तिगत स्वार्थ भी हो सकता है। घरेलू खर्चों के अतिरिक्त बड़े बुजुर्गों पर खर्च करना पड़ेगा। लोहे के उपकरणों से कार्य करते समय सावधानी बरतें जलने कटने का भय रहेगा।

कन्या👩 (टो, पा, पी, पू, ष, ण, ठ, पे, पो)
आज के दिन आप की धार्मिक भावनाओं में वृद्धि होगी। अपनी व्यस्त दिनचर्या से समय निकालकर पूजा पाठ आदि धार्मिक कृत्यों एवं परोपकार में लगेंगे। धन की आवश्यकता होने पर भी आप कार्य व्यवसाय के प्रति ज्यादा गंभीर नहीं रहेंगे। इसके फलस्वरुप सीमित आय से ही गुजारा करना पड़ेगा। कार्यक्षेत्र पर आज अधीनस्थ कर्मचारियों एवं सहकर्मियों के कहे अनुसार ही कार्य करना पड़ेगा। फिर भी अति आवश्यक निर्णय स्वयं के विवेक से ही लें अन्य लोगों के भरोसे रहने पर बाद में पश्चाताप होगा। पारिवारिक वातावरण भी धार्मिक रहेगा घर में पूजा पाठ आदि शुभ कर्म संपन्न होंगे। मित्र परिजनों के साथ धार्मिक क्षेत्र की यात्रा होगी। दान पुण्य पर भी थोड़ा बहुत खर्च करेंगे सेहत आज ठीक-ठाक ही रहेगी।

तुला⚖️ (रा, री, रू, रे, रो, ता, ती, तू, ते)
आज के दिन प्रातः काल से ही सेहत में नरमी बनेगी। असंयमित खान-पान अथवा अपच के कारण पेट दर्द के साथ शारीरिक अंगों में शिथिलता अनुभव करेंगे। कार्य व्यवसाय में तेजी रहने पर भी धन की आमद के लिए प्रतीक्षा करनी पड़ेगी। कार्यक्षेत्र हो या घर परिवार सभी लोग आपसे स्वार्थ सिद्धि के लिए ही प्रेम करेंगे। दोपहर के आस-पास कोई नया कार्य हाथ लगेगा लेकिन इसमें भी आर्थिक लाभ होते होते टलेगा। आज किसी भी प्रकार के जोखिम भरे कार्य से दूर ही रहना बेहतर है। संध्या का समय दिन की अपेक्षा बेहतर रूप से गुजरेगा किसी पुराने परिचित से भेंट होगी। घर के बड़े बुजुर्गों से अपनी कामना पूर्ति की आस अंत समय मे टूटने पर मन दुखी होगा। सफर अतिआवश्यक होने पर ही करें उधार किसी परिचित को भी ना दें।

वृश्चिक🦂 (तो, ना, नी, नू, ने, नो, या, यी, यू)
आज का दिन भी आपके लिए बेहतर रहने वाला है लेकिन आज आलस्य प्रमाद अधिक रहने के कारण जल्दी से किसी कार्य को करने के लिए तैयार नहीं होंगे। काम धंधे के प्रति आज पूरी तरह से लापरवाही रहेंगे बैठे-बिठाए लाभ कमाने की मानसिकता आर्थिक लाभ में कमी करेगी। वैसे तो आपकी पराक्रम शक्ति बढ़ी रहेगी लेकिन इसका प्रयोग आवश्यक कार्यों में ना कर व्यर्थ के कार्यों में करेंगे आज के दिन सरकारी कार्यों को छोड़ अन्य जिस भी कार्य में अपना दिमाग लगाएंगे उसमें अन्य लोगों की अपेक्षा तुरंत सफलता मिल सकती है। कुटुंब की आवश्यकता एवं सुख सुविधा बढ़ाने पर अत्यधिक खर्च होगा पर्यटक स्थल पर सैर-सपाटे के प्रसंग बनने से मन रोमांचित रहेगा। संध्या से सेहत में गिरावट दर्ज होने लगेगी समय रहते उपचार करें अन्यथा आगे स्थिति ज्यादा गंभीर हो सकती है।

धनु🏹 (ये, यो, भा, भी, भू, ध, फा, ढा, भे)
आज मध्यान तक का समय आपको विभिन्न सुखों की प्राप्ति कराएगा। दिन के आरंभ में आलस्य प्रमाद फैलाएंगे जिससे किसी महत्वपूर्ण कार्य में विलंब होगा परिजन भी इस कारण नाराज हो सकते हैं। आज मन ना होने पर भी प्रलोभन में आकर व्यवसायिक दौड़-धूप करेंगे परंतु धन लाभ होने पर की गई दौड़-धूप अखरेगी नहीं। सार्वजनिक क्षेत्र पर वरिष्ठ व्यक्ति से मिलने के अवसर प्राप्त होंगे परंतु इसका कोई व्यक्तिगत लाभ नहीं उठा पाएंगे। घर में किसी परिजन के द्वारा सामर्थ्य से अधिक वस्तु की मांग मुश्किल में डालेगी इसे टालने का प्रयास करेंगे लेकिन सफल नहीं हो पाएंगे। झूठे वादे किसी से ना करें अन्यथा सम्मान हानि हो सकती है। माता का व्यवहार आज शत्रु तुल्य लगेगा लेकिन यह आपके लिए हितकर ही होगा। मधुमेह अथवा असंयमित रक्तचाप के मरीजों को कुछ समय के लिए मूर्छा अथवा शारीरिक शिथिलता बनेगी।

मकर🐊 (भो, जा, जी, खी, खू, खा, खो, गा, गी)
आज के दिन आप अपनी बुद्धि विवेक का आवश्यकता से अधिक ही उपयोग करेंगे प्रत्येक कार्य में मीनमेख निकालना परिजनों के साथ बाहरी लोगों को भी अखरेगा। आज भी स्वाभाव में थोड़ी बहुत जीद रहेगी लेकिन कल जैसे कोई आपकी बातों को सहन नही करेगा अपना विरोध होते देख तुरंत बाद से पलट जाएंगे। कार्य क्षेत्र पर अव्यवस्था रहने के कारण उचित लाभ नहीं उठा पाएंगे फिर भी कार्य क्षेत्र के अतिरिक्त बाहरी संपर्कों में से किसी की खुशामद करने पर धन की आमद हो ही जाएगी। मध्यान्ह के बाद मन मनोरंजन की ओर भटकेगा दुर्व्यसनों पर खर्च करेंगे। मित्र मंडली में बैठते समय मौन ही रहने का प्रयास करें अन्यथा आपस की छोटी मोटी मजाक भी किसी के दिल को लगने पर गंभीर विवाद खड़ा कर सकती है। संध्या बाद घर में भी कलह होने की संभावना है। अपना आचरण मर्यादित रखें स्वयं की ही किसी गलती से सेहत खराब होगी।

कुंभ🍯 (गू, गे, गो, सा, सी, सू, से, सो, दा)
आज के दिन आपको शांत रहने का सुझाव है। आज परिजन से कोई मनोकामना पूर्ण ना होने पर क्रोध आएगा जिस पर संयम ना रहने पर किसी से हाथापाई की भी नौबत आ सकती है। परिजन फिर भी धैर्य रखेंगे लेकिन बाहर आपका ऐसा आचरण अवश्य ही किसी बड़ी मुश्किल में डाल सकता है। कार्य क्षेत्र पर भी आप के अभद्र व्यवहार के कारण हंगामा होने के आसार हैं। सहकर्मियों को शक की निगाह से देखना आपके लिए ही हानि करेगा। धन की आमद बिना किसी की सिफारिश अथवा चापलूसी के होना मुश्किल ही है। थोड़ी बहुत आय होगी भी लेकिन सुख के साधनों पर खर्च हो जाएगी। किसी दुर्व्यसन पर भी खर्च करेंगे इसके लिए संचित धन को खर्च करने में भी संकोच नहीं करेंगे। आकस्मिक दुर्घटना के योग हैं सतर्क रहें।

मीन🐳 (दी, दू, थ, झ, ञ, दे, दो, चा, ची)
आज का दिन आपके लिए व्यर्थ की मानसिक परेशानियों वाला रहेगा। खर्च अनियंत्रित होने के कारण मानसिक तनाव बढ़ेगा। हाथ में पैसा ना होने पर मजबूरी में किसी से उधार लेने की नौबत आ सकती है। कार्यक्षेत्र पर लाभ की संभावना भी बनते-बनते अंत समय में टलने से मन निराश होगा। घर परिवार में किसी शुभ आयोजन की खरीदारी होगी। अन्य कार्यों की व्यस्तता के चलते कार्यक्षेत्र पर कम ही समय दे पाएंगे फिर भी दैनिक खर्चों की पूर्ति थोड़े ही समय में हो जाएगी। भागीदारों अथवा जीवन साथी से आर्थिक मामलों को लेकर कहासुनी होने की संभावना है। धैर्य से काम लें अन्यथा आगे के लिये समस्या बनेगी। जब भी मेहनत करने का मौका मिले इससे पीछे ना हटे निकट भविष्य में इसका फल अवश्य ही आपके लिए हितकर रहेगा। पारिवारिक वातावरण छोटी-छोटी बातों में गर्म होने से मन बेचैन रहेगा फिर भी बीच-बीच में दिमाग ठंडा करने के प्रसंग बनते रहेंगे। पेट संबंधित शिकायत आज भी रहेगी।

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