वैदिक पंचांग (Vaidik Panchang)
⛅दिनांक – 14 अक्टूबर 2024
⛅दिन – सोमवार
⛅विक्रम संवत् – 2081
⛅अयन – दक्षिणायन
⛅ऋतु – शरद
⛅मास – आश्विन
⛅पक्ष – शुक्ल
⛅तिथि – एकादशी प्रातः 06:41 तक तत्पश्चात द्वादशी रात्रि 03:42 अक्टूबर 15 तक
⛅नक्षत्र – शतभिषा रात्रि 12:43 अक्टूबर 15 तक तत्पश्चात पूर्व भाद्रपद
⛅योग – गण्ड शाम 06:01 तक, तत्पश्चात वृद्धि
⛅राहु काल – प्रातः 08:03 से प्रातः 09:31 तक
⛅सूर्योदय – 06:36
⛅सूर्यास्त – 06:16
⛅दिशा शूल – पूर्व दिशा में
⛅ब्राह्ममुहूर्त – प्रातः 04:57 से 05:47 तक
⛅अभिजीत मुहूर्त – दोपहर 12:02 से दोपहर 12:49 तक
⛅निशिता मुहूर्त- रात्रि 12:01 अक्टूबर 15 से रात्रि 12:50 अक्टूबर 15 तक
⛅ व्रत पर्व विवरण – पापांकुशा एकादशी, पद्मनाभ द्वादशी
⛅विशेष – एकादशी को सिम्बी (सेम) व द्वादशी को पूतिका (पोई) खाने से पुत्र का नाश होता है । (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)
विशेष:- उदया तिथि एकादशी के अनुसार पापंकुशा एकादशी व्रत(वैष्णव),भागवत एकादशी,पद्दमनाम द्वादशी,श्री श्याम बाबा द्वादशी,पारसी खोरदाद मासारंभ,पंचक,भद्रा प्रातः 6.42 बजे तक
कार्तिक माहात्म्य
अध्याय–01
नैमिषारण्य तीर्थ में श्रीसूतजी ने अठ्ठासी हजार शौनकादि ऋषियों से कहा:–
‘अब मैं आपको कार्तिक मास की कथा विस्तारपूर्वक सुनाता हूँ, जिसका श्रवण करने से मनुष्य के सभी पाप नष्ट हो जाते हैं और अन्त समय में वैकुण्ठ धाम की प्राप्ति होती है।’
सूतजी ने कहा–‘श्रीकृष्ण जी से अनुमति लेकर देवर्षि नारद के चले जाने के पश्चात सत्यभामा प्रसन्न होकर भगवान कृष्ण से बोली।
सत्यभामा ने कहा–‘हे प्रभु! मैं धन्य हुई, मेरा जन्म सफल हुआ, मुझ जैसी त्रौलोक्य सुन्दरी के जन्मदाता भी धन्य हैं, जो आपकी सोलह हजार स्त्रियों के बीच में आपकी परम प्यारी पत्नी बनी। मैंने आपके साथ नारद जी को वह कल्पवृक्ष आदिपुरुष विधिपूर्वक दान में दिया, परन्तु वही कल्पवृक्ष मेरे घर लहराया करता है। यह बात मृत्युलोक में किसी स्त्री को ज्ञात नहीं है।
हे त्रिलोकीनाथ! मैं आपसे कुछ पूछने की इच्छुक हूँ। आप मुझे कृपया कार्तिक माहात्म्य की कथा विस्तार पूर्वक सुनाइये जिसको सुनकर मेरा हित हो और जिसके करने से कल्पपर्यन्त भी आप मुझसे विमुख न हों।’
सूतजी आगे बोले–‘सत्यभामा के ऎसे वचन सुनकर श्रीकृष्ण ने हँसते हुए सत्यभामा का हाथ पकड़ा और अपने सेवकों को वहीं रूकने के लिए कहकर विलासयुक्त अपनी पत्नी को कल्पवृक्ष के नीचे ले गये फिर हंसकर बोले।
श्रीकृष्ण ने कहा–‘हे प्रिये! सोलह हजार रानियों में से तुम मुझे प्राणों के समान प्यारी हो। तुम्हारे लिए मैंने इन्द्र एवं देवताओं से विरोध किया था। हे कान्ते! जो बात तुमने मुझसे पूछी है, उसे सुनो।
एक दिन मैंने (श्रीकृष्ण) तुम्हारी (सत्यभामा) इच्छापूर्ति के लिए गरुड़ पर सवार होकर इन्द्रलोक जाकर कल्पवृक्ष माँगा। इन्द्र द्वारा मना किये जाने पर इन्द्र एवं गरुड़ में घोर संग्राम हुआ और गौ लोक में भी गरुड़ जी गौओं से युद्ध किया।
गरुड़ की चोंच की चोट से उनके कान एवं पूंछ कटकर गिरने लगे जिससे तीन वस्तुएँ उत्पन्न हुई। कान से तम्बाकू, पूँछ से गोभी और रक्त से मेहंदी बनी। इन तीनों का प्रयोग करने वाले को मोक्ष नहीं मिलता।
तब गौओं ने भी क्रोधित होकर गरुड़ पर वार किया जिससे उनके तीन पंख टूटकर गिर गये। इनके पहले पंख से नीलकण्ठ, दूसरे से मोर और तीसरे से चकवा-चकवी उत्पन्न हुए। हे प्रिये! इन तीनों का दर्शन करने मात्र से ही शुभ फल प्राप्त हो जाता है।’
यह सुनकर सत्यभामा ने कहा–‘हे प्रभो! कृपया मुझे मेरे पूर्व जन्मों के विषय में बताइए कि मैंने पूर्व जन्म में कौन-कौन से दान, व्रत व जप नहीं किए हैं। मेरा स्वभाव कैसा था, मेरे जन्मदाता कौन थे और मुझे मृत्युलोक में जन्म क्यों लेना पड़ा। मैंने ऐसा कौन सा पुण्य कर्म किया था जिससे मैं आपकी अर्द्धांगिनी हुई ?’
श्रीकृष्ण ने कहा–‘हे प्रिये! अब मै तुम्हारे द्वारा पूर्व जन्म में किये गये पुण्य कर्मों को विस्तार पूर्वक कहता हूँ, उसे सुनो।
पूर्व समय में सतयुग के अन्त में मायापुरी में अत्रिगोत्र में वेद-वेदान्त का ज्ञाता देवशर्मा नामक एक ब्राह्मण निवास करता था। वह प्रतिदिन अतिथियों की सेवा, हवन और सूर्य भगवान का पूजन किया करता था। वह सूर्य के समान तेजस्वी था।
वृद्धावस्था में उसे गुणवती नामक कन्या की प्राप्ति हुई। उस पुत्रहीन ब्राह्मण ने अपनी कन्या का विवाह अपने ही चन्द्र नामक शिष्य के साथ कर दिया। वह चन्द्र को अपने पुत्र के समान मानता था और चन्द्र भी उसे अपने पिता की भाँति सम्मान देता था।
एक दिन वे दोनों कुश व समिधा लेने के लिए जंगल में गये। जब वे हिमालय की तलहटी में भ्रमण कर रहे थे, तब उन्हें एक राक्षस आता हुआ दिखाई दिया। उस राक्षस को देखकर भय के कारण उनके अंग शिथिल हो गये और वे वहाँ से भागने में भी असमर्थ हो गये।
तब उस काल के समान राक्षस ने उन दोनों को मार डाला। चूंकि वे धर्मात्मा थे इसलिए मेरे पार्षद उन्हें मेरे वैकुण्ठ धाम में मेरे पास ले आये। उन दोनों द्वारा आजीवन सूर्य भगवान की पूजा किये जाने के कारण मैं दोनों पर अति प्रसन्न हुआ।
गणेश जी, शिवजी, सूर्य व देवी–इन सबकी पूजा करने वाले मनुष्य को स्वर्ग की प्राप्ति होती है। मैं एक होता हुआ भी काल और कर्मों के भेद से पांच प्रकार का होता हूँ। जैसे–एक देवदत्त, पिता, भ्राता, आदि नामों से पुकारा जाता है।
जब वे दोनों विमान पर आरुढ़ होकर सूर्य के समान तेजस्वी, रूपवान, चन्दन की माला धारण किये हुए मेरे भवन में आये तो वे दिव्य भोगों को भोगने लगे।
🔹पापांकुशा एकादशी – 14 अक्टूबर 2024🔹
🔹एकादशी में क्या करें, क्या न करें ?🔹
🌹1. एकादशी को लकड़ी का दातुन तथा पेस्ट का उपयोग न करें । नींबू, जामुन या आम के पत्ते लेकर चबा लें और उँगली से कंठ शुद्ध कर लें । वृक्ष से पत्ता तोड़ना भी वर्जित है, अत: स्वयं गिरे हुए पत्ते का सेवन करें ।
🌹2. स्नानादि कर के गीता पाठ करें, श्री विष्णुसहस्रनाम का पाठ करें ।
🌹हर एकादशी को श्री विष्णुसहस्रनाम का पाठ करने से घर में सुख-शांति बनी रहती है ।
राम रामेति रामेति रमे रामे मनोरमे ।
सहस्रनाम तत्तुल्यं रामनाम वरानने ।।
एकादशी के दिन इस मंत्र के पाठ से श्री विष्णुसहस्रनाम के जप के समान पुण्य प्राप्त होता है l
🌹3. `ॐ नमो भगवते वासुदेवाय’ इस द्वादश अक्षर मंत्र अथवा गुरुमंत्र का जप करना चाहिए ।
🌹4. चोर, पाखण्डी और दुराचारी मनुष्य से बात नहीं करना चाहिए, यथा संभव मौन रहें ।
🌹5. एकादशी के दिन भूल कर भी चावल नहीं खाना चाहिए न ही किसी को खिलाना चाहिए । इस दिन फलाहार अथवा घर में निकाला हुआ फल का रस अथवा दूध या जल पर रहना लाभदायक है ।
🌹6. व्रत के (दशमी, एकादशी और द्वादशी) – इन तीन दिनों में काँसे के बर्तन, मांस, प्याज, लहसुन, मसूर, उड़द, चने, कोदो (एक प्रकार का धान), शाक, शहद, तेल और अत्यम्बुपान (अधिक जल का सेवन) – इनका सेवन न करें ।
🌹7. फलाहारी को गोभी, गाजर, शलजम, पालक, कुलफा का साग इत्यादि सेवन नहीं करना चाहिए । आम, अंगूर, केला, बादाम, पिस्ता इत्यादि अमृत फलों का सेवन करना चाहिए ।
🌹8. जुआ, निद्रा, पान, परायी निन्दा, चुगली, चोरी, हिंसा, मैथुन, क्रोध तथा झूठ, कपटादि अन्य कुकर्मों से नितान्त दूर रहना चाहिए ।
🌹9. भूलवश किसी निन्दक से बात हो जाय तो इस दोष को दूर करने के लिए भगवान सूर्य के दर्शन तथा धूप-दीप से श्रीहरि की पूजा कर क्षमा माँग लेनी चाहिए ।
🌹10. एकादशी के दिन घर में झाडू नहीं लगायें । इससे चींटी आदि सूक्ष्म जीवों की मृत्यु का भय रहता है ।
🌹11. इस दिन बाल नहीं कटायें ।
🌹12. इस दिन यथाशक्ति अन्नदान करें किन्तु स्वयं किसीका दिया हुआ अन्न कदापि ग्रहण न करें ।
🌹13. एकादशी की रात में भगवान विष्णु के आगे जागरण करना चाहिए (जागरण रात्र 1 बजे तक) ।
🌹14. जो श्रीहरि के समीप जागरण करते समय रात में दीपक जलाता है, उसका पुण्य सौ कल्पों में भी नष्ट नहीं होता है ।
🔹 इस विधि से व्रत करनेवाला उत्तम फल को प्राप्त करता है ।
आज का सुविचार
आपके पास जो कुछ भी है है उसे बढ़ा-चढ़ा कर मत बताइए, और ना ही दूसरों से इर्ष्या कीजिये, जो दूसरों से इर्ष्या करता है उसे मन की शांति नहीं मिलती॥
जिनका आज जन्मदिन है उनको हार्दिक शुभकामनाएं बधाई और शुभ आशीष
14 का अंक आपस में मिलकर 5 होता है। 5 का अंक बुध ग्रह का प्रतिनिधि करता है। अनजान व्यक्ति की मदद के लिए भी आप सदैव तैयार रहते हैं। आपमें किसी भी प्रकार का परिवर्तन करना मुश्किल है। अर्थात अगर आप अच्छे स्वभाव के व्यक्ति हैं तो आपको कोई भी बुरी संगत बिगाड़ नहीं सकती। अगर आप खराब आचरण के हैं तो दुनिया की कोई भी ताकत आपको सुधार नहीं सकती। लेकिन सामान्यत: 14 तारीख को पैदा हुए व्यक्ति सौम्य स्वभाव के ही होते हैं।
शुभ दिनांक : 1, 5, 7, 14, 23
शुभ अंक : 1, 2, 3, 5, 9, 32, 41, 50
शुभ वर्ष : 2030, 2032, 2034, 2050, 2059, 2052
ईष्टदेव : देवी महालक्ष्मी, गणेशजी, मां अम्बे।
शुभ रंग : हरा, गुलाबी जामुनी, क्रीम
जन्मतिथि के अनुसार भविष्यफल :
दाम्पत्य जीवन में मधुर वातावरण रहेगा। अविवाहित भी विवाह में बंधने को तैयार रहें। यह वर्ष आपके लिए सफलताओं भरा रहेगा। अभी तक आ रही परेशानियां भी इस वर्ष दूर होती नजर आएंगी। परिवारिक प्रसन्नता रहेगी। संतान पक्ष से खुशखबर आ सकती है। नौकरीपेशा व्यक्तियों के लिए यह वर्ष निश्चय ही सफलताओं भरा रहेगा। व्यापार-व्यवसाय में प्रगति से प्रसन्नता रहेगी।
आज का राशिफल
मेष🐐 (चू, चे, चो, ला, ली, लू, ले, लो, अ)
आज का दिन भी आपके लिए लाभदायी रहेगा। सामाजिक मान-सम्मान मिलेगा लेकिन क्रोध को वश में रखें अन्यथा परिणाम उल्टे भी हो सकते है। दिन के आरंभ में कार्यो को लेकर लापरवाही रहेगी परन्तु बाद में गंभीरता से प्रत्येक कार्य करेंगे नौकरी पेशा जातक आज कार्य क्षेत्र में बदलाव का विचार बनाएंगे शीघ्र ही इस विषय मे शुभ समाचार भी मिल जाएंगे। बेरोजगार लोगो का परिश्रम आज खाली नही जाएगा। परिवार अथवा आस पडोसियो की छोटी मोटी बातो को अनदेखा करें व्यर्थ विवाद से बचे रहेंगे। शेयर आदि कार्यो में निवेश लाभ देगा आर्थिक लाभ थोड़ा थोड़ा कर होता रहेगा।
वृष🐂 (ई, ऊ, ए, ओ, वा, वी, वू, वे, वो)
आज का दिन भी आपके लिए शुभ फल प्रदान करने वाला रहेगा। कार्य क्षेत्र पर आज आपको स्त्री वर्ग का विशेष सहयोग मिलेगा जिससे व्यवस्थाएं सुधारने में आसानी होगी साथ ही उपयुक्त लाभ पाने के अधिकारी भी बनेंगे। आज परिवार की महिलाये भी गृहस्थ को सुधारने में बराबर की भागीदार रहेंगी। व्यवसायी वर्ग की प्राथमिकता ज्यादा से ज्यादा धन कमाने की रहेगी इस कारण शरीर की भी अनदेखी करेंगे। दिल अथवा अन्य गंभीर रोग के मरीज आज ज्यादा परिश्रम वाला कार्य ना करें नाही किसी विवाद में पड़े परेशानी खड़ी हो सकती है। ऐश्वर्य वृद्धि के साथ ही धन लाभ उत्तम रहेगा।
मिथुन👫 (का, की, कू, घ, ङ, छ, के, को, हा)
आज दिन के आरंभिक भाग में ईश्वरीय भजन पूजन में विशेष रुचि लेंगे मानसिक एवं शारीरिक रूप से चुस्त रहंगे। आज कार्य व्यवसाय में नए निर्णय लेने के लिए समय उपयुक्त नही नए अनुबंध मिलेंगे लेकिन इनसे शीघ्र लाभ नही उठा पाएंगे। आर्थिक कारणों से भाग-दौड़ अधिक करनी पड़ेगी अंत मे परिणाम निराश करने वाले रहेंगे। संचित धन कोष में भी कमी आएगी। महिलाये आज ज्यादा भक्ति भाव वाली रहेंगी जिस कारण घरेलू काम काज में विलंब होगा लेकिन आज गृहस्थी के साथ ही आर्थिक उलझनों को सुलझाने में महिलाओं की महत्त्वपूर्ण भूमिका रहेगी। संध्या के समय थकान अधिक रहेगी।
कर्क🦀 (ही, हू, हे, हो, डा, डी, डू, डे, डो)
आज का दिन सेहत के दृष्टिकोण से उतार चढ़ाव वाला रहेगा। दिन के आरंभ से ही सुस्ती बनी रहेगी जिस कारण कार्य क्षेत्र पर भी विलम्ब होगा। आज अधिकांश लाभ के सौदे लापरवाही या आलस्य के कारण हाथ के आगे से निकलने की संभावना है। आर्थिक स्थिति में भी निरंतर गिरावट आएगी इसके साथ ही आकस्मिक खर्च बढ़ने से ज्यादा परेशानी होगी फिर भी यथा संभव किसी से उधार ना लें अन्यथा चुकाना भारी पड़ेगा। धन को लेकर किसी से उलझना ठीक नही डूबने की आशंका है। परिवार के सदस्यों की अनदेखी करने से माहौल अशांत हो सकता है।
सिंह🦁 (मा, मी, मू, मे, मो, टा, टी, टू, टे)
आज का दिन भी आपके धन कोष अथवा अन्य सुख के साधनों में वृद्धि करेगा। कार्य व्यवसाय में पहले से चल रही योजना फलीभूत होने से धन की आमद होगी। भविष्य के लिये भी लाभ के सौदे हाथ लगेंगे। सहकर्मियों का साथ मिलने से निश्चित कार्य समय से पूर्ण कर सकेंगे। महिलाये को शारीरिक कमजोरी के कारण दैनिक कार्यो के अतिरिक्त घर की व्यवस्था सुधारने में परेशानी होगी। कंजूस प्रवृति के कारण घर के किसी सदस्य से मतभेद की संभावना है। आज आप अपनी गलती जानते हुए भी अपनी बात पर अडिग रहेंगे जिससे आस-पास का वातावरण कुछ समय के लिये खराब होगा। व्यवसायिक यात्रा से लाभ हो सकता है। छोटी-मोटी व्याधि को छोड़ सेहत सामान्य रहेगी।
कन्या👩 (टो, पा, पी, पू, ष, ण, ठ, पे, पो)
आज के दिन आप लोगो के विरोध एवं प्रतिस्पर्धा के बाद भी लाभ पाने में सफल रहेंगे लेकिन आज आपका स्वभाव अंदर से कुछ बाहर से कुछ रहेगा फिर भी आपकी लोगो से काम निकालने की कला आज अवश्य काम आएगी। मीठे व्यवहार से किसी से भी आसानी से स्वार्थ सिद्ध कर सकेंगे नौकरी पेशा जातक भी अधिकारियों से थोड़ी खुशामद के बाद कार्य निकाल लेंगे। मध्यान के समय को छोड़ आर्थिक स्थिति में निरंतर सुधार आएगा। परिवार में भी आज आपका मन लगा रहेगा स्त्री-सन्तानो की इच्छा पूर्ति होने पर प्रसन्न रहेंगे। बुजुर्गो से लाभ होगा।
तुला⚖️ (रा, री, रू, रे, रो, ता, ती, तू, ते)
आज आप अपनी व्यवहार कुशलता से बिगड़े कार्यो को भी बनाने की क्षमता रखेंगे। मित्र परिजन विषम परिस्थितियों से बाहर निकालने के लिये आपका सहयोग मांगेंगे अपना महत्त्व बढ़ता देख थोड़ी बहुत अहम की भावना भी आएगी जरूरत मंदों को व्यर्थ के चक्कर लगवाएंगे। कार्य क्षेत्र पर जिस काम को हाथ मे लेंगे उसमे निश्चित सफलता मिलेगी। प्रतियोगी परीक्षा में भी सफल होने की संभावना अधिक है। बेरोजगार लोग आज प्रयास करें अवश्य अनुकूल रोजगार से जुड़ सकते है। व्यवसाय में मंदी के बाद भी धन का प्रबंध आवश्यकता के समय कही ना कही से हो ही जायेगा। खान-पान संयमित रखें सेहत खराब हो सकती है।
वृश्चिक🦂 (तो, ना, नी, नू, ने, नो, या, यी, यू)
आज का दिन भी आपके प्रतिकूल ही रहेगा। मनोकामना पूरी ना होने अथवा लोगो का व्यवहार आपके अनुकूल ना रहने पर क्रोध आएगा। घर बाहर दोनो जगह अपने अथवा किसी अन्य के गलत आचरण के कारण कष्ट भोगेंगे। नौकरी पेशा जातक अधिकारी वर्ग से परेशान रहेंगे। व्यवसायी लोग भी आज किसी अन्य की गलती का फल स्वयं भुगतेंगे कार्य क्षेत्र पर आज अव्यवस्था अधिक रहने से आय के साधन सीमित रहेंगे। घरेलू शांति के लिए परिजनों की इच्छानुसार स्वयं को ढालना पड़ेगा। रक्त-पित्त संबंधित समस्या रहेगी।
धनु🏹 (ये, यो, भा, भी, भू, ध, फा, ढा, भे)
आर्थिक दृष्टिकोण से आज का दिन लाभ वाला रहेगा इसके अतिरिक्त व्यवसाय में वृद्धि होने के योग है नए कार्य का आरंभ भी आज करना शुभ रहेगा। आज आपकी वैचारिक क्षमता में वृद्धि होने से लोगो के सामने खुल कर अपना पक्ष रखने में आसानी रहेगी लेकिन आवश्यकता से ज्यादा बोलना हानिकारक हो सकता है इसका भी ध्यान रखना पड़ेगा। कार्य व्यवसाय से थोड़ी मेहनत के बाद आवश्यकता से अधिक लाभ अर्जित कर लेंगे। परिजनों के साथ धार्मिक क्षेत्र की यात्रा हो सकती है। घर मे छूटपुट बातो को छोड़ शांति रहेगी।
मकर🐊 (भो, जा, जी, खी, खू, खा, खो, गा, गी)
आज का दिन आपके लिए सामान्य फलदायी रहेगा। दिन के आरंभ में किसी से मामूली बात पर झगड़ा हो सकता है फिर भी स्थिति ज्यादा गंभीर नही होगी। कार्य क्षेत्र पर आज मजबूरी में किसी विरोधी की सहायता लेनी पड़ेगी इसकी ग्लानि मन मे रहेगी। आज जोड़ तोड़ करके ही आर्थिक लाभ पाया जा सकता है अगर अपनी जिद पर अड़े रहे तो सामान्य लाभ से भी वंचित रह जाएंगे। नौकरी पेशा जातक मनमानी रवैये के कारण अपमानित हो सकते है अथवा किसी से बहस होने की संभावना है। दाम्पत्य में आज मौन धारण करने पर ही शांति मिलेगी।
कुंभ🍯 (गू, गे, गो, सा, सी, सू, से, सो, दा)
आज का दिन आपके लिए आनंददायक रहेगा। आज मन इच्छित कार्य होने से दिन भर उत्साहित रहेंगे कार्यो के प्रति गंभीरता कम रहेगी फिर भी आर्थिक रूप से दिन संतोषजनक ही रहेगा। मध्यान तक आवश्यक कार्यो को भी बेमन से करेंगे कार्यो को करते हुए भी दिमाग कही और ही भटकेगा जिससे कोई भी कार्य सफाई से नही होगा। व्यावसायिक क्षेत्र पर नए लाभ के अनुबंध मिलते मिलते ताकि कमी से अधर में लटक सकते है। संध्या का समय यात्रा पर्यटन मौज मस्ती में बिताना पसंद करेंगे। व्यर्थ के खर्च भी आज अधिक ही होंगे। परिवार में खुशी का वातावरण रहेगा।
मीन🐳 (दी, दू, थ, झ, ञ, दे, दो, चा, ची)
आज के दिन भी आपको कार्य व्यवसाय से संबंधित एवं घरेलू समस्याएं लगी रहेंगी। व्यवसाय में मेहनत करने के बाद भी अल्प लाभ होगा आज व्यवहार में कटुता रहने से स्नेहीजन से दूरी बढ़ने के साथ ही आपके हिस्से का लाभ किसी अन्य के खाते में जा सकता है आर्थिक कमी के चलते कुछ आवश्यक कार्य अधूरे रहेंगे। आवश्यकता पड़ने पर सहायता मिलना मुश्किल रहेगा। परिवार में महिलाओं के हाथ भी कुछ नुकसान हो सकता है। आज आपकी भावनाओं को समझने वाला कोई नही मिलेगा। दिनचर्या को सामने बनाए रखने के लिए स्वयं में परिवर्तन लाएं।
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