30 October 2024: Vaidik Panchang and Horoscope

0
135
#image_title

वैदिक पंचांग (Vaidik Panchang)
⛅दिनांक – 30 अक्टूबर 2024
⛅दिन – बुधवार
⛅विक्रम संवत् – 2081
⛅अयन – दक्षिणायन
⛅ऋतु – हेमन्त
⛅मास – कार्तिक
⛅पक्ष – कृष्ण
⛅तिथि – त्रयोदशी दोपहर 01:15 तक तत्पश्चात चतुर्दशी
⛅नक्षत्र – हस्त रात्रि 09:43 तक तत्पश्चात चित्रा
⛅योग – वैधृति प्रातः 08:52 तक तत्पश्चात विष्कम्भ
⛅राहु काल – दोपहर 12:23 से दोपहर 01:48 तक
⛅सूर्योदय – 06:42
⛅सूर्यास्त – 06:06
⛅दिशा शूल – उत्तर दिशा में
⛅ब्राह्ममुहूर्त – प्रातः 05:02 से 05:53 तक
⛅अभिजीत मुहूर्त – कोई नहीं
⛅निशिता मुहूर्त- रात्रि 11:58 अक्टूबर 30 से रात्रि 12:49 अक्टूबर 31 तक
⛅व्रत पर्व विवरण – काली चौदस, नरक चतुर्दशी (रात्रि में मंत्र जप से मंत्रसिद्धि), हनुमान पूजा, मासिक शिवरात्रि, सर्वार्थ सिद्धि योग (प्रातः 06:44 से रात्रि 09:43 तक)
⛅विशेष – त्रयोदशी को बैंगन खाने से पुत्र का नाश होता है। चतुर्दशी के दिन स्त्री-सहवास और तिल का तेल खाना और लगाना निषिद्ध है । (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)

🔹स्वास्थ्यबल, मनोबल व रोगप्रतिकारक बल बढ़ाने की कुंजी🔹
🔸प्रातःकाल ३ से ५ बजे के बीच प्राणशक्ति (जीवनी शक्ति) फेफड़ों में होती है । यह समय प्राणायाम द्वारा प्राणशक्ति, मनःशक्ति, बुद्धिशक्ति विकसित करने हेतु बेजोड़ है । इस समय प्राणायाम करना बहुत जरूरी है । सुबह ५ बजे के पहले प्राणायाम अवश्य हो जाने चाहिए । इससे कई गुना फायदा होगा । ४ से ५ बजे का समय जागरण, ध्यान, प्राणायाम करने के लिए सबसे उपयुक्त होता है अतः इसका लाभ लें ।
🔸इन्द्रियों का स्वामी मन है और मन का स्वामी प्राण है । प्राणायाम करने से प्राण तालबद्ध होते हैं । प्राण तालबद्ध होने से मन की दुष्टता और चंचलता नियंत्रित होती है ।

🔸प्रातः ४ से ५ के बीच ३ – ४ अनुलोम-विलोम प्राणायाम करें दायें नथुने से श्वास लिया, बायें से छोड़ा व बायें से लिया, दायें से छोड़ा । फिर आभ्यंतर बहिर्कुम्भक प्राणायाम करें ।

🔸विधि : गहरा श्वास लेकर उसे १०० सेकंड तक भीतर रोकें । फिर श्वास धीरे-धीरे बाहर छोड़ दें और स्वाभाविक २-४ श्वास लें । फिर पूरा श्वास बाहर निकालकर ७०-८० सेकंड तक बाहर ही रोके रखें । बाह्य व आभ्यंतर कुम्भक मिलाकर यह १ प्राणायाम हुआ । ऐसे कम से कम ३-५ प्राणायाम अवश्य करने चाहिए । (नये अभ्यासक इन कुम्भकों में समयावधि धीरे-धीरे बढ़ाते हुए दिये गये समय तक पहुँचे ।

कार्तिक माहात्म्य
राजा पृथु ने कहा:-
नारदजी यह तो आपने देवाधिदेव महादेव की अनुकंपा की बड़ी सुंदर कथा सुनाई और हमें कृतार्थ किया. कृपा करके यह बतलाइए कि शिवजी की दया से राहु के प्राण तो बच गए पर प्राण बचने के बाद उसका क्या हुआ. राजा पृथु के ऐसा पूछने पर नारदजी ने बताना शुरू किया- उसकी प्राणरक्षा होने के बाद उसका एक नाम प्रसिद्ध हुआ- बर्बर. नया जन्म पाकर उसने स्वयं को धन्य समझा और किसी प्रकार साहस जुटाकर अपने राजा जलंधर के पास पहुंचा. जलंधर की सेवा में उपस्थित होकर उसने कातर भाव से वह सारा हाल कह सुनाया जो उसके साथ कैलाश पर शिवजी के सम्मुख हुआ था. सारी बात सुनकर जलंधर क्रोध से आग-बबूला हो गया. क्रोध से चिल्लाते हुए उसनेसभी सेनापतियों को बुलाना शुरू किया. सभी को आदेश दिया गया कि वे तत्काल सेना सजाकर उसकी सेवा में उपस्थित हों. जलंधर के आदेश मिलते ही असुर लोक में खलबली मच गई. तत्काल सभी असुर सेनापति अपनी सेना को सजाकर पहुंचे और जलंधर के आदेश की प्रतीक्षा करने लगे. कालनेमि और शुंभ-निशुंभ आदि दैत्य युद्ध के लिए तैयार होने लगे. एक के एक महाबली दैत्य करोड़ों की संख्या में निकलकर आए और अपने अस्त्र-शस्त्र तैयार करने लगे. चारों तरफ अस्त्रों-शस्त्रों के झंकार और ध्वनि गूंजने लगी. आकाश गूंजायमान हो गया. अपनी सेना को सब प्रकार से सुसज्जित होकर युद्ध के लिए ललकारती और उन्मत सेना को देखकर जलंधर का उन्माद और बढ़ गया. महाप्रतापी सिंधुपुत्र जलंधर जो शिवजी के तेज से उत्पन्न हुआ था वह स्वयं अस्त्र-शस्त्र से सुसज्जित होकर निकला. उसके आगे-आगे असुरगुरू शुक्राचार्य और छिन्नमस्तक राहु चल रहे थे. वह युद्ध के लिए निकला ही था कि एक अपशकुन हो गया. जलंधर के सिर पर सजा मुकुट गिर पड़ा. आकाश में मेघ छा गए और बड़े-बड़े अपशकुन होने लगे. उधर इंद्र आदि सब देवता एकत्र होकर शिवजी के पास पहुंचे और उन्हें सारा वृतांत कह सुनाया और यह भी कहा कि आपने जलंधर से युद्ध करने के लिए श्रीहरि को भेजा था वह भी जलंधर के वश में हो गए हैं. स्वयं श्रीलक्ष्मीजी के साथ श्रीहरि उसके यहां निवास कर रहे हैं. लक्ष्मीयुक्त होकर जलंधर का सामर्थ्य पहले से ज्यादा बढ़ गया है. अब देवताओं को भी उसके यहां वास करना पड़ रहा है. सागर पुत्र जलंधर सेना सजाकर आपसे युद्ध के लिए आ रहा है. उसके साथ अनंत सेना है जिसका सामना करना किसी के वश में नहीं है. आपके सिवा उसे और कोई नहीं रोक सकता है. आप उसका सर्वनाश करिए भोलेनाथ. देवताओं के मुख से सारा प्रसंग सुनकर देवाधिदेव महादेव ने श्रीहरि से योगविद्धा से संपर्क किया और उनसे पूछा- हे ऋषिकेश! आपने जलंधर का युद्ध में संहार क्यों नहीं किया? इससे भी अधिक अचंभित करने वाली बात है कि आप उसके वश में क्यों और कैसे हो गए, उसने क्या माया रच दी कि मायापति को ही मोह लिया? यह सुनकर श्रीहरि ने वंदना के भाव में विनम्रता से कहा- हे देवाधिदेव सिंधु द्वारा पालित होने से वह एक प्रकार से लक्ष्मी का भाई होता है इस कारण मैंने उसका वध नहीं किया. वह बहुत वीर है और देवों के लिए अजेय है. उसका वध करने में कोई समर्थ नहीं है. जलंधर के साथ युद्ध करते हुए उसके कौशल को देखकर मुझे बड़ा आनंद हुआ. मैं उसके शौर्य पर मुग्ध हो गया और उससे वरदान मांगने को कहा. उसने मांग लिया कि मैं उसके महल में उसकी बहन लक्ष्मी के साथ निवास करूं. अपने दिए वरदान के कारण मैं विवश हो गया नाथ. यह सुनकर शिवजी ने कहा- हे परमप्रतापी श्रीहरि आप यह क्या कहते हैं. जलंधर अजेय नहीं हो सकता. मैं स्वयं रण में उसका संहार करूंगा. इसमें कोई संदेह नहीं है. आप सभी देवगण अब जलंधर को मृत मानिए और उसके स्थान का त्यागकर दीजिए. शिवजी के ऐसा कहने पर संदेह की कोई संभावना ही नहीं बचती थी. इसीलिए देवताओं को पूर्ण विश्वास हो गया और उन्होंने शिवजी के आदेश पर तत्काल जलंधर के स्थान का त्याग कर दिया. उसी समय पराक्रमी जलंधर अपनी सेना के साथ कैलाश पर पहुंच गया और उसने कैलाश को घेरकर सिंहनाद आरंभ कर दिया. दैत्यों के नाद और कोलाहल से शिवजी क्रुद्ध हो गए. उन्होंने नंदी गणों को उसके साथ युद्ध करने की आज्ञा दे दी. कैलाश के समीप भीषण युद्ध शुरू हो गया. दोनों तरफ से अस्त्रों-शस्त्रों के प्रहार से धरती-आकाश थर्रा उठे. युद्ध में मारे गए सैनिकों, घोड़े-हाथी आदि से पृथ्वी भर गई. असुरगुरू शुक्राचार्य मृतसंजीवनी विद्या का प्रयोग करके मारे गए असुर सेनापतियों को जीवित करने लगे. यह देखकर शिवजी के गण व्याकुल हो गए क्योंकि उनका पराक्रम तो शुक्राचार्य के कारण व्यर्थ होता जाता था. असुर पुनः उन्हें मुंह चिढ़ाते युद्ध के लिए ललकारने लगते. देवताओं ने शिवजी को सारा वृतांत कह सुनाया. इससे रूद्र के क्रोध की सीमा न रही.
कार्तिक माहात्म्य-सोलहवां अध्याय संपूर्ण ।

अपने बच्चों को अवश्य बताएं
अधिकतर घरों में बच्चे यह दो प्रश्न अवश्य पूछते हैं जब दीपावली भगवान राम के 14 वर्ष के वनवास से अयोध्या लौटने की खुशी में मनाई जाती है तो दीपावली पर लक्ष्मी पूजन क्यों होता है?
राम और सीता की पूजा क्यों नहीं?

दूसरा यह कि दीपावली पर लक्ष्मी जी के साथ गणेश जी की पूजा क्यों होती है, विष्णु भगवान की क्यों नहीं?
इन प्रश्नों का उत्तर अधिकांशतः बच्चों को नहीं मिल पाता और जो मिलता है उससे बच्चे संतुष्ट नहीं हो पाते।आज की शब्दावली के अनुसार कुछ ‘लिबरर्ल्स लोग’ युवाओं और बच्चों के मस्तिष्क में यह प्रश्न डाल रहें हैं कि लक्ष्मी पूजन का औचित्य क्या है, जबकि दीपावली का उत्सव राम से जुड़ा हुआ है। कुल मिलाकर वह बच्चों का ब्रेनवॉश कर रहे हैं कि सनातन धर्म और सनातन त्यौहारों का आपस में कोई तारतम्य नहीं है।सनातन धर्म बेकार है।आप अपने बच्चों को इन प्रश्नों के सही उत्तर बतायें।
दीपावली का उत्सव दो युग, सतयुग और त्रेता युग से जुड़ा हुआ है। सतयुग में समुद्र मंथन से माता लक्ष्मी उस दिन प्रगट हुई थी इसलिए लक्ष्मीजी का पूजन होता है। भगवान राम भी त्रेता युग में इसी दिन अयोध्या लौटे थे तो अयोध्या वासियों ने घर घर दीपमाला जलाकर उनका स्वागत किया था इसलिए इसका नाम दीपावली है।अत: इस पर्व के दो नाम है लक्ष्मी पूजन जो सतयुग से जुड़ा है दूजा दीपावली जो त्रेता युग प्रभु राम और दीपों से जुड़ा है।
लक्ष्मी गणेश का आपस में क्या रिश्ता है?
और दीवाली पर इन दोनों की पूजा क्यों होती है?
लक्ष्मी जी सागरमन्थन में मिलीं, भगवान विष्णु ने उनसे विवाह किया और उन्हें सृष्टि की धन और ऐश्वर्य की देवी बनाया गया। लक्ष्मी जी ने धन बाँटने के लिए कुबेर को अपने साथ रखा। कुबेर बड़े ही कंजूस थे, वे धन बाँटते ही नहीं थे।वे खुद धन के भंडारी बन कर बैठ गए। माता लक्ष्मी खिन्न हो गईं, उनकी सन्तानों को कृपा नहीं मिल रही थी। उन्होंने अपनी व्यथा भगवान विष्णु को बताई। भगवान विष्णु ने कहा कि तुम कुबेर के स्थान पर किसी अन्य को धन बाँटने का काम सौंप दो। माँ लक्ष्मी बोली कि यक्षों के राजा कुबेर मेरे परम भक्त हैं उन्हें बुरा लगेगा।
तब भगवान विष्णु ने उन्हें गणेश जी की विशाल बुद्धि को प्रयोग करने की सलाह दी। माँ लक्ष्मी ने गणेश जी को भी कुबेर के साथ बैठा दिया। गणेश जी ठहरे महाबुद्धिमान। वे बोले, माँ, मैं जिसका भी नाम बताऊँगा , उस पर आप कृपा कर देना, कोई किंतु परन्तु नहीं। माँ लक्ष्मी ने हाँ कर दी।अब गणेश जी लोगों के सौभाग्य के विघ्न, रुकावट को दूर कर उनके लिए धनागमन के द्वार खोलने लगे।कुबेर भंडारी देखते रह गए, गणेश जी कुबेर के भंडार का द्वार खोलने वाले बन गए। गणेश जी की भक्तों के प्रति ममता कृपा देख माँ लक्ष्मी ने अपने मानस पुत्र श्रीगणेश को आशीर्वाद दिया कि जहाँ वे अपने पति नारायण के सँग ना हों, वहाँ उनका पुत्रवत गणेश उनके साथ रहें।
दीवाली आती है कार्तिक अमावस्या को, भगवान विष्णु उस समय योगनिद्रा में होते हैं, वे जागते हैं ग्यारह दिन बाद देव उठनी एकादशी को। माँ लक्ष्मी को पृथ्वी भ्रमण करने आना होता है शरद पूर्णिमा से दीवाली के बीच के पन्द्रह दिनों में।_इसलिए वे अपने सँग ले आती हैं अपने मानस पुत्र गणेश जी को।
इसलिए दीवाली को लक्ष्मी गणेश की पूजा होती है।
यह कैसी विडंबना है कि देश और हिंदुओ के सबसे बड़े त्यौहार का पाठ्यक्रम में कोई विस्तृत वर्णन नही है और जो वर्णन है वह अधूरा है।
इस लेख को पढ़ कर स्वयं भी लाभान्वित हों और अपनी अगली पीढ़ी को भी बतायें।

जिनका आज जन्मदिन है उनको हार्दिक शुभकामनाएं बधाई और शुभ आशीष
अंक ज्योतिष के अनुसार आपका मूलांक तीन आता है। यह बृहस्पति का प्रतिनिधि अंक है। आप दार्शनिक स्वभाव के होने के बावजूद एक विशेष प्रकार की स्फूर्ति रखते हैं। आपकी शिक्षा के क्षेत्र में पकड़ मजबूत होगी। आप एक सामाजिक प्राणी हैं। ऐसे व्यक्ति निष्कपट, दयालु एवं उच्च तार्किक क्षमता वाले होते हैं। आप सदैव परिपूर्णता या कहें कि परफेक्शन की तलाश में रहते हैं यही वजह है कि अकसर अव्यवस्थाओं के कारण तनाव में रहते हैं। अनुशासनप्रिय होने के कारण कभी-कभी आप तानाशाह भी बन जाते हैं।

शुभ दिनांक : 3, 12, 21, 30

शुभ अंक : 1, 3, 6, 7, 9,

शुभ वर्ष : 2028, 2030, 2031, 2034, 2043, 2049, 2052,

ईष्टदेव : देवी सरस्वती, देवगुरु बृहस्पति, भगवान विष्णु

शुभ रंग : पीला, सुनहरा और गुलाबी

जन्मतिथि के अनुसार भविष्यफल :
नवीन व्यापार की योजना भी बन सकती है। दांपत्य जीवन में सुखद स्थिति रहेगी। घर या परिवार में शुभ कार्य होंगे। आपके लिए यह वर्ष सुखद है। किसी विशेष परीक्षा में सफलता मिल सकती है। नौकरीपेशा के लिए प्रतिभा के बल पर उत्तम सफलता का है। महत्वपूर्ण कार्य से यात्रा के योग भी है। मित्र वर्ग का सहयोग सुखद रहेगा। शत्रु वर्ग प्रभावहीन होंगे।

आज का राशिफल:
🦌मेष
आज के दिन आपका आत्मविश्वास तो बड़ा रहेगा परन्तु साथ मे आलस्य भी रहने से सोची हुई योजनाओ को सही दिशा नही दे सकेंगे। कार्य-व्यवसाय में लाभ के कई अवसर मिलेंगे परन्तु कुछ एक से ही संतोष करना पड़ेगा। आज कोई घरेलू कार्य के कारण भाग-दौड़ भी करनी पड़ेगी। सरकारी कार्य आज ना ही करें पूर्ण नही हो सकेंगे। संध्या का समय अधिक थकान वाला परन्तु दिन की अपेक्षा अधिक लाभदायक रहेगा आकस्मिक धन लाभ होने से थकान भूल जाएंगे। आज आप जिस कार्य की योजना बनाएंगे उसके संध्या बाद अथवा आने वाले कल में पूर्ण होने की संभावनाएं है। सेहत को लेकर परेशानी होगी शारीरिक दर्द अथवा कब्ज पित्त की शिकायत रहेगी।

🐂वृष
आज के दिन आपको पूर्व में की गई गलतियों से ग्लानि अनुभव होगी फिर भी आज इससे शिक्षा लेने की जगह लापरवाही दिखाएंगे। कार्य व्यवसाय से आज धन की अच्छी आमाद हो जाएगी लेकिन व्यवहारिकता में कमी के कारण कुछ ना कुछ कमी अवश्य रहेगी। सहकर्मियों का ऊपर बेवजह क्रोध करना भारी पड़ सकता है संभल कर व्यवहार करें अन्यथा अकेले ही कार्य करना पड़ेगा। महिलाओ के मनोकामना आज पूरी होने में विघ्न आएंगे जिस वजह से गुस्से में रहेंगी जानबूझ कर कार्यो को बिगाड़ भी सकती है। घर के बुजुर्ग के ऊपर भी ध्यान दें आज आपसे नाराज हो सकते है। भाई बंधुओ से मेल जोल केवल स्वार्थ के लिए ही रहेगा।

👬मिथुन
आज का दिन भी आपके लिये हताशा से भरा रहेगा। पूर्व में मिली असफलता के कारण आज किसी भी कार्य को करने में उत्साह नही दिखाएंगे। मानसिक एवं शारीरिक विकार रहने के कारण मुश्किल से ही साहस जुटा पाएंगे। घर के बड़े बुजुर्गों से प्रोत्साहन मिलेगा परन्तु आज किसी की सांत्वना भी आपको पसंद नही आएगी। सीधी बातो का उल्टा जवाब देने से आस-पास का वातावरण कलुषित होगा। कार्य क्षेत्र पर अव्यवस्था के चलते सीमित साधनों से काम करना पड़ेगा परिणाम स्वरूप धन की आमद भी अल्प मात्रा में ही होगी।आज आप तंत्र-मंत्र में भी रुचि लेंगे। सरकारी कार्यो भी आज कागजी कमी के कारण अधूरे रहेंगे। लंबी यात्रा से बचें अपव्यव अधिक होंगे।

🦀कर्क
आज का दिन वैसे तो आपके लिए वृद्धिकारक रहेगा धन लाभ आवश्यकता से अधिक ही होगा परन्तु आज आप अन्य लोगो से बराबरी करने के चक्कर मे स्वयं ही परेशान रहेंगे। महिलाये भी आज स्वयं को उपेक्षित अनुभव करेंगी। कार्य व्यवसाय में वृद्धि होने से आय के नए स्त्रोत्र बनेंगे पर आज आप जितना भी कमाई करे उससे संतोष नही होगा। ज्यादा कमाने के लोभ में अनैतिक कार्य भी कर सकते है आरम्भ में इससे लाभ ही होगा लेकिन बाद में कोई नई समस्या बनेगी। संध्या के समय आकस्मिक लाभ अथवा उपहार मिलेगा थकान भी इस अवधि में ज्यादा रहेगी। परिवार में किसी की जिद पूरी करने में खर्च भी करना पड़ेगा।

🦁सिंह
आज दिन के आरंभ में आप दिनचार्य को व्यवस्थित बनाने की योजना बनाएंगे लेकिन इसपर अमल नही करेंगे अपने काम की जगह अन्य के काम मे हस्तक्षेप करे बिना नही मानेंगे बिना मांगे सलाह देने से सम्मान कम हो सकता है। अपने कार्यो पर अधिक ध्यान दे परिस्थितियां आपके अनुकूल बनी हुई है धन लाभ के लिये आज ज्यादा भाग-दौड़ नही करनी पड़ेगी। सरकारी कार्य भी आज जोड़-तोड़ कर बन ही जायेंगे अधिकारी वर्ग का मूड समझना मुश्किल होगा फिर भी आपके लिये मददगार साबित होंगे। नौकरी पेशा लोग अपनी मांगे निसंकोच होकर रख सकते है देर अबेर पूरी होने की संभावना है। थोड़ी मानसिक दुविधा को छोड़ स्वास्थ्य उत्तम बना रहेगा ।

👰‍♀कन्या
आज का दिन आपको अवश्य कोई यादगार सौगात देकर जाएगा आज आपका स्वभाव शांत एवं मिलनसार रहेगा हर किसी से जल्द ही घुल-मिल जाएंगे परन्तु अन्य लोग इसको गलत नजरिये से भी देख सकते है। महिलाओ के प्रति सम्मानजनक रवैया अपनाए विवाद से बचे रहेंगे। व्यवसाइयों का काम-धंधा आज पहले से बेहतर चलेगा धन की आमद भी समय पर होने से आर्थिक उलझने नही रहेंगी फिर भी आज धन के लेनदेन में अधिक स्पष्टता बरते उधारी के कारण किसी से झगड़ा हो सकता है। नौकरी पेशा जातक आज जल्दी काम खत्म करने का प्रयास करेंगे परन्तु कोई नया काम आने से परेशानी होगी। घर का वातावरण सामान्य ही रहेगा आवश्यकताओं की पूर्ति पर खर्च होगा।

⚖तुला
आपके लिये आज का दिन भी हानिकर रहेगा। आज आप मेहनत करने में कोई कसर नही छोड़ेंगे फिर भी धन संबंधित समस्या यथावत बनी रहेगी। मध्यान से पहले कोई अशुभ समाचार मिलने से मन विचलित रहेगा। व्यवसायी भी आज हानि की आशंका से प्रत्येक कार्य को डर कर करेंगे। किसी भी कार्य मे निवेश करने से बचे और अपने आस-पास के लोगो में स्वार्थ ना खोजे अन्यथा धन के साथ सम्मान हानि हो सकती है। संध्या बाद से स्थिति में सुधार आने लगेगा लेकिन मानसिक रूप से चंचलता बढ़ेगी भले बुरे का विवेक ना होने से काम उटपटांग होंगे इसे ठीक होने में थोड़ा समय लगेगा। परिजनों के स्वास्थ्य पर खर्च होगा। संध्या बाद का समय हर प्रकार से राहत वाला रहेगा।

🦂वृश्चिक
आज का दिन आपके लिये लाभदायक रहेगा। आज लोग आपसे अंदर ही अंदर ईर्ष्या का भाव रखेंगे परन्तु स्वयं के स्वार्थ के कारण व्यवहारिकता बनाये रखेंगे लोगों को आपसे काम पड़ता रहेगा आपभी लोगो की लाचारी का जमकर लाभ उठाएंगे। आज आप किसी से कुछ भी मांग सकते है कोई मना नही कर सकेगा। आर्थिक लाभ भी आज उम्मीद ना होने पर भी हो जाएगा। व्यवसायी वर्ग जिस भी काम मे हाथ डालेंगे उसमे सफल अवश्य होंगे। लेकिन शेयर सट्टे में निवेश आज ना करें भविष्य में हानि हो सकती है। आवश्यक कार्य संध्या से पहले पूर्ण कर लें इसके बाद सेहत प्रतिकूल होने की संभावना है कार्य अधूरे रह सकते है। संध्या के समय मानसिक उच्चाटन रहेगा।

🏹धनु
आज के दिन आपको प्रातः काल से ही कुछ ना कुछ गड़बड़ होने का अंदेशा रहेगा लेकिन ज्यादा परेशान ना हों आज का दिन आपको अधिकांश कार्यो में सफलता दिलाएगा। आज आपके कार्यो में टांग अड़ाने वाले या सही मार्ग से भटकाने वाले भी मिलेंगे इनकी सुने अवश्य पर करें विवेक से ही। नौकरी वाले लोग कार्यो को जल्दी निपटाने के चक्कर मे गलती करेंगे स्वयं ही सुधार भी कर लेंगे लेकिन समय बर्बाद करके। व्यवसाय में आज बिक्री बढ़ेगी धन लाभ भी ठीक ठाक हो जायेगा खर्च आज कम रहने से बचत कर लेंगे। पारिवारिक वातावरण सामान्य बना रहेगा महिकाये शक की आदत से बचे कलह हो सकती है। आरोग्य में कुछ कमी रहेगी।

🐊मकर
आज के दिन आप अपने धार्मिक एवं परोपकारी स्वभाव का लाभ उठायेंगे। जन मानस में आपकी छवि भद्र इंसान के रूप में बनेगी लोग अपनी समस्याओं को सुलझाने के लिए आपसे परामर्श लेंगे। लेकिन आज अन्य लोगो की समस्या सुलझाने में ही समय खराब न हो इसका भी ध्यान रखें। व्यवसायी वर्ग जिस काम को करने में संकोच करेंगे उसी से अधिक लाभ कमा सकेंगे। निवेश आज बेझिझक होकर करें भविष्य के लिए लाभदायक रहेगा। पारिवारिक स्थिति शांत रहेगी लेकिन आवश्यकता पूर्ति समय पर ना करने पर स्त्री संतानों से नाराजगी हो सकती है। स्वास्थ्य में आज कुछ ना कुछ विकार लगा रहेगा वाहन से सावधान रहें।

🏺कुंभ
आज के दिन आपके स्वभाव में भावुकता अधिक रहेगी लोग इसका नाजायज फायदा भी उठा सकते है। मध्यान से पहले आवश्यक कार्यो को पूरा कर लें इसके बाद परिस्थितियां कलहकारी बनने से अधिकाशं निर्णय गलत ही होंगे। धन लाभ की कामना थोड़े प्रयास के बाद पूर्ण हो जाएगी लेकिन आज बेमतलब के खर्च पर नियंत्रण रखें अन्यथा भविष्य की योजनाए बिगड़ेंगी। कार्य क्षेत्र पर मध्यान बाद तक व्यस्तता रहेगी इसका लाभ भी आशाजनक मिल जाएगा इसके बाद किसी से धन को लेकर तकरार होने की संभावना है घर के सदस्य भी संध्या बाद मांगे पूरी ना होने पर उग्र रहेंगे। पत्नी को छोड़ अन्य कोई भी आपकी भावनाओं को नही समझ सकेगा।

🐬मीन
आज के दिन कुछ ना कुछ कारण से भाग दौड़ लगी रहेगी। धन कमाने की लालसा आज कुछ ज्यादा ही रहेगी इसके लिए आप भूख प्यास की परवाह नही करेंगे लेकिन घर एवं व्यवसाय में तालमेल बैठाने के चक्कर मे कोई ना कोई काम अधूरा ही रह जायेगा। अतिआवश्यक कार्यो को संध्या से पहले पूर्ण करने का प्रयास करें अन्यथा इसके बाद लंबे समय के लिये टल सकते है। आज आपकी समाज के उच्चवर्गीय लोगो से जान पहचान बनेगी परन्तु सभी आपसे स्वार्थ सिद्धि के लिए व्यवहार करेंगे। परिजनों के अलावा आज कोई अन्य हितैषी नही मिलेगा। राजनीतिक सोच वाले लोगो से सावधान रहें। धन लाभ आज लेदेकर अवश्य ही होगा। सेहत का विशेष ध्यान रखें।

Read more

29 October 2024: Vaidik Panchang and Horoscope

 

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here