वैदिक पंचांग (Vaidik Panchang)
⛅दिनांक – 12 नवम्बर 2024
⛅दिन – मंगलवार
⛅विक्रम संवत् – 2081
⛅अयन – दक्षिणायन
⛅ऋतु – हेमन्त
⛅मास – कार्तिक
⛅पक्ष – शुक्ल
⛅तिथि – एकादशी शाम 04:04 तक तत्पश्चात द्वादशी
⛅नक्षत्र – पूर्व भाद्रपद प्रातः 07:52 तक तत्पश्चात उत्तर भाद्रपद प्रातः 05:40 नवम्बर 13 तक तत्पश्चात रेवती
⛅योग – हर्षण शाम 07:10 तक तत्पश्चात वज्र
⛅राहु काल – दोपहर 03:10 से शाम 04:33 तक
⛅सूर्योदय – 06:54
⛅सूर्यास्त – 05:52
⛅दिशा शूल – उत्तर दिशा में
⛅ब्राह्ममुहूर्त – प्रातः 05:08 से 06:00 तक
⛅अभिजीत मुहूर्त – दोपहर 12:02 से दोपहर 12:46 तक
⛅निशिता मुहूर्त- रात्रि 11:58 नवम्बर 12 से रात्रि 12:50 नवम्बर 13 तक
⛅व्रत पर्व विवरण – देवउठी एकादशी, योगेश्वर द्वादशी, चातुर्मास समाप्त, सर्वार्थ सिद्धि योग (प्रातः 07:52 से प्रातः 05:40 नवम्बर 13 तक)
⛅विशेष – एकादशी को सिम्बी (सेम) खाने से पुत्र का नाश होता है । (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)
🔹एकादशी में क्या करें, क्या न करें ?🔹
🌹1. एकादशी को लकड़ी का दातुन तथा पेस्ट का उपयोग न करें । नींबू, जामुन या आम के पत्ते लेकर चबा लें और उँगली से कंठ शुद्ध कर लें । वृक्ष से पत्ता तोड़ना भी वर्जित है, अत: स्वयं गिरे हुए पत्ते का सेवन करें ।
🌹2. स्नानादि कर के गीता पाठ करें, विष्णु सहस्रनाम का पाठ करें ।
🌹हर एकादशी को श्री विष्णु सहस्रनाम का पाठ करने से घर में सुख शांति बनी रहती है l
🌹राम रामेति रामेति । रमे रामे मनोरमे ।। सहस्त्र नाम त तुल्यं । राम नाम वरानने ।।
एकादशी के दिन इस मंत्र के पाठ से श्री विष्णु सहस्रनाम के जप के समान पुण्य प्राप्त होता है l
🌹3. `ॐ नमो भगवते वासुदेवाय’ इस द्वादश अक्षर मंत्र अथवा गुरुमंत्र का जप करना चाहिए ।
🌹4. चोर, पाखण्डी और दुराचारी मनुष्य से बात नहीं करना चाहिए, यथा संभव मौन रहें ।
🌹5. एकदशी के दिन भूल कर भी चावल नहीं खाना चाहिए न ही किसी को खिलाना चाहिए । इस दिन फलाहार अथवा घर में निकाला हुआ फल का रस अथवा दूध या जल पर रहना लाभदायक है ।
🌹6. व्रत के ( दशमी, एकादशी और द्वादशी ) – इन तीन दिनों में काँसे के बर्तन, मांस, प्याज, लहसुन, मसूर, उड़द, चने, कोदो (एक प्रकार का धान), शाक, शहद, तेल और अत्यम्बुपान (अधिक जल का सेवन) – का सेवन न करें ।
🌹7. फलाहारी को गोभी, गाजर, शलजम, पालक, कुलफा का साग इत्यादि सेवन नहीं करना चाहिए ।आम, अंगूर, केला, बादाम, पिस्ता इत्यादि अमृत फलों का सेवन करना चाहिए ।
🌹8. जुआ, निद्रा, पान, परायी निन्दा, चुगली, चोरी, हिंसा, मैथुन, क्रोध तथा झूठ, कपटादि अन्य कुकर्मों से नितान्त दूर रहना चाहिए ।
🌹9. भूलवश किसी निन्दक से बात हो जाय तो इस दोष को दूर करने के लिए भगवान सूर्य के दर्शन तथा धूप-दीप से श्रीहरि की पूजा कर क्षमा माँग लेनी चाहिए ।
🌹10. एकादशी के दिन घर में झाड़ू नहीं लगाएं । इससे चींटी आदि सूक्ष्म जीवों की मृत्यु का भय रहता है ।
🌹11. इस दिन बाल नहीं कटवाने चाहिए ।
🌹12. इस दिन यथाशक्ति अन्नदान करें किन्तु स्वयं किसीका दिया हुआ अन्न कदापि ग्रहण न करें ।
🌹13. एकादशी की रात में भगवान विष्णु के आगे जागरण करना चाहिए (जागरण रात्र 1 बजे तक) ।
🌹14. जो श्रीहरि के समीप जागरण करते समय रात में दीपक जलाता है, उसका पुण्य सौ कल्पों में भी नष्ट नहीं होता है ।
🔹 इस विधि से व्रत करनेवाला उत्तम फल को प्राप्त करता है
देवोत्थान एकादशी – श्री तुलसी शालिग्राम विवाह
जिन दंपत्तियों के संतान नहीं होती अथवा जिनके यहाँ कन्या नहीं होती उनको जीवन में एक बार तुलसी का विवाह करके कन्यादान का पुण्य अवश्य प्राप्त करना चाहिए। तुलसी विवाह करने से कन्यादान के समान पुण्य-फल की प्राप्ति होती है।
कार्तिक शुक्ल पक्ष की एकादशी देवोत्थान, तुलसी शालिग्राम विवाह एवं भीष्म पंचक एकादशी के रूप में मनाई जाती है।
दीपावली के बाद आने वाली कार्तिक शुक्ल पक्ष की एकादशी को देवोत्थान एकादशी, देवउठनी एकादशी, देवउठान एकादशी, देवउठनी ग्यारस अथवा प्रबोधिनी एकादशी आदि नाम से भी जाना जाता है।
कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी को तुलसी पूजन एवं तुलसी विवाह का उत्सव पूरे भारतवर्ष में मनाया जाता है।
कहा जाता है कि कार्तिक मास मे जो मनुष्य तुलसी का विवाह भगवान से करते हैं उनके पिछलों जन्मो के सब पाप नष्ट हो जाते हैं।
शास्त्रों में वर्णित है कि आषाढ़ मास शुक्ल पक्ष की एकादशी देवशयनी एकादशी से भगवान विष्णु चार मास तक क्षीरसागर में शयन करते हैं और कार्तिक मास शुक्ल पक्ष की एकादशी को जागते हैं।
संसार के पालनहार श्रीहरि विष्णु को समस्त मांगलिक कार्यों में साक्षी माना जाता है परन्तु इनकी निद्रावस्था(चातुर्मास) में विवाह आदि शुभ कार्य बंद कर दिया जाता है इसलिए हिंदुओं के समस्त शुभ कार्य भगवान विष्णु के जागृत अवस्था में संपन्न करने का विधान धर्मशास्त्रों में वर्णित है।
भगवान विष्णु के जागने का दिन है देवोत्थान एकादशी:-
इसी दिन से सभी शुभ कार्य विवाह, उपनयन आदि शुभ मुहूर्त देखकर प्रारंभ किए जाते हैं।
आषाढ़ से कार्तिक तक के समय को चातुर्मास कहते हैं, इन चार महीनों में भगवान विष्णु क्षीरसागर की अनंत शैय्या पर शयन करते हैं इसलिए कृषि के अलावा विवाह आदि शुभ कार्य इस समय तक बंद रहते हैं।
धार्मिक दृष्टिकोण से ये चार मास भगवान की निद्राकाल का माना जाता है।
ज्योतिषशास्त्र के अनुसार सूर्य के मिथुन राशि में आने पर भगवान श्री हरि विष्णु शयन करते हैं और तुला राशि में सूर्य के जाने पर भगवान शयन कर उठते हैं।
भगवान जब सोते हैं तो चारों वर्ण की विवाह, यज्ञ आदि सभी क्रियाएं संपादित नहीं होती।
यज्ञोपवीतादि संस्कार, विवाह, दीक्षा ग्रहण, यज्ञ, नूतन गृह प्रवेश, गोदान, प्रतिष्ठा एवं जितने भी शुभ कर्म हैं, वे चातुर्मास में त्याज्य माने गए हैं।
आषाढ शुक्ल एकादशी को देव-शयन हो जाने के बाद से प्रारम्भ हुए चातुर्मास का समापन तक शुक्ल एकादशी के दिन देवोत्थान-उत्सव होने पर होता है। इस दिन वैष्णव ही नहीं, स्मार्त श्रद्धालु भी बडी आस्था के साथ व्रत करते हैं।
भगवान विष्णु के स्वरुप शालिग्राम और माता तुलसी के मिलन का पर्व तुलसी विवाह हिन्दू पंचांग केअनुसार कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को मनाया जाता है।
पद्मपुराण के पौराणिक कथानुसार राजा जालंधर की पत्नी वृंदा के श्राप से भगवान विष्णु पत्थर बन गए जिसके कारणवश प्रभु को शालिग्राम भी कहा जाता है और भक्तगण इस रूप में भी उनकी पूजा करते हैं।
इसी श्राप से मुक्ति पाने के लिए भगवान विष्णु को अपने शालिग्राम स्वरुप में तुलसी से विवाह करना पड़ा था और उसी समय से कार्तिक मास के शुक्लपक्ष की एकादशी को तुलसी विवाह का उत्सव मनाया जाता है।
प्राचीन ग्रंथों के अनुसार कार्तिक शुक्ल पक्ष की नवमी को तुलसी की स्थापना की जाती है और एकादशी के दिन भगवान विष्णु की प्रतिमा बनाकर उनका विवाह तुलसी जी से किया जाता है।
देवोत्थान एकादशी के दिन मनाया जाने वाला तुलसी विवाह विशुद्ध मांगलिक और आध्यात्मिक प्रसंग है। दरअसल, तुलसी को विष्णु प्रिया भी कहते हैं। देवता जब जागते हैं तो सबसे पहली प्रार्थना हरिवल्लभा तुलसी की ही सुनते हैं इसीलिए तुलसी विवाह को देव जागरण के पवित्र मुहूर्त के स्वागत का आयोजन माना जाता है।
तुलसी विवाह का सीधा अर्थ है, तुलसी के माध्यम से भगवान का आह्वान।
कुछ लोग एकादशी से पूर्णिमा तक तुलसी पूजन कर पाँचवें दिन तुलसी विवाह करते हैं।
आयोजन बिल्कुल वैसा ही होता है जैसे हिन्दू रीति-रिवाज से सामान्य वर-वधु का विवाह किया जाता है।
देवप्रबोधिनी एकादशी के दिन मनाए जाने वाले इस मांगलिक प्रसंग के सुअवसर पर सनातन धर्मावलम्बी घर की साफ़-सफाई करते हैं और
रंगोली सजाते हैं।
शाम के समय तुलसी चौरा के पास गन्ने का भव्य मंडप बनाकर उसमें साक्षात् नारायण स्वरुप शालिग्राम की मूर्ति रखते हैं और फिर विधि-विधानपूर्वक उनके विवाह को संपन्न कराते हैं।
मंडप, वर पूजा, कन्यादान, हवन और फिर प्रीति-भोज, सब कुछ पारम्परिक रीति-रिवाजों के साथ निभाया जाता है।
इस विवाह में शालिग्राम वर और तुलसी कन्या की भूमिका में होती है।
इस दिन तुलसी के पौधे को यानी वधु को लाल चुनरी-ओढ़नी ओढ़ाई जाती है। तुलसी विवाह में सोलह श्रृंगार के सभी सामान चढ़ावे के लिए रखे जाते हैं।
शालिग्राम जी को दोनों हाथों में लेकर यजमान
वर के रूप में यानी भगवान विष्णु के रूप में और यजमान की पत्नी तुलसी के पौधे को दोनों हाथों में लेकर अग्नि के सात फेरे लेते हैं। विवाह के पश्चात प्रीतिभोज का आयोजन किया जाता है।
जिन दंपत्तियों के संतान नहीं होती अथवा जिनके यहाँ कन्या नहीं होती उनको जीवन में एक बार तुलसी का विवाह करके कन्यादान का पुण्य अवश्य प्राप्त करना चाहिए। तुलसी विवाह करने से कन्यादान के समान पुण्यफल की प्राप्ति होती है।
कार्तिक शुक्ल एकादशी पर तुलसी विवाह का विधिवत पूजन करने से भक्तों की सभी मनोकामना पूर्ण होती हैं।
हमारे सनातन संस्कार अनुसार तुलसी को देवी रुप में हर घर में पूजा जाता है। इसकी नियमित पूजा से व्यक्ति को पापों से मुक्ति तथा पुण्य फल में वृद्धि मिलती है। तुलसी बहुत पवित्र है और सभी पूजाओं में देवी तथा देवताओं को अर्पित की जाती है। सभी कार्यों में तुलसी का पत्ता अनिवार्य माना गया है। प्रतिदिन तुलसी में जल देना तथा उसकी पूजा करना अनिवार्य माना गया है। तुलसी घर-आँगन के वातावरण को सुखमय तथा स्वास्थ्यवर्धक बनाती है।
हमारे शास्त्रों में तुलसी के पौधे को पवित्र और पूजनीय माना गया है, तुलसी की नियमित पूजा से हमें सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है।
तुलसी विवाह के सुअवसर पर व्रत रखने का बड़ा ही महत्व है, इस दिन श्रद्धा-भक्ति और विधिपूर्वक व्रत करने से व्रती के इस जन्म के साथ-साथ पूर्वजन्म के भी सारे पाप मिट जाते हैं और उसे पुण्य की प्राप्ति होती है।
जिनका आज जन्मदिन है उनको हार्दिक शुभकामनाएं बधाई और शुभ आशीष
दिनांक 12 को जन्मे व्यक्तियों का अंक ज्योतिष के अनुसार मूलांक तीन आता है। यह बृहस्पति का प्रतिनिधि अंक है। आप दार्शनिक स्वभाव के होने के बावजूद एक विशेष प्रकार की स्फूर्ति रखते हैं। आपकी शिक्षा के क्षेत्र में पकड़ मजबूत होगी। आप एक सामाजिक प्राणी हैं।
आप सदैव परिपूर्णता या कहें कि परफेक्शन की तलाश में रहते हैं यही वजह है कि अकसर अव्यवस्थाओं के कारण तनाव में रहते हैं। ऐसे व्यक्ति निष्कपट, दयालु एवं उच्च तार्किक क्षमता वाले होते हैं। अनुशासनप्रिय होने के कारण कभी-कभी आप तानाशाह भी बन जाते हैं।
शुभ दिनांक : 3, 12, 21, 30
शुभ अंक : 1, 3, 6, 7, 9
शुभ वर्ष : 2028, 2030, 2031, 2034, 2043, 2049, 2052
ईष्टदेव : देवी सरस्वती, देवगुरु बृहस्पति, भगवान विष्णु
शुभ रंग : पीला, सुनहरा और गुलाबी
जन्मतिथि के अनुसार भविष्यफल :
घर या परिवार में शुभ कार्य होंगे। यह वर्ष आपके लिए अत्यंत सुखद है। नवीन व्यापार की योजना भी बन सकती है। दांपत्य जीवन में सुखद स्थिति रहेगी। किसी विशेष परीक्षा में सफलता मिल सकती है। नौकरीपेशा के लिए प्रतिभा के बल पर उत्तम सफलता का है। मित्र वर्ग का सहयोग सुखद रहेगा। शत्रु वर्ग प्रभावहीन होंगे। महत्वपूर्ण कार्य से यात्रा के योग भी है।
आज का राशिफल
🦌मेष
आज दिन के पूर्वार्ध को छोड़ शेष भाग कुछ ना कुछ हानि ही देकर जाएगा अतिमहत्त्वपूर्ण कार्य समय रहते पूर्ण कर लें इसके बाद बनते कामो में विघ्न आने लगेंगे। कार्य क्षेत्र पर आज संघर्ष के बाद भी अनुकूल लाभ ना मिलने से मन अनैतिक कार्यो की ओर अग्रसर होगा। आर्थिक मामले अंत समय मे उलझने के कारण व्यवसाय पर असर देखने को मिलेगा फिर भी आज खर्च निकलने लायक धन कही ना कही से मिल ही जायेगा। आज किसी जानने वाले कि बातो पर भी आंख बंद कर भरोषा ना करें। परिवार में कोई अप्रिय घटना घटने से मनव्यथित होगा। सेहत सम्बंधित नई समस्या बनेगी। यात्रा स्थगित करें।
🐂वृष
आज का दिन सामाजिक कार्यो में योगदान देने से सम्मान बढ़ायेगा। आज आप कार्यो में जल्दबाजी दिखाएंगे जिससे कोई भी कार्य पूर्ण तो जल्दी हो जाएगा लेकिन इससे संबंधित लाभ के लिये प्रतीक्षा करनी पड़ेगी। सार्वजिक क्षेत्र पर दान पुण्य के अवसर मिलेंगे लेकिन इससे स्वभाव में अहंकार भी आएगा। कार्य व्यवसाय में आज उन्नति होगी भविष्य के लिये बचत के साथ नई योजनाओं पर भी काम कर सकेंगे। आज आपको कोई लालच देकर ठग सकता है प्रलोभन से बचे अन्यथा आज होने वाला लाभ आते ही व्यर्थ में खर्च हो जाएगा। गृहस्थी चलाने में थोड़ी कठिनाई आएगी फिर भी आपसी तालमेल से विजय पा लेंगे। स्वास्थ्य में छोटे मोटे कष्ट लगे रहेंगे।
👬मिथुन
आज आपको सरकारी क्षेत्र से शुभ समाचार की प्राप्ति होगी सार्वजनिक क्षेत्र पर भी मान बढेगा आज लापरवाहि से बचें अन्यथा परिणाम विपरीत भी हो सकते है। कार्य व्यवसाय की स्थिति पहके से बेहतर बनेगी फिर भी आज धन को लेकर अनिश्चितता के दौर से गुजरना पड़ेगा। अपने कार्य नियत समय से थोड़े विलम्ब से करेंगे सहयोग की आज कमी नही रहेगी लेकिन धन लाभ समय पर ना होने के कारण थोड़ी असुविधा बनेगी प्रतिस्पर्धा कम रहने का लाभ नही मिल सकेगा। गृहस्थ में छोटी मोटी नोकझोंक के बाद भी आत्मीयता बनी रहेगी। बुजुर्गो की सेहत संबंधित समस्या अनदेखी के कारण गंभीर हो सकती है।
🦀कर्क
आज दिन के आरंभिक भाग में पूजा पाठ में सम्मिलित होने का असर दिन भर मानसिक रूप से शांत रखेंगा लेकिन इसके बाद दैनिक कार्यो की भागदौड़ में शरीर की भी सुध नही रहेगी खान पान में लापरवाही के कारण पुराना रोग फिर से उभरने की संभावना है। कार्य-व्यवसाय में लाभ की संभावना बनेगी लेकिन अंत समय मे कुछ ना कुछ बाधा आने से धन की प्राप्ति आगे के लिये टलेगी। नौकरशाहो के लिये दिन लाभदायक रहेगा अतिरिक्त आय बनाने के अवसर मिलेंगे लेकिन कम से संतोष करे अन्यथा मान भंग होने की स्थिति बन सकती है। परिवार में मांगलिक कार्यक्रम की रूपरेखा बनेगी वातावरण शांत रहेगा। धार्मिक क्षेत्र की यात्रा होगी दान पुण्य पर खर्च करेंगे।
🦁सिंह
आज दिन के आरंभिक भाग में आप किसी महात्त्वपूर्ण कार्य को लेकर उत्साहित रहेंगे लेकिन सेहत में धीरे धीरे नरमी आने से मन का उत्साह भी उदासीनता में बदल जायेगा। काम-धंधा अपेक्षा के अनुसार नही चलने से अतिरिक्त मानसिक बेचैनी रहेगी। अक्समात यात्रा के योग भी बनेंगे यथा सम्भव टालने का प्रयास करें। व्यवसायी वर्ग तुरंत लाभ पाने की कामना से निवेश ना करें अन्यथा निराश होना पड़ेगा धन की आमद आज निश्चित नही रहेगी फिर भी काम चलाने लायक हो ही जाएगी। परिवार में मौसमी बीमारियों का प्रकोप रहने से अव्यवस्था रहेगीं दवाओं पर खर्च करना पड़ेगा।
👰♀कन्या
आज दिन के पहले भाग में आप किसी कार्य को लेकर दुविधा में रहेंगे इसके कारण भाग दौड़ भी करनी पड़ेगी परन्तु लाभ होते होते हाथ से निकल जायेगा। भाग्य का साथ आज अन्य दिनों की अपेक्षा कम ही रहेगा। घर का शांत वातावरण आपसी तालमेल की कमी के कारण खराब रहेगा आज घर किसी भी सदस्य को काम के लिये कहना कलह कराएगा। महिलाये धर्य धारण करने का प्रयास करेंगी लेकिन बचते बचते भी कलह होने की संभावना है। व्यवसायिक क्षेत्र पर लाभ के कम ही अवसर मिलेंगे फिर भी आवश्यकता अनुसार धन कही ना कही से मिल ही जायेगा नौकरी पेशाओ से गलत काम होने पर अधिकारी रुष्ट होंगे। स्वास्थ्य में भी थोड़ा बहुत विकार लगा रहेगा।
⚖तुला
आज भी दिन के पूर्वार्ध में सेहत संबंधित शिकायत रहेगी। सर में भारीपन अनुभव करेंगे लेकिन मध्यान तक स्वास्थ्य में सुधार आने लगेगा धार्मिक कार्यो में रुचि लेंगे पूजा पाठ एवं अन्य धार्मिक कार्यो में मन लगेगा एकाग्रता भी बढ़ेगी। कार्य व्यवसाय से आज आशा कम ही रहेगी धनलाभ भी आशा के अनुरूप कम ही होगा। आज किसी नए कार्य को आरंभ करेंगे अथवा कार्य क्षेत्र पर नए प्रयोग करेंगे इनसे तुरंत लाभ की आशा ना रखें लेकिन निकट भविष्य में धीरे धीरे अवश्य फलदायक बनेंगे। महिलाये आज किसी ना किसी कारण से बेचैन ही रहेंगी लेकिन कार्यो में बाधा नही आने देंगी। लघु यात्रा में खर्च होगा फिर भी आनंद प्रदान करेगी।
🦂वृश्चिक
आज का दिन मिला-जुला फल देगा दिन के आरंभ में जिस कार्य को करने से डरेंगे दोपहर के बाद उसी में मन लगने लगेगा लाभ के अवसर भी मध्यान बाद से मिलने लगेंगे लेकिन स्वभाव में चंचलता आने से समय पर निर्णय लेने में परेशानी आएगी जिसके परिणाम स्वरूप सीमित लाभ से ही संतोष करना पड़ेगा। आज परिस्थितियां अनुकूल बन रही है मेहनत करने से पीछे ना हटे किसी भी कार्य से तुरंत लाभ नही होगा लेकिन निकट भविष्य में धन के साथ सम्मान भी मिलेगा। धर का वातावरण आज अन्य दिनों की तुलना में आनदमय रहेगा अपनी बचकानी हरकतों से परिजनो का मनोरंजन करेंगे।
🏹धनु
आज दिन के आरम्भ में स्वभाव में नरमी रखने की आवश्यकता है। बेतुकी बाते कर के परिवार का वातावरण खराब करेंगे परिजन भी उकसाने वाला व्यवहार करेंगे लेकिन मौन रहकर दोपहर तक का समय बिताये इसके बाद स्थिति अपने आप शांत बनने लगेगी। कार्य क्षेत्र पर भी मध्यान तक नरम व्यवहार रखें इसके बाद स्वतः ही अपनी गलतियों का आभास होगा जिससे विवेक जाग्रत होने पर दिन का बाकी भाग शान्ति से बीतेगा। धन लाभ की कामना पूर्ति के लिये आज परिश्रम अधिक करना पड़ेगा इसकी तुलना में सहयोग की कमी रहेगी। उधारी के व्यवहार स्वयं ही बढ़ाएंगे समय पर उगाही ना होने पर गुस्सा आयेगा। घर और सेहत की स्थिति आज सामान्य रहेगी।
🐊मकर
आज दिन के आरम्भ में परिस्थितियां आपको लाभ से दूर रखने वाली रहेंगी आलस्य में पड़कर काम से दूर भागेंगे लेकिन धयान रखें प्रातः काल से मध्यान के बीच की गई मेहनत बाद में अवश्य संतोष प्रदान करेगी अन्यथा पश्चाताप रहेगा। कार्य व्यवसाय भी दिन के पूर्वार्ध में ही लाभ के अवसर प्रदान करेगा दोपहर बाद बाजार में उदासीनता आने से धन लाभ के लिये तरसना पड़ेगा। नौकरी वाले जातक आज संतोषजनक कार्य करने के बाद भी अधिकारियों से विशेष प्रयोजन सिद्ध ना कर पाने पर नाराज रहेंगे। परिवार में पूजा पाठ के आयोजन होने से वातावरण मंगलमय रहेगा लेकिन सदस्यों में कुछ ना कुछ मतभेद लगे रहेंगे। स्वास्थ्य संबंधित समस्या आज कम ही रहेंगी।
🏺कुंभ
आज आप दिन के पूर्वार्ध में उदासीनता से ग्रस्त रहेंगे सर पर दायित्व के कारण कार्य करने का मन करेगा लेकिन कही से कोई सहायता ना मिलने से मन मे नकारत्मक विचार आएंगे अनैतिक कार्यो की ओर मन आकर्षित होगा लेकिन थोड़ा धैर्य रखें मध्यान से स्थिति पक्ष में होने लगेगी आप जिस कार्य की योजना बनाएंगे उससे संबंधित सुविधाएं कही ना कही से स्वतः ही मिल जाएगी। आज जल्दबाजी से बचें अन्यथा निर्णय गलत ही सिद्ध होगा धैर्य से कार्य करने पर आशा जनक लाभ पा सकते है। धन की आमद दोपहर के बाद ही होगी लेकिन व्यवधानों के बाद ही। पारिवारिक सुख में वृद्धि होगी। सेहत कुछ नरम रहेगी फिर भी इस ओर ध्यान नही देंगे।
🐬मीन
आज के दिन धैर्य धारण करने का लाभ आपको अवश्य ही किसी ना किसी रूप में मिल जाएगा। दिन के आरम्भ से ही कार्य पूर्ण करने में जल्दबाजी करेंगे व्यवसायी वर्ग भी ले देकर सौदे निपटाने के चक्कर में रहेंगे मध्यान तक का इंतजार करें लाभ में वृद्धि हो सकती है। धन की आमद आज निश्चित होगी लेकिन इंतजार करने के बाद ही। दोपहर बाद आपके प्रति लोगो के विचार बदलने लगेंगे कल तक जो आपसे नाराज चल रहे थे वे भी समर्थन करेंगे। पारिवारिक वातावरण में भी दोपहर बाद ही सुधार आएगा परिजन इच्छा पूर्ति होने पर प्रसन्न रहेंगे लेकिन स्त्री वर्ग को आज संतुष्ट रखना मुमकिन नही होगा। स्वास्थ्य में सुधार रहेगा।
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11 November 2024: Vaidik Panchang and Horoscope