वैदिक पंचांग (Vaidik Panchang)
⛅दिनांक – 29 नवम्बर 2024
⛅दिन – शुक्रवार
⛅विक्रम संवत् – 2081
⛅अयन – दक्षिणायन
⛅ऋतु – हेमन्त
⛅मास – मार्गशीर्ष
⛅पक्ष – कृष्ण
⛅तिथि – त्रयोदशी प्रातः 08:39 तक तत्पश्चात चतुर्दशी
⛅नक्षत्र – स्वाति प्रातः 10:18 तक तत्पश्चात विशाखा
⛅योग – शोभन शाम 04:34 तक तत्पश्चात अतिगण्ड
⛅राहु काल – प्रातः 11:07 से दोपहर 12:28 तक
⛅सूर्योदय – 07:06
⛅सूर्यास्त – 05:49
⛅दिशा शूल – पश्चिम दिशा में
⛅ब्राह्ममुहूर्त – प्रातः 05:17 से 06:10 तक
⛅अभिजीत मुहूर्त – दोपहर 12:06 से दोपहर 12:50 तक
⛅निशिता मुहूर्त- रात्रि 12:02 नवम्बर 30 से रात्रि 12:55 नवम्बर 30 तक
⛅ व्रत पर्व विवरण – मासिक शिवरात्रि, संत ज्ञानेश्वरजी पुण्यतिथि
⛅विशेष – चतुर्दशी को स्त्री सहवास तथा तिल का तेल खाना व लगाना निषिद्ध है |
🔹जठराग्निवर्धक प्रयोग🔹
🔹(१) प्रातःकाल सोंठ का २-३ ग्राम चूर्ण गाय के एक चम्मच शुद्ध घी में मिलाकर गर्म पानी के साथ सेवन करें, बाद में खुल के भूख लगने पर ही भोजन करें ।
🔹(२) हरड़ रसायन की २-२ गोली भोजन के बाद सेवन करने से जठराग्नि प्रदीप्त रहती है ।
🔹(३) १ लीटर पानी में ४ चुटकी सोंठ, पाव चम्मच खड़ा जीरा व १ चम्मच सौंफ डाल के १५ मिनट तक उबालें, फिर छान के रख लें । प्यास लगने पर यही पानी गुनगुना करके पियें । इससे जठराग्नि अच्छी रहती है ।
🔹कारोबार में बरकत पाने के लिए🔹
🔹गो सेवा भी होगी और फायदा भी होगा एक प्रयोग से । जिनकी अपनी दुकान है, अपनी फैक्ट्री, अपना कारोबार है वो लोग, रोज नहीं तो हर बुधवार को गौ माता को हरा चारा खिलाएं ।
गुरुभक्तियोग
🪐 गुरू माने साक्षात् देवता
💠 गुरू इस पृथ्वी पर साक्षात् ईश्वर हैं, सच्चे मित्र एवं विश्वासपात्र बन्धु हैं।
💠 “हे भगवान ! हे भगवान ! मैं आपके आश्रय में आया हूँ। मुझ पर दया करो। मुझे जन्म-मृत्यु के सागर से उबारो।” ऐसा कहकर शिष्य को अपने गुरू को दण्डवत प्रणाम करना चाहिए।
💠 निरपेक्ष भक्तिभावपूर्वक जो गुरू के चरणों की पूजा करता है उसे सीधी गुरूकृपा प्राप्त होती है।
💠 आचार्य से प्राप्त की हुई तथा सेवा से तीक्ष्ण बनी हुई ज्ञानरूप तलवार एवं ध्यान की सहायता से शिष्य मन, वचन, प्राण और देह के अहंकार को काट देता है तथा सब रागद्वेष से मुक्त होकर इस संसार में स्वेच्छापूर्वक विहार करता है।
💠 तीव्र गुरूभक्ति के शक्तिशाली शस्त्र से मन को दूषित करने वाली आसक्ति को मूल सहित काट दिया जाय तब तक विषयों का संग त्याग देना चाहिए।
💠 गुरू का आश्रय लेकर जो योग का अभ्यास करता है वह विविध अवरोधों से पीछे नहीं हटता।
💠 सच्चे शिष्य को अपने गुरू के पवित्र चरणों में किसी भी प्रकार की हिचकिचाहट या शर्म के बिना साष्टांग दंडवत् प्रणाम करना चाहिए। यह उसके सम्पूर्ण आत्मसमर्पण की निशानी है।
💠 किसी भी फल की आशा से रहित होकर जो गुरूसेवा और गुरूपूजा में लगा रहता है वह उल्टे मार्ग में नहीं जाएगा। उसे सेवा पूजा का प्रकाश अवश्य प्राप्त होगा।
💠 ज्ञान का प्रकाश फैलाने वाली पवित्र गुरूगीता का जो हररोज अभ्यास करता है वही सचमुच विशुद्ध है। उसे ही मोक्ष की प्राप्ति होती है।
💠 जो अपने गुरू के यश में आनन्दित होता है और दूसरों के समक्ष अपने गुरू के यश का वर्णन करने में आनन्द का अनुभव करता है उसे सचमुच गुरू कृपा प्राप्त होती है।
💠 परमात्मा और परब्रह्मस्वरूप गुरू की अज्ञाननाशक उपस्थिति में आपके सब संशयों का नाश होगा, जैसे सूर्योदय होते ही ओस की बूँदें नष्ट होती हैं।
💠 “हे महान, परम सम्माननीय गुरू ! मैं आदरपूर्वक आपको नमस्कार करता हूँ। मैं आपके चरणकमलों के प्रति अचूक भक्तिभावव कैसे प्राप्त कर सकूँ और आपके दयालु चरणों में मेरा मन हमेशा भक्तिभावपूर्वक कैसे सराबोर रहे यह कृपा करके मुझे कहें।” इस प्रकार कहकर खूब नम्रतापूर्वक एवं आत्मसमर्पण की भावना से शिष्य को चाहिए कि वह गुरू को दण्डवत प्रणाम करे और उनके आगे गिड़गिड़ाए।
💠 साक्षात् ईश्वर जैसे सर्वोच्च पद प्राप्त किये हुए गुरू की जय हो ! गुरू का यश गाने वाले धर्मशास्त्रों की जय हो ! जिसने केवल ऐसे गुरू का ही आश्रय लिया है ऐसे सच्चे शिष्य की जय हो !
गुरुभक्तियोग प्रसंग
♦ बाबा फरीद की गुरुभक्ति
💠 पाकिस्तान में बाबा फरीद नाम के एक फकीर हो गये। वे अनन्य गुरुभक्त थे। गुरुजी की सेवा में ही उनका सारा समय व्यतीत होता था। एक बार उनके गुरु ख्वाजा बहाउद्दीन ने उनको किसी खास काम के लिए मुलतान भेजा। उन दिनों वहाँ शम्सतबरेज के शिष्यों ने गुरु के नाम का दरवाजा बनाया था और घोषणा की थी कि आज इस दरवाजे से जो गुजरेगा वह जरूर स्वर्ग में जायेगा। हजारों फकीरों ने दरवाजे से गुजर रहे थे। नश्वर शरीर के त्याग के बाद स्वर्ग में स्थान मिलेगा ऐसी सबको आशा थी। फरीद को भी उनके मित्र फकीरों ने दरवाजे से गुजरने के लिए खूब समझाया, परंतु फरीद तो उनको जैसे-तैसे समझा-पटाकर अपना काम पूरा करके, बिना दरवाजे से गुजरे ही अपने गुरुदेव के चरणों में पहुँच गये। सर्वान्तर्यामी गुरुदेव ने उनसे मुलतान के समाचार पूछे और कोई विशेष घटना हो तो बताने के लिए कहा। फरीद ने शाह शम्सतबरेज के दरवाजे का वर्णन करके सारी हकीकत सुना दी। गुरुदेव बोलेः “मैं भी वहीं होता तो उस पवित्र दरवाजे से गुजरता। तुम कितने भाग्यशाली हो फरीद कि तुमको उस पवित्र दरवाजे से गुजरने का सुअवसर प्राप्त हुआ !” सदगुरु की लीला बड़ी अजीबो गरीब होती है। शिष्य को पता भी नहीं चलता और वे उसकी कसौटी कर लेते हैं। फरीद तो सतशिष्य थे। उनको अपने गुरुदेव के प्रति अनन्य भक्ति थी। गुरुदेव के शब्द सुनकर बोलेः “कृपानाथ ! मैं तो उस दरवाजे से नहीं गुजरा। मैं तो केवल आपके दरवाजे से ही गुजरूँगा। एक बार मैंने आपकी शरण ले ली है तो अब किसी और की शरण मुझे नहीं जाना है।”
💠 यह सुनकर ख्वाजा बहाउद्दीन की आँखों में प्रेम उमड़ आया। शिष्य की दृढ श्रद्धा और अनन्य शरणागति देखकर उसे उन्होंने छाती से लगा लिया। उनके हृदय की गहराई से आशीर्वाद के शब्द निकल पड़ेः “फरीद ! शम्सतबरेज का दरवाजा तो केवल एक ही दिन खुला था, परंतु तुम्हारा दरवाजा तो ऐसा खुलेगा कि उसमें से जो हर गुरुवार को गुजरेगा वह सीधा स्वर्ग में जायेगा।”
💠 आज भी पश्चिमी पाकिस्तान के पाक पट्टन कस्बे में बने हुए बाबा फरीद के दरवाजे में से हर गुरुवार के गुजरकर हजारों यात्री अपने को धन्यभागी मानते हैं। यह है गुरुदेव के प्रति अनन्य निष्ठा की महिमा ! धन्यवाद है बाबा फरीद जैसे सतशिष्यों को, जिन्होंने सदगुरु के हाथों में अपने जीवन की बागडोर हमेशा के लिए सौंप दी और निश्चिंत हो गये। आत्मसाक्षात्कार या तत्त्वबोध तब तक संभव नहीं, जब तक ब्रह्मवेत्ता महापुरुष साधक के अन्तःकरण का संचालन नहीं करते। आत्मवेत्ता महापुरुष जब हमारे अन्तःकरण का संचालन करते हैं, तभी अन्तःकरण परमात्म-तत्त्व में स्थित हो सकता है, नहीं तो किसी अवस्था में, किसी मान्यता में, किसी वृत्ति में, किसी आदत में साधक रुक जाता है। रोज आसन किये, प्राणायाम किये, शरीर स्वस्थ रहा, सुख-दुःख के प्रसंग में चोटें कम लगीं, घर में आसक्ति कम हुई, पर व्यक्तित्व बना रहेगा। उससे आगे जाना है तो महापुरुषों के आगे बिल्कुल ‘मर जाना’ पड़ेगा। ब्रह्मवेत्ता सदगुरु के हाथों में जब हमारे ‘मैं’ की लगाम आती है, तब आगे की यात्रा आती है।
सहजो कारज संसार को गुरु बिन होत नाहीं।
हरि तो गुरु बिन क्या मिले समझ ले मन माँही।
जिनका आज जन्मदिन है उनको हार्दिक शुभकामनाएं बधाई और शुभ आशीष
दिनांक 29 को जन्मे व्यक्ति का मूलांक 2 होगा। 2 और 9 आपस में मिलकर 11 होते हैं। 11 की संख्या आपस में मिलकर 2 होती है इस तरह आपका मूलांक 2 होगा। इस मूलांक को चंद्र ग्रह संचालित करता है। चंद्र ग्रह स्त्री ग्रह माना गया है। अत: आप अत्यंत कोमल स्वभाव के हैं। आपमें अभिमान तो जरा भी नहीं होता। चंद्र ग्रह मन का कारक होता है।
आप अत्यधिक भावुक होते हैं। आप स्वभाव से शंकालु भी होते हैं। दूसरों के दु:ख दर्द से आप परेशान हो जाना आपकी कमजोरी है। आप मानसिक रूप से तो स्वस्थ हैं लेकिन शारीरिक रूप से आप कमजोर हैं। चंद्र के समान आपके स्वभाव में भी उतार-चढ़ाव पाया जाता है। आप अगर जल्दबाजी को त्याग दें तो आप जीवन में बहुत सफल होते हैं।
शुभ दिनांक : 2, 11, 20, 29
शुभ अंक : 2, 11, 20, 29, 56, 65, 92
शुभ वर्ष : 2027, 2029, 2036
ईष्टदेव : भगवान शिव, बटुक भैरव
शुभ रंग : सफेद, हल्का नीला, सिल्वर ग्रे
जन्मतिथि के अनुसार भविष्यफल :
स्वास्थ्य की दृष्टि से संभल कर चलने का वक्त होगा। पारिवारिक विवाद आपसी मेलजोल से ही सुलझाएं। लेखन से संबंधित मामलों में सावधानी रखना होगी। बगैर देखे किसी कागजात पर हस्ताक्षर ना करें। दखलअंदाजी ठीक नहीं रहेगी। किसी नवीन कार्य योजनाओं की शुरुआत करने से पहले बड़ों की सलाह लें। व्यापार-व्यवसाय की स्थिति ठीक-ठीक रहेगी।
आज का राशिफल
मेष🐐 (चू, चे, चो, ला, ली, लू, ले, लो, अ)
आज का दिन बीते कल की तुलना में विपरीत फलदायी रहेगा अपने रूखे व्यवहार के कारण जो लोग आपको सम्मान दे रहे थे वे ही मन ही मन कोसेंगे। कार्य क्षेत्र पर स्वतः बन रहे सौदों को नासमझी में बिगाड़ लेंगे। मध्यान के बाद परिस्थिति कुछ अनुकूल बनेगी धन की आमद किसी के सहयोग से हो जाएगी धार्मिक परोपकार के कार्य मे खर्च होगा संचित कोष में कमी आएगी व्यर्थ के कार्यो में खर्च ना हो इसका ध्यान रखें आगे आर्थिक विषमताओं से बचेंगे। संतान का सुख सहयोग मिलेगा लेकिन मन मे स्वार्थ सिद्धि की भावना भी रहेगी। माता से सुखदायक समाचार मिलेगा। स्त्री वर्ग से लाभ की संभावना है। सर्दी जुखाम अथवा त्वचा संबंधित रोग हो सकता है।
वृष🐂 (ई, ऊ, ए, ओ, वा, वी, वू, वे, वो)
आज का दिन सावधानी से बिताए लोगो को आपकी भले के लिये कही बात भी बुरी लगेगी स्वयं का पराक्रम भी आज कमजोर रहेगा जल्दी से किसी निर्णय लेने में परेशानी आएगी। पूर्व में किया कोई गलत कार्य सामने आने पर माता अथवा अन्य निकटस्थ व्यक्ति से कहा सुनी होने की संभावना है आज अपने विचारों को अपने तक ही सीमित रखें लोग आपकी गलती पकड़ने के प्रयास में रहेंगे। कार्य व्यवसाय की स्थित भी चंचल रहेगी नियमित आय में कमी आएगी आवश्यकता अनुसार लाभ कही न कहींसे हो ही जायेगा संचित कोष में अपनी संकीर्ण प्रवृति से वृद्धि करेंगे संतानों के ऊपर नजर रखें अनैतिक कार्यो में पड़ने की संभावना है।
मिथुन👫 (का, की, कू, घ, ङ, छ, के, को, हा)
आज के दिन आप अपनी छवि सुधारने का प्रयास करेंगे दिखावे की मानसिकता रहेगी जिससे व्यक्तित्त्व सुधारने की जगह लोग आपको चापलूस समझेंगे। संतान अथवा अन्य मित्र रिश्तेदार की बीमारी पर खर्च करना पड़ेगा। घर के सदस्यों को प्रसन्न रखने का हर संभव प्रयास करेंगे फिर भी इसमें सफल नही हो पाएंगे। पति अथवा पत्नी में आपसी तालमेल की कमी रहेगी गलतफहमी के कारण कलह भी हो सकती है। कार्य व्यवसाय की स्थिति भी असामान्य रहेगी जिस समय लाभ की आशा रहेगी तभी कोई न कोई टांग अड़ाकर इससे दूर करेगा धन लाभ की जगह खर्च अधिक होगा। शत्रु पक्ष आज प्रबल रहेगा अनैतिक कार्यो से बचे अन्यथा स्वयजनो से कलह कोर्ट कचहरी की नौबत आ सकती है। लंबी यात्रा आज ना करें आर्थिक हानि होगी।
कर्क🦀 (ही, हू, हे, हो, डा, डी, डू, डे, डो)
आज के दिन आपके ऊपर आवेश हावी रहेगा। बुद्धि विवेक रहने के बाद भी अपनी बात मनवाने के लिये किसी पर भी अनैतिक दवाब डालेंगे विशेष लाभ आज माता अथवा किसी अन्य स्त्री के सहयोग से होने की संभावना है परंतु इसके लिए व्यवहार में नरमी रखनी पड़ेगी अन्यथा लाभ की जगह आपसी मन मुटाव हो सकता है। कार्य क्षेत्र से गुप्त युक्तियों के बल पर धन कमाएंगे अचल संपत्ति के कार्यो से भी लाभ होगा लेकिन आशा से कम ही। संतान से आज संबंध असमान्य रहेंगे एक दूसरे के प्रति राग द्वेष की भावना रहेगी। शत्रु पक्ष पीठ पीछे हानि पहुचाने का प्रयास करेंगे लेकिन सफल नही हो सकेंगे। यात्रा से लाभ होगा पुराने धन की वसूली होने की संभावना है। जोड़ो के पुराने दर्द अथवा गैस कब्ज की शिकायत से परेशानी होगी।
सिंह🦁 (मा, मी, मू, मे, मो, टा, टी, टू, टे)
आज के दिन आपका व्यवहार अनाड़ियों जैसा रहेगा स्वयं को अन्य लोगो की तुलना में श्रेष्ठ दिखाने के चक्कर मे उल्टे हास्य के पात्र बनेंगे। आज आपका दिमाग धन संचय की जगह जमा पूंजी से शौक पूरे करने पर रहेगा। हृदय के साहस में वृद्धि होगी लेकिन इससे किसी न किसी को परेशान ही करेंगे। कार्य क्षेत्र पर अधिकारों को लेकर किसी से बहस हो सकती है आज अतिरिक्त आय बनाने के चक्कर मे हाथ आये लाभ से भी वंचित रह सकते है जितना मिले उसी में संतोष करे धन लाभ किसी न किसी रूप में अवश्य ही होगा। घर मे किसी परिजन से ईर्ष्या का भाव रहने के कारण वातावरण खराब रहेगा। असंयमित दिनचर्या अधिक थकान बनाएगी। किसी से किया वादा पूरा करने के लिए यात्रा करनी पड़ेगी।
कन्या👩 (टो, पा, पी, पू, ष, ण, ठ, पे, पो)
आज के दिन आपकी दिनचर्या अस्त व्यस्त रहेगी किसी भी कार्य मे बुद्धि विवेक का कम ही इस्तेमाल करेंगे। कार्य व्यवसाय में भी जोखिम लेने से डरेंगे जिसके फलस्वरूप सीमित साधनों से काम चलाना पड़ेगा। आज आप अपने कुतर्कों से आस पास के लोगो को परेशानी में डालेंगे बेतुकी बाते कर स्वयं की भी हंसी कराएंगे। कंजूस वृति के कारण परिजनों के साथ मित्रो से भी मन मुटाव होगा। परिवार में किसी सदस्य के अमर्यादित आचरण के कारण शर्मिंदा होना पड़ेगा। संतानों का मनमाना व्यवहार भी कुछ समय के लिये विचलित करेगा। संध्या से स्थिति अनुकूल बनेगी दुनियादारी की परवाह छोड़ खुद में मगन रहेंगे। शरीर के ऊपर खर्च होगा।
तुला⚖ (रा, री, रू, रे, रो, ता, ती, तू, ते)
आज के दिन चंचलता मन पर हावी रहेगी दिन के आरंभिक भाग में अपने हास्य परिहास से घर का वातावरण खुशनुमा बनाएंगे लेकिन कार्य क्षेत्र पर लापरवाही के चलते अधिकारी वर्ग की फटकार सुन्नी पड़ेगी। मध्यान का समय व्यक्तित्त्व विकास करेगा लोगो से प्रसंशा सुनने को मिलेगी जिससे मन मे अहम का भाव आएगा। व्यवसाय से आज केवल जोड़ तोड़ के बाद ही धन की आमद हो सकेगी वह भी अनर्गल कार्यो में खर्च ना हो इसका ध्यान रखें। पैतृक संबंधी कार्यो अथवा वस्तु की हानि होने की सम्भवना है सतर्क रहने पर भी इससे बच नही पाएंगे। संध्या के समय भाग्य का साथ मिलेगा नए लाभ के संबंध जुड़ेंगे। सेहत में थोड़ी बहुत नरमी भी आएगी।
वृश्चिक🦂 (तो, ना, नी, नू, ने, नो, या, यी, यू)
आज का दिन किसी न किसी रूप में हानि देकर जाएगा विशेषकर व्यावसायिक कार्यो में जदबाजी ना करें धोखा होने की संभावना है। सरकारी कार्यो में थोड़ी बहुत राहत मिलेगी लेकिन विवाद के बाद ही। काम धंदा संभावनाओं पर केंद्रीत रहेगा लोग आश्वासन देंगे लेकिन काम के समय अपनी बात से फिर जाएंगे। धन संबंधित नई संमस्या बनेगी धन के डूबने या फंसने के आसार है लेन देन में कहासुनी से बचे बाद में पछताना पड़ेगा। स्वभाव में भावुकता अधिक रहेगी किसी की हास्य की बातों को भी दिल से लगाकर दुखी होंगे। परिवार में उदासीनता रहेगी आपस मे तालमेल की कमी रहेगी। यात्रा अतिआवश्यक होने पर ही करें सेहत खराब होगी धन भी व्यर्थ व्यय होगा।
धनु🏹 (ये, यो, भा, भी, भू, ध, फा, ढा, भे)
आज का दिन शुभ फलदायी रहेगा लेकिन आज आपको पूर्व में किसी की सहायता ना कर पाने का अफसोस भी होगा। स्वार्थ सिद्धि की भावना अधिक रहेगी प्रत्येक कार्य मे अपना लाभ देखेंगे सहकर्मी को आपका मतलबी स्वभाव अंदर से खलेगा विचारों में मतभेद रहने के कारण कुछ कार्य अधूरे रह सकते है लेकिन परिस्थिति जैसी भी हो आपका व्यवहार अन्य के प्रति रूढ़ ही रहेगा। कार्य व्यवसाय से अकस्मात धन मिलने की संभावना है लेकीन धन व्यवसाय से मिलकर व्यवसाय में ही लगाना पड़ेगा परिजनो की आवश्यकताओं को अनदेखा करने पर जिद बहस होगी। संकलन नही कर पाएंगे। घर मे भाई बहनों का स्वभाव जिद्दी रहेगा घर की तुलना में बाहर का वातावरण अधिक शांति देगा।
मकर🐊 (भो, जा, जी, खी, खू, खा, खो, गा, गी)
आज का दिन सफलता दायक है दिन के आरंभ से ही लक्ष्य बनाकर धर्य से कार्य करे जो भी कार्य करेंगे उसमे थोड़ी बहुत परेशानी के बाद सफलता अवश्य मिलेगी। किसी पुरानी योजना से धन की आमद निश्चित होगी कार्य व्यवसाय बेहतर चलेगा लेकिन उधारी के व्यवहार अधिक होने पर आर्थिक लाभ कम ही मिल सकेगा। आज सरल कार्यो की तुलना में जटिल अथवा अनैतिक मार्ग से लाभ की संभावना अधिक है लेकिन सरकार विरोधी गतिविधियों से बचे आगे मान हानि के साथ धन नाश हो सकता है। अपने खर्च में कमी लाकर पैतृक वस्तुओ और प्रतिष्ठा में वृद्धि करेंगे पति/पत्नी में थोड़ी अनबन के बाद भी आवश्यकता के समय सहयोग अवश्य मिलेगा। जोड़ो संबंधित समस्या बनी रहेगी।
कुंभ🍯 (गू, गे, गो, सा, सी, सू, से, सो, दा)
आज का दिन मिश्रित फलदायी रहेगा प्रयास करने पर ही काम बनते नजर आएंगे थोड़ा भी आलस्य पहले की मेहनत पर भी पानी फेर सकता है। माता से आज विशेष बना कर चले आकस्मिक लाभ मिल सकता है। भूमि भवन संबंधित लेन देन अथवा कागजी कार्य आज करना शुभ रहेगा लेकिन निर्माण कार्य ना करें। व्यवसाय में धन की आमद सामान्य से कम रहेगी जो होगी वह भी उधारी अथवा अन्य खर्च के लिये पर्याप्त नही पड़ेगी आज किसी से अकस्मात उधार लेन देन के प्रसंग बनेंगे सम्भव हो तो आज ना ही करें वापसी में परेशानी होगी। संताने किसी धार्मिक पर्यटन की जिद करेंगी खर्च भी करवाएंगी घर मे पति अथवा पत्नी की सेहत अचानक नरम होगी।
मीन🐳 (दी, दू, थ, झ, ञ, दे, दो, चा, ची)
आज के दिन आपके घर मे किसी महिला का जिद्दी व्यवहार परेशानी में डालेगा अपनी जिद के कारण स्वयं शारीरिक एवं मानसिक कष्ट भोगेंगी साथ मे आपसे भी भागदौड़ करवाएंगी। मध्यान का समय आपकी सेहत में सुधार आने के बाद फिर से गिरावट लाएगा ज्यादा परिश्रम वाले कार्य से बचे अन्यथा अन्य के भरोसे रहना पड़ेगा। व्यावसायिक गतिविधियां आज सुस्त रहेंगी धन की आमद के लिये किसी की खुशामद करनी पड़ेगी जो होगा वह भी तुरंत व्यर्थ के कार्यो में खर्च हो जाएगा। किसी से पूर्व में किया वादा पूर्ण करने में असमर्थ रहेंगे मन मे अपमान का भय भी रहेगा। भाग्य पक्ष कमजोर होने के कारण कोई महत्तवपूर्ण निर्णय अनुभवी की सलाह के बाद ही ले आगे के लिये लाभदायक रहेगा।