वैदिक पंचांग (Vaidik Panchang)
दिनांक – 29 अगस्त 2024
दिन – गुरुवार
विक्रम संवत् – 2081
अयन – दक्षिणायन
ऋतु – शरद
मास – भाद्रपद
पक्ष – कृष्ण
तिथि – एकादशी रात्रि 01:37 अगस्त 30 तक तत्पश्चात द्वादशी
नक्षत्र – आर्द्रा शाम 04:39 तक तत्पश्चात पुनर्वसु
योग – सिद्धि शाम 06:18 तक तत्पश्चात व्यतिपात
राहु काल – दोपहर 02:15 से दोपहर 03:50 तक
सूर्योदय – 06:21
सूर्यास्त – 07:00
दिशा शूल – दक्षिण दिशा में
ब्राह्ममुहूर्त – प्रातः 04:50 से 05:36 तक
अभिजीत मुहूर्त – दोपहर 12:15 से 01:06 तक
निशिता मुहूर्त- रात्रि 12:18 अगस्त 30 से रात्रि 01:03 अगस्त 30 तक
व्रत पर्व विवरण – अजा एकादशी, सर्वार्थ सिद्धि योग (शाम 04:39 से प्रातः 06:21 अगस्त 30 तक), व्यतिपात योग (शाम 06:19 से शाम 05:47 अगस्त 30 तक)
विशेष – एकादशी को सिम्बी (सेम) खाने से पुत्र का नाश होता है । (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)
अजा एकादशी दिनांक 29 अगस्त विशेष
भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी को मनाया जाने वाला अजा एकादशी का व्रत 29 अगस्त के दिन सभी सम्प्रदायो द्वारा रखा जाएगा। कृष्ण जन्माष्टमी के ठीक बाद पड़ने वाले इस व्रत को कामिका या अन्नदा एकादशी भी कहा जाता है। भगवान विष्णु को समर्पित एकादशी के इस व्रत में भगवान के ‘उपेंद्र’ स्वरूप की पूजा की जाती है। साथ ही इस दिन रात में जागरण की भी परंपरा है। मान्यता है कि अजा एकादशी का व्रत करने से तमाम समस्याएं दूर होती हैं और सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है।
अजा का अर्थ👉 ‘जिसका जन्म न हो’। प्रकृति अथवा आदि शक्ति के अर्थ में इसका प्रयोग होता है।
अजा एकादशी व्रत तिथि व मुहूर्त
एकादशी तिथि आरंभ👉 28 अगस्त रात्रि 01 बजकर 18 मिनट से
एकादशी तिथि समाप्त👉 29 अगस्त
रात्रि 01 बजकर 35 मिनट पर
पारण का समय 👉 30 अगस्त सुबह 07 बजकर 47 मिनट से सुबह 8 बजकर 25 मिनट तक।
पारण तिथि के दिन हरि वासर समाप्त होने का समय प्रातः 07:47
अजा एकादशी व्रत पूजा नियम
अजा एकादशी का व्रत करने के लिए उपरोक्त बातों का ध्यान रखने के बाद व्यक्ति को एकाद्शी तिथि के दिन शीघ्र उठना चाहिए। उठने के बाद नित्यक्रिया से मुक्त होने के बाद, सारे घर की सफाई करनी चाहिए और इसके बाद तिल और मिट्टी के लेप का प्रयोग करते हुए, कुशा से स्नान करना चाहिए। स्नान आदि कार्य करने के बाद, भगवान श्री विष्णु जी की पूजा करनी चाहिए।
भगवान श्री विष्णु जी का पूजन करने के लिये एक शुद्ध स्थान पर धान्य रखने चाहिए. धान्यों के ऊपर कुम्भ स्थापित किया जाता है। कुम्भ को लाल रंग के वस्त्र से सजाया जाता है। और स्थापना करने के बाद कुम्भ की पूजा की जाती है. इसके पश्चात कुम्भ के ऊपर श्री विष्णु जी की प्रतिमा स्थापित कि जाती है प्रतिमा के समक्ष व्रत का संकल्प लिया जाता है। संकल्प लेने के पश्चात धूप, दीप और पुष्प से भगवान श्री विष्णु जी की जाती है।
अजा एकादशी कथा
कुंतीपुत्र युधिष्ठिर कहने लगे कि हे भगवान! भाद्रपद कृष्ण एकादशी का क्या नाम है? व्रत करने की विधि तथा इसका माहात्म्य कृपा करके कहिए। मधुसूदन कहने लगे कि इस एकादशी का नाम अजा है। यह सब प्रकार के समस्त पापों का नाश करने वाली है। जो मनुष्य इस दिन भगवान ऋषिकेश की पूजा करता है उसको वैकुंठ की प्राप्ति अवश्य होती है। अब आप इसकी कथा सुनिए।
प्राचीनकाल में हरिशचंद्र नामक एक चक्रवर्ती राजा राज्य करता था। राजा हरिश्चन्द्र अपनी सत्यनिष्ठा और ईमानदारी के लिए जाने जाते थे। एक बार देवताओं ने इनकी परीक्षा लेने की योजना बनाई। राजा ने स्वप्न में देखा कि ऋषि विश्वामित्र को उन्होंने अपना राजपाट दान कर दिया है। जब अगले दिन राजा हरिश्चन्द्र विश्वामित्र को अपना समस्त राज-पाठ को सौंप कर जाने लगे तो विश्वामित्र ने राजा हरिश्चन्द्र से दक्षिणा स्वरुप 500 स्वर्ण मुद्राएं दान में मांगी। राजा ने उनसे कहा कि पांच सौ क्या, आप जितनी चाहे स्वर्ण मुद्राएं ले लीजिए। इस पर विश्वामित्र हँसने लगे और राजा को याद दिलाया कि राजपाट के साथ राज्य का कोष भी वे दान कर चुके हैं और दान की हुई वस्तु को दोबारा दान नहीं की जाती। तब राजा ने अपनी पत्नी और पुत्र को बेचकर स्वर्ण मुद्राएं हासिल की, लेकिन वो भी पांच सौ नहीं हो पाईं। राजा हरिश्चंद्र ने खुद को भी बेच डाला और सोने की सभी मुद्राएं विश्वामित्र को दान में दे दीं। राजा हरिश्चंद्र ने खुद को जहां बेचा था वह श्मशान का चांडाल था। चांडाल ने राजा हरिश्चन्द्र को श्मशान भूमि में दाह संस्कार के लिए कर वसूली का काम दे दिया।
राजा चांडाल का दास बनकर सत्य को धारण करता हुआ मृतकों का वस्त्र ग्रहण करता रहा। मगर किसी प्रकार से सत्य से विचलित नहीं हुआ। कई बार राजा चिंता के समुद्र में डूबकर अपने मन में विचार करने लगता कि मैं कहाँ जाऊँ, क्या करूँ, जिससे मेरा उद्धार हो।
इस प्रकार राजा को कई वर्ष बीत गए। एक दिन राजा इसी चिंता में बैठा हुआ था कि गौतम ऋषि आ गए। राजा ने उन्हें देखकर प्रणाम किया और अपनी सारी दु:खभरी कहानी कह सुनाई। यह बात सुनकर गौतम ऋषि कहने लगे कि राजन तुम्हारे भाग्य से आज से सात दिन बाद भाद्रपद कृष्ण पक्ष की अजा नाम की एकादशी आएगी, तुम विधिपूर्वक उसका व्रत करो।
गौतम ऋषि ने कहा कि इस व्रत के पुण्य प्रभाव से तुम्हारे समस्त पाप नष्ट हो जाएँगे। इस प्रकार राजा से कहकर गौतम ऋषि उसी समय अंतर्ध्यान हो गए। राजा ने उनके कथनानुसार एकादशी आने पर विधिपूर्वक व्रत व जागरण किया। उस व्रत के प्रभाव से राजा के समस्त पाप नष्ट हो गए।
स्वर्ग से बाजे बजने लगे और पुष्पों की वर्षा होने लगी। उसने अपने मृतक पुत्र को जीवित और अपनी स्त्री को वस्त्र तथा आभूषणों से युक्त देखा। व्रत के प्रभाव से राजा को पुन: राज्य मिल गया। अंत में वह अपने परिवार सहित स्वर्ग को गया।
अजा एकादशी व्रत का महत्व
समस्त उपवासों में अजा एकादशी व्रत को रखने वाले व्यक्ति को अपने चित, इंद्रियों, आहार और व्यवहार पर संयम रखना होता है।अजा एकादशी व्रत का उपवास व्यक्ति को अर्थ-काम से ऊपर उठकर मोक्ष और धर्म के मार्ग पर चलने की प्रेरणा देता है. यह व्रत प्राचीन समय से यथावत चला आ रहा है. इस व्रत का आधार पौराणिक, वैज्ञानिक और संतुलित जीवन है. इस उपवास के विषय में यह मान्यता है कि इस उपवास के फलस्वरुप मिलने वाले फल अश्वमेघ यज्ञ, कठिन तपस्या, तीर्थों में स्नान-दान आदि से मिलने वाले फलों से भी अधिक होते है. यह उपवास, मन निर्मल करता है, ह्रदय शुद्ध करता है तथा सदमार्ग की ओर प्रेरित करता है।
भगवान् विष्णु जी का बीज मंत्र
यह भगवान विष्णु का बीज मंत्र है। धन, संपत्ति, सुरक्षा, दांपत्य सुख, मोक्ष व विजय की कामना हेतु पीले रंग के आसन पर पूर्वाभिमुख बैठकर तुलसी की माला से नित्य एक हजार बार जप करने से लाभ मिलता है।
इसके अतिरिक्त यथा सामर्थ
“ॐ नमो भगवते वासुदेवाय” मन्त्र का जप त्रिविध ताप से रक्षा करता है।
विष्णु भगवान् की आरती
जय जगदीश हरे, प्रभु! जय जगदीश हरे।
भक्तजनों के संकट, छन में दूर करे॥ \ जय ..
जो ध्यावै फल पावै, दु:ख बिनसै मनका।
सुख सम्पत्ति घर आवै, कष्ट मिटै तनका॥ \ जय ..
मात-पिता तुम मेरे, शरण गहूँ किसकी।
तुम बिन और न दूजा, आस करूँ जिसकी॥ \ जय ..
तुम पूरन परमात्मा, तुम अंतर्यामी।
पार ब्रह्म परमेश्वर, तुम सबके स्वामी॥ \ जय ..
तुम करुणा के सागर, तुम पालनकर्ता।
मैं मुरख खल कामी, कृपा करो भर्ता॥ \ जय ..
तुम हो एक अगोचर, सबके प्राणपति।
किस विधि मिलूँ दयामय, तुमको मैं कुमती॥ \ जय ..
दीनबन्धु, दु:खहर्ता तुम ठाकुर मेरे।
अपने हाथ उठाओ, द्वार पडा तेरे॥ \ जय ..
विषय विकार मिटाओ, पाप हरो देवा।
श्रद्धा-भक्ति बढाओ, संतन की सेवा॥ \ जय ..
जय जगदीश हरे, प्रभु! जय जगदीश हरे।
मायातीत, महेश्वर मन-वच-बुद्धि परे॥ जय..
आदि, अनादि, अगोचर, अविचल, अविनाशी।
अतुल, अनन्त, अनामय, अमित, शक्ति-राशि॥ जय..
अमल, अकल, अज, अक्षय, अव्यय, अविकारी।
सत-चित-सुखमय, सुन्दर शिव सत्ताधारी॥ जय..
विधि-हरि-शंकर-गणपति-सूर्य-शक्तिरूपा।
विश्व चराचर तुम ही, तुम ही विश्वभूपा॥ जय..
माता-पिता-पितामह-स्वामि-सुहृद्-भर्ता।
विश्वोत्पादक पालक रक्षक संहर्ता॥ जय..
साक्षी, शरण, सखा, प्रिय प्रियतम, पूर्ण प्रभो।
केवल-काल कलानिधि, कालातीत, विभो॥ जय..
राम-कृष्ण करुणामय, प्रेमामृत-सागर।
मन-मोहन मुरलीधर नित-नव नटनागर॥ जय..
सब विधि-हीन, मलिन-मति, हम अति पातकि-जन।
प्रभुपद-विमुख अभागी, कलि-कलुषित तन मन॥ जय..
आश्रय-दान दयार्णव! हम सबको दीजै।
पाप-ताप हर हरि! सब, निज-जन कर लीजै॥ जय..
🔹एकादशी विशेष🔹
🔸एकादशी व्रत के लाभ🔸
🔸 एकादशी व्रत के पुण्य के समान और कोई पुण्य नहीं है ।
🔸 जो पुण्य सूर्यग्रहण में दान से होता है, उससे कई गुना अधिक पुण्य एकादशी के व्रत से होता है ।
🔸 जो पुण्य गौ-दान, सुवर्ण-दान, अश्वमेघ यज्ञ से होता है, उससे अधिक पुण्य एकादशी के व्रत से होता है ।
🔸 एकादशी करनेवालों के पितर नीच योनि से मुक्त होते हैं और अपने परिवारवालों पर प्रसन्नता बरसाते हैं । इसलिए यह व्रत करने वालों के घर में सुख-शांति बनी रहती है ।
🔸 धन-धान्य, पुत्रादि की वृद्धि होती है ।
🔸 कीर्ति बढ़ती है, श्रद्धा-भक्ति बढ़ती है, जिससे जीवन रसमय बनता है ।
🔸 परमात्मा की प्रसन्नता प्राप्त होती है । पूर्वकाल में राजा नहुष, अंबरीष, राजा गाधी आदि जिन्होंने भी एकादशी का व्रत किया, उन्हें इस पृथ्वी का समस्त ऐश्वर्य प्राप्त हुआ । भगवान शिवजी ने नारद से कहा है : एकादशी का व्रत करने से मनुष्य के सात जन्मों के पाप नष्ट हो जाते हैं, इसमे कोई संदेह नहीं है । एकादशी के दिन किये हुए व्रत, गौ-दान आदि का अनंत गुना पुण्य होता है ।
आज का सुविचार
आपका जीवन आपके विचारों का परिणाम है, इसलिए अपने विचारों को सकारात्मक रखें।
व्यापार में वृद्धि हेतु
रविवार को गंगाजल लेकर उसमें निहारते हुए २१ बार गुरुमंत्र जपें, गुरुमंत्र नहीं लिया हो तो गायत्री मंत्र जपें | फिर इस जल को व्यापार-स्थल पर जमीन एवं सभी दीवारों पर छिडक दें | ऐसा लगातार ७ रविवार करें, व्यापार में वृद्धि होगी |
जिनका आज जन्मदिन है उनको हार्दिक शुभकामनाएं बधाई और शुभ आशीष
दिनांक 29 को जन्मे व्यक्ति का मूलांक 2 होगा। 2 और 9 आपस में मिलकर 11 होते हैं। 11 की संख्या आपस में मिलकर 2 होती है इस तरह आपका मूलांक 2 होगा। इस मूलांक को चंद्र ग्रह संचालित करता है। चंद्र ग्रह स्त्री ग्रह माना गया है। अत: आप अत्यंत कोमल स्वभाव के हैं। आपमें अभिमान तो जरा भी नहीं होता। चंद्र ग्रह मन का कारक होता है।
आप अत्यधिक भावुक होते हैं। आप स्वभाव से शंकालु भी होते हैं। दूसरों के दु:ख दर्द से आप परेशान हो जाना आपकी कमजोरी है। आप मानसिक रूप से तो स्वस्थ हैं लेकिन शारीरिक रूप से आप कमजोर हैं। चंद्र के समान आपके स्वभाव में भी उतार-चढ़ाव पाया जाता है। आप अगर जल्दबाजी को त्याग दें तो आप जीवन में बहुत सफल होते हैं।
शुभ दिनांक : 2, 11, 20, 29
शुभ अंक : 2, 11, 20, 29, 56, 65, 92
शुभ वर्ष : 2027, 2029, 2036
ईष्टदेव : भगवान शिव, बटुक भैरव
शुभ रंग : सफेद, हल्का नीला, सिल्वर ग्रे
जन्मतिथि के अनुसार भविष्यफल :
स्वास्थ्य की दृष्टि से संभल कर चलने का वक्त होगा। पारिवारिक विवाद आपसी मेलजोल से ही सुलझाएं। लेखन से संबंधित मामलों में सावधानी रखना होगी। बगैर देखे किसी कागजात पर हस्ताक्षर ना करें। दखलअंदाजी ठीक नहीं रहेगी। किसी नवीन कार्य योजनाओं की शुरुआत करने से पहले बड़ों की सलाह लें। व्यापार-व्यवसाय की स्थिति ठीक-ठीक रहेगी।
आज का राशिफल
मेष🐐 (चू, चे, चो, ला, ली, लू, ले, लो, अ)
दिन के प्रारंभ में आप पूर्वाग्रह से ग्रसित रहेंगे। अपने आगे किसी की नही चलने देंगे जिस वजह से हानि संभावित रहेगी। कार्य व्यवसाय की गति भी धीमी रहेगी। घरेलू आवश्यकता पूर्ति करने में असमर्थ अनुभव करेंगे। अतिआत्मविश्वास से बचें आज आपके अधिकांश निर्णय गलत निकलेंगे। परन्तु संध्या के समय व्यवसाय में आकस्मिक वृद्धि होगी धन लाभ भी काम चलाऊ हो जाएगा। आगे की योजनाओं पर खर्च करेंगे। महिलाये आज ईर्ष्यालु प्रवृत्ति से ग्रसित रह सकती है। सामाजिक क्षेत्र पर स्वयं के कारण से हास्य के पात्र बनेंगे।
वृष🐂 (ई, ऊ, ए, ओ, वा, वी, वू, वे, वो)
आज का दिन शुभ फलदायी रहेगा। प्रातः काल किसी योजना के पूर्ण होने से धन आगम होगा। आज दिनचर्या व्यवस्थित रहेगी कार्य भी समय से पूर्ण होंगे लेकिन यात्रा का मन बनने से आवश्यक कार्य मे बदलाव करना पड़ेगा। आर्थिक रूप से दिन शुभ रहेगा परन्तु हाथ खुला होने से ज्यादा देर टिकेगा नही। उधारी के व्यवहार ज्यादा ना बढ़ाएं अन्यथा उलझने बढ़ेंगी। सामाजिक सम्बन्ध आज दिखावा मात्र ही रहेंगे। परिवार में सुख शान्ति की अनुभूति होगी लेकिन महिला वर्ग का स्वभाव अचानक बदल सकता है सतर्क रहें। शान्ती बनाये रखने के लिए परिजनों की आवश्यकता पूर्ति करनी पड़ेगी।
मिथुन👫 (का, की, कू, घ, ङ, छ, के, को, हा)
आज दिन का पूर्वार्ध व्यस्तता से भरा रहेगा। व्यवसायी एवं नौकरी वाले लोग अपूर्ण कार्य पूर्ण करने का भरपूर प्रयास करेंगे फिर भी कुछ कार्य अधूरे रह सकते है। परिश्रम की अधिकता एवं स्वास्थ्य की अनदेखी के कारण शारीरिक रूप से कमजोरी थकान रहेगी। आज आपकी बौद्धिक क्षमता का विकास होगा परन्तु लाभ दिलाने में सहायक नही रहेगा। हतोत्साहित ना हो आशानुकूल ना सही काम चलाने लायक लाभ अवश्य होगा। पति पत्नी अथवा किसी अन्य से गरमा गरमी हो सकती है विवेकि व्यवहार अपनाए। यात्रा पर्यटन की योजना बनेगी। खर्च आज सोच समझ कर ही करें।
कर्क🦀 (ही, हू, हे, हो, डा, डी, डू, डे, डो)
आज आप दिन भर मन ही मन खयाली पुलाव पकाएंगे इनको सार्थक बनाने के लिए कोई ना कोई अभाव बाधा डालेगा। कार्य क्षेत्र अथवा घर मे शंकालु प्रवृत्ति रहने से किसी भी निर्णय को खुल कर नही ले सकेंगे। अधिकांश कार्यो के निर्णय अन्य के ऊपर डाल देंगे। आज आप फिजूल के झगड़े झंझटो से बच कर रहेंगे परन्तु फिर भी किसी अन्य के आपत्तिजनक व्यवहार के कारण माहौल उग्र बनेगा। धन संबंधित कार्यो में मध्यम सफलता मिलेगी। परिवार में थोड़ी खींच-तान के बाद भी स्थिति गंभीर नही बनेगी। संध्या पश्चात मनोरंजन के अवसर उपलब्ध होंगे।
सिंह🦁 (मा, मी, मू, मे, मो, टा, टी, टू, टे)
आज आपकी दिनचर्या आर्थिक कारणों से उथल-पुथल रहेगी। धार्मिक कार्यो में रुचि रहने पर भी एकाग्रता की कमी रहेगी कार्यो को बेमन से करने के कारण आरम्भ करने से पहले ही सफलता के प्रति आशंकित रहेंगे। आर्थिक लाभ परिश्रमानुसार अवश्य होगा परन्तु उधार के व्यवहारों के कारण बचत मुश्किल से ही कर पाएंगे। महिलाओं को भी आज गृहस्थी में तालमेल बैठाने में अधिक मशक्कत करनी पड़ेगी। पूर्व नियोजित यात्रा पर्यटन की योजना शारीरिक अथवा किसी अन्य कारण से निरस्त करनी पड़ेगी जिससे खास कर सन्ताने निराश होंगी। धर्म लाभ मिलेगा।
कन्या👩 (टो, पा, पी, पू, ष, ण, ठ, पे, पो)
आज का दिन भी आप सुख शांति से व्यतीत करेंगे। कार्य व्यवसाय में छोटी-मोटी बाधाएं आती रहेंगी लेकिन आप इनकी परवाह नही करेंगे। धर्म-आध्यत्म के प्रति गहरी आस्था कर्म पथ से डिगने नही देंगी। कम समय में ज्यादा लाभ कमाने के प्रलोभन भी मिलेंगे परन्तु ये कुछ ही समय प्रभाव दिखाएंगे आज आपके आचरण से किसी का अहित ना हो इसका विशेष ध्यान रखें। भाई-बंधुओ में कुछ समय के लिए अनबन गृहस्थ का वातावरण बिगाड़ेगी किसी बुजुर्ग के सहयोग से स्थिति सामान्य बनेगी फिर भी मन मे क्षोभ बना रहेगा। व्यावसायिक यात्रा की संभावना है लेकिन ज्यादा लाभदायक नही रहेगी।
तुला⚖️ (रा, री, रू, रे, रो, ता, ती, तू, ते)
आज का दिन आपको सरकारी पक्ष से लाभ कराएगा आर्थिक स्थिति भी पहले से ज्यादा बेहतर रहेगी। खर्च भी अनावश्यक रहेंगे दिखावे पर ज्यादा खर्च करेंगे। कार्य व्यवसाय क्षेत्र पर आज जल्दबाजी में कार्य करेंगे जिससे कुछ ना कुछ त्रुटि अवश्य रहेगी। व्यावसायिक गतिविधियों से धन सम्मान मिलने पर भी मन मे किसी चीज की कमी खलेगी। मित्र परिचितों के साथ संध्या के समय मौज शौक पूरे करेंगे परन्तु रंग में भंग पड़ने वाली स्थिति बन सकती है सतर्क रहें। विपरीत लिंगीय वर्ग से आकर्षण बढेगा। प्रेम प्रसंगों में नजदिकी आएगी। संताने जिद पर अड़ेंगी।
वृश्चिक🦂 (तो, ना, नी, नू, ने, नो, या, यी, यू)
आज का दिन भी शुभ फलो की प्राप्ति कराएगा। छोटी-छोटी बातों पर क्रोध
वाले स्वभाव पर अंकुश लगाएं प्रेम संबंध में खटास बनेगी। कार्य क्षेत्र पर सहकर्मी अथवा अन्य लोगो के आश्रित रहना पड़ेगा फिर भी जरूरत के अनुसार लाभ अवश्य हो जायेगा। किसी भी महत्त्वपूर्ण निर्णय को लेने से पहले एक बार लाभ हानि की समीक्षा अवश्य करें जल्दबाजी में लिए अधिकांश निर्णय गलत साबित हो सकते है। सामाजिक कार्यो में योगदान के अवसर मिलेंगे। महिलाये आज व्यवहार संयमित रखें मान हानि की संभावना है। आडंबर युक्त जीवन पर खर्च अधिक रहेगा।
धनु🏹 (ये, यो, भा, भी, भू, ध, फा, ढा, भे)
आज के दिन आपको प्रत्येक कार्यो में सावधानी बरतने की आवश्यकता है। दोपहर तक दिनचर्या सामान्य रहेगी। जोड़ तोड़ करके कार्य चलते रहेंगे। नौकरी व्यवसाय दोनों में थोड़ी बहुत समस्या बनी रहेगी फिर भी लाभ के अवसर मिलते रहेंगे। परन्तु संध्या बाद स्थिति प्रतिकूल होने पर विशेष कर सेहत के लिए ज्यादा नुकसानदायक रहेगी। आकस्मिक दुर्घटना चोटादि का भय है। परिजनों की छोटी मोटी बातों का बुरा ना माने भाई बंधुओ से भी व्यर्थ बहस ना करें विवाद बढ़ सकता है। महिलाये आज किसी कारणवश स्वयं को लाचार अनुभव करेंगी।
मकर🐊 (भो, जा, जी, खी, खू, खा, खो, गा, गी)
आज का दिन आपको लगभग सभी कार्यो में सफलता दिलाएगा जहां असफल होंगे वहां कारण किसी अन्य की दखलंदाजी रहेगी। नौकरी पेशा जातको को जटिल कार्य सौंपे जाएंगे जिससे आरंभ में थोड़ी असुविधा रहगी परन्तु बाद में वही कार्य लाभ के साथ सम्मान भी दिलाएगा। व्यवसायी वर्ग कार्य क्षेत्र पर खुल कर निर्णय ले सकेंगे फिर भी आर्थिक लाभ के लिए थोड़ा इंतजार एवं किसी की खुशामद भी करनी पड़ेगी। महिलाये कार्य बोझ के कारण चिड़चिड़ी रहेंगी फिर भी घरेलू दिनचर्या को बिगड़ने नही देंगी।
कुंभ🍯 (गू, गे, गो, सा, सी, सू, से, सो, दा)
आज धन की प्राप्ति जितनी सुगम रहेगी खर्च भी उतनीं ही जल्दी हो जाएगा। खर्चो पर नियंत्रण ना रहने से आर्थिक उलझने बनेगी। व्यवसाय में विस्तार की योजना बनाएंगे परन्तु आज निवेश ना करें धन फंसने की संभावना अधिक है। नौकरी वाले जातक कार्यो की अधिकता से परेशान रहेंगे। आर्थिक लाभ दिन भर होता रहेगा अगर खर्च पर नियंत्रण रख सके तो यह धन आने वाले समय मे अतिउपयोगी सिद्ध होगा। घर के बुजुर्ग अथवा अधिकारी वर्ग से उचित मार्ग दर्शन मिलेगा फिर भी स्वभाव में जल्दबाजी के कारण इसका लाभ कम ही उठा पाएंगे।
मीन🐳 (दी, दू, थ, झ, ञ, दे, दो, चा, ची)
आज के दिन आपके मन मे कुछ ना कुछ उधेड़-बुन लगी रहेगी। किसी बड़े कार्य को करने की योजना बनाएंगे लेकिन आर्थिक कारणों से पीछे हटना पड़ेगा। गलती करने पर भी ना मानने के कारण घर एवं बाहरी लोगो से बुरा-भला सुनना पड़ सकता है। कार्य व्यवसाय में परिश्रम अधिक रहेगा लेकिन प्राप्ति अल्प मात्रा में होगी। खर्चे आज आवश्यकता पर ही करेंगे। महिलाओं का विपरीत व्यवहार घर मे कलह कराएगा। संध्या के बाद से मन मे चंचलता अधिक रहेगी पल पल में बातों से पलटेंगे जिससे परिजनों के साथ मित्रो को भी असुविधा होगी।
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28 August 2024: Vaidik Panchang and Daily Horoscope