26 November 2024: Vaidik Panchang and Horoscope

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Lord Shiva with family

वैदिक पंचांग (Vaidik Panchang)
26 नवम्बर 2024
⛅दिन – मंगलवार
⛅विक्रम संवत् – 2081
⛅अयन – दक्षिणायन
⛅ऋतु – हेमन्त
⛅मास – मार्गशीर्ष
⛅पक्ष – कृष्ण
⛅तिथि – एकादशी रात्रि 03:47 नवम्बर 27 तक तत्पश्चात द्वादशी
⛅नक्षत्र – हस्त प्रातः 04:35 नवम्बर 27 तक तत्पश्चात चित्रा
⛅योग – प्रीति दोपहर 02:14 तक तत्पश्चात आयुष्मान
⛅राहु काल – दोपहर 03:10 से शाम 04:32 तक
⛅सूर्योदय – 07:04
⛅सूर्यास्त – 05:49
⛅दिशा शूल – उत्तर दिशा में
⛅ब्राह्ममुहूर्त – प्रातः 05:16 से 06:08 तक
⛅अभिजीत मुहूर्त – दोपहर 12:05 से दोपहर 12:49 तक
⛅निशिता मुहूर्त- रात्रि 12:01 नवम्बर 27 से रात्रि 12:54 नवम्बर 27 तक
⛅ व्रत पर्व विवरण – उतपत्ति एकादशी
⛅विशेष – एकादशी को शिम्बी (सेम) खाने से पुत्र का नाश होता है | (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)

🔹एकदाशी में क्या करें, क्या ना करें ?

🌹1. एकादशी को लकड़ी का दातुन तथा पेस्ट का उपयोग न करें । नींबू, जामुन या आम के पत्ते लेकर चबा लें और उँगली से कंठ शुद्ध कर लें । वृक्ष से पत्ता तोड़ना भी वर्जित है, अत: स्वयं गिरे हुए पत्ते का सेवन करें ।

🌹2. स्नानादि कर के गीता पाठ करें, विष्णु सहस्रनाम का पाठ करें ।

🌹हर एकादशी को श्री विष्णु सहस्रनाम का पाठ करने से घर में सुख शांति बनी रहती है l

🌹राम रामेति रामेति । रमे रामे मनोरमे ।। सहस्त्र नाम त तुल्यं । राम नाम वरानने ।।

एकादशी के दिन इस मंत्र के पाठ से श्री विष्णु सहस्रनाम के जप के समान पुण्य प्राप्त होता है l

🌹3. `ॐ नमो भगवते वासुदेवाय’ इस द्वादश अक्षर मंत्र अथवा गुरुमंत्र का जाप करना चाहिए ।

🌹4. चोर, पाखण्डी और दुराचारी मनुष्य से बात नहीं करना चाहिए, यथा संभव मौन रहें ।

🌹5. एकदशी के दिन भूल कर भी चावल नहीं खाना चाहिए न ही किसी को खिलाना चाहिए । इस दिन फलाहार अथवा घर में निकाला हुआ फल का रस अथवा दूध या जल पर रहना लाभदायक है ।

🌹6. व्रत के ( दशमी, एकादशी और द्वादशी ) – इन तीन दिनों में काँसे के बर्तन, मांस, प्याज, लहसुन, मसूर, उड़द, चने, कोदो (एक प्रकार का धान), शाक, शहद, तेल और अत्यम्बुपान (अधिक जल का सेवन) – का सेवन न करें ।

🌹7. फलाहारी को गोभी, गाजर, शलजम, पालक, कुलफा का साग इत्यादि सेवन नहीं करना चाहिए । आम, अंगूर, केला, बादाम, पिस्ता इत्यादि अमृत फलों का सेवन करना चाहिए ।

🌹8. जुआ, निद्रा, पान, परायी निन्दा, चुगली, चोरी, हिंसा, मैथुन, क्रोध तथा झूठ, कपटादि अन्य कुकर्मों से नितान्त दूर रहना चाहिए ।

🌹9. भूलवश किसी निन्दक से बात हो जाय तो इस दोष को दूर करने के लिए भगवान सूर्य के दर्शन तथा धूप-दीप से श्रीहरि की पूजा कर क्षमा माँग लेनी चाहिए ।

🌹10. एकादशी के दिन घर में झाडू नहीं लगायें । इससे चींटी आदि सूक्ष्म जीवों की मृत्यु का भय रहता है ।

🌹11. इस दिन बाल नहीं कटवाने चाहिए ।

🌹12. इस दिन यथाशक्ति अन्नदान करें किन्तु स्वयं किसीका दिया हुआ अन्न कदापि ग्रहण न करें ।

🌹13. एकादशी की रात में भगवान विष्णु के आगे जागरण करना चाहिए (जागरण रात्र 1 बजे तक) ।

🌹14. जो श्रीहरि के समीप जागरण करते समय रात में दीपक जलाता है, उसका पुण्य सौ कल्पों में भी नष्ट नहीं होता है ।

🔹 इस विधि से व्रत करनेवाला उत्तम फल को प्राप्त करता है|

पूजन/तिलक में चावल के दानों का गुण व महत्व क्या है ? (What is the importance of rice grains in worship/Tilak?)

चावल को सनातन संस्कृति के अनुष्ठान में पवित्र पदार्थ के हिस्से के रूप में अर्पित व अभिमंत्रित किया जाता है । यह हमारे हिंदू धर्म में देवी-देवताओं के प्रति सम्मान और भक्ति का संकेत भी है। चावल को पवित्रता का प्रतीक माना जाता है और इसका उपयोग परमात्मा से आशीर्वाद लेने के लिए किया जाता है।

अक्सर कोई त्यौहार, शादी या पूजा का समय होता है, तो इसकी शुभ शुरुआत व्यक्ति को तिलक लगा कर की जाती है। क्यूकि तिलक लगाना शुभ माना जाता है। हिंदू धर्म में, तिलक पुरुषों और महिलाओं दोनों द्वारा माथे पर लगाया जाने वाला प्रतीक चिन्ह है।

यह आमतौर पर कुमकुम, तुलसी, चंदन तथा अन्य के तरल रूप साथ बनाया जाता है, और एक साधारण या अधिक विस्तृत धार्मिक प्रतीक चिन्ह होता है। वैदिक क्रियाओं में तिलक को तीसरी आंख का प्रतीक माना जाता है, जो आध्यात्मिक ज्ञान और आंतरिक ज्ञान से जुड़ा हुआ है।

तिलक में चावल का उपयोग भारत के कुछ हिस्सों में आम है, खासकर दक्षिण भारत में। चावल को आमतौर पर कुछ घंटों के लिए पानी में भिगोया जाता है और फिर एक पेस्ट बनाने के लिए कुमकुम के साथ मिलाया जाता है। तरल कुमकुम को तब एक ऊर्ध्वाधर रेखा या एक प्रतीक चिन्ह के आकार में माथे पर लगाया जाता है जो किसी विशेष या कुल देवता का प्रतिनिधित्व करता है।

तिलक हमेशा अनामिका उंगली से लगाना चाहिए। ज्योतिष के अनुसार अनामिका उंगली सूर्य का प्रतीक होती है। अनामिका उंगली से तिलक लगाने से तेजस्वी और प्रतिष्ठा मिलती है। साथ ही जब भी मान-सम्मान के लिए अंगुष्ठ यानि अंगूठे से तिलक लगया जाता है। अंगुष्ठ से तिलक लगाने से ज्ञान और आभूषण की प्राप्ति होती है। विजय प्राप्ति के लिए तर्जनी उंगली से तिलक लगाया जाता है। इसी के साथ आपको बता दें, तिलक हमेशा मस्तिष्क के केंद्र पर लगाया जाता है। इसका कारण ये है कि मस्तिष्क के बीच में आज्ञाचक्र होता है। जिसे गुरुचक्र भी कहते हैं। ये जगह मानव शरीर का केंद्र स्थान है। इसे से एकाग्रता और ज्ञान से परिपूर्ण हैं।

चावल को आमतौर कुमकुम या किसी भी तरह के तिलक के बाद समृद्धि, उर्वरता और शुभता के प्रतीक के रूप में माथे पर लगाया जाता है। चावल का तिलक के साथ का सबसे पवित्र व सर्वमान्य होता है,

इसके पीछे की उत्कृष्ठ वजह का विस्तार पूर्वक वर्णन किया जा रहा है, अगर वैज्ञानिक दृष्टि की बात करे तो माथे पर तिलक लगाने से दिमाग में शांति और शीतलता बनी रहती है। इसके इलावा चावल को शुद्धता का प्रतीक माना जाता है।

वही अगर शास्त्रों की बात करे तो चावल को हविष्य यानि हवन में देवी देवताओ को चढ़ाने वाला शुद्ध अन्न माना जाता है। चावल का एक अन्य नाम अक्षत भी है इसका अर्थ कभी क्षय ना होने वाला या जिसका कभी नाश नही होता है। तभी तो हम हर खास मौके पर चावल जरूर बनाते है। दरअसल ऐसा माना जाता है कि कच्चे चावल व्यक्ति को सकारात्मक ऊर्जा प्रदान करते है।

जो लगाया जाता है वह अखंडित चावल (अक्षत) होता है, जिसे कई बार हल्दी और अन्य औषधीय पदार्थों में भिगोया जाता है। अक्षत पहले से ही प्राकृतिक रूप में ऊर्जावान है। टूटा हुआ चावल नहीं. अक्षत को देवी लक्ष्मी का प्रतीक भी माना जाता है जिसका उद्देश्य पवित्र राख (भस्म) के समान है जो अजना और गुरु/अग्नि चक्र का प्रतिनिधित्व करने वाले माथे से नकारात्मक ऊर्जा और तरल अशुद्धियों को अवशोषित करता है। भस्म को गीली अवस्था में लगाया जाता है।जब पानी वाष्पित हो जाता है, तो माथे और शरीर के अन्य हिस्सों से जहां इसे लगाया जाता है, जिससे गर्मी अवशोषित हो जाती है।

सनातन संस्कृति के हमारे अधिकांश रीति-रिवाज हमारे ऊर्जा शरीर को ही मजबूत करते हैं। मुख्य रूप से मानव शरीर वास्तव में 5 पदार्थों से बना है, अन्न, प्राण, मन, विज्ञान और आनंद। अक्षदा प्राण शरीर और कुछ हद तक मानस शरीर की देखभाल करती है।

उत्पन्ना एकादशी व्रत कथा!

युधिष्ठिर कहने लगे कि हे भगवन! आपने हजारों यज्ञ और लाख गौदान को भी एकादशी व्रत के बराबर नहीं बताया। सो यह तिथि सब तिथियों से उत्तम कैसे हुई, बताइए।

भगवन कहने लगे- हे युधिष्ठिर! सतयुग में मुर नाम का दैत्य उत्पन्न हुआ। वह बड़ा बलवान और भयानक था। उस प्रचंड दैत्य ने इंद्र, आदित्य, वसु, वायु, अग्नि आदि सभी देवताओं को पराजित करके भगा दिया। तब इंद्र सहित सभी देवताओं ने भयभीत होकर भगवान शिव से सारा वृत्तांत कहा और बोले हे कैलाशपति! मुर दैत्य से भयभीत होकर सब देवता मृत्यु लोक में फिर रहे हैं। तब भगवान शिव ने कहा- हे देवताओं! तीनों लोकों के स्वामी, भक्तों के दु:खों का नाश करने वाले भगवान विष्णु की शरण में जाओ।

वे ही तुम्हारे दु:खों को दूर कर सकते हैं। शिवजी के ऐसे वचन सुनकर सभी देवता क्षीरसागर में पहुँचे। वहाँ भगवान को शयन करते देख हाथ जोड़कर उनकी स्तुति करने लगे‍, कि हे देवताओं द्वारा स्तुति करने योग्य प्रभो! आपको बारम्बार नमस्कार है, देवताओं की रक्षा करने वाले मधुसूदन! आपको नमस्कार है। आप हमारी रक्षा करें। दैत्यों से भयभीत होकर हम सब आपकी शरण में आए हैं।

आप इस संसार के कर्ता, माता-पिता, उत्पत्ति और पालनकर्ता और संहार करने वाले हैं। सबको शांति प्रदान करने वाले हैं। आकाश और पाताल भी आप ही हैं। सबके पितामह ब्रह्मा, सूर्य, चंद्र, अग्नि, सामग्री, होम, आहुति, मंत्र, तंत्र, जप, यजमान, यज्ञ, कर्म, कर्ता, भोक्ता भी आप ही हैं। आप सर्वव्यापक हैं। आपके सिवा तीनों लोकों में चर तथा अचर कुछ भी नहीं है।

हे भगवन्! दैत्यों ने हमको जीतकर स्वर्ग से भ्रष्ट कर दिया है और हम सब देवता इधर-उधर भागे-भागे फिर रहे हैं, आप उन दैत्यों से हम सबकी रक्षा करें।

इंद्र के ऐसे वचन सुनकर भगवान विष्णु कहने लगे कि हे इंद्र! ऐसा मायावी दैत्य कौन है जिसने सब देवताअओं को जीत लिया है, उसका नाम क्या है, उसमें कितना बल है और किसके आश्रय में है तथा उसका स्थान कहाँ है? यह सब मुझसे कहो।

भगवान के ऐसे वचन सुनकर इंद्र बोले- भगवन! प्राचीन समय में एक नाड़ीजंघ नामक राक्षस था उसके महापराक्रमी और लोकविख्यात मुर नाम का एक पुत्र हुआ। उसकी चंद्रावती नाम की नगरी है। उसी ने सब देवताअओं को स्वर्ग से निकालकर वहाँ अपना अधिकार जमा लिया है। उसने इंद्र, अग्नि, वरुण, यम, वायु, ईश, चंद्रमा, नैऋत आदि सबके स्थान पर अधिकार कर लिया है।

सूर्य बनकर स्वयं ही प्रकाश करता है। स्वयं ही मेघ बन बैठा है और सबसे अजेय है। हे असुर निकंदन! उस दुष्ट को मारकर देवताओं को अजेय बनाइए।

यह वचन सुनकर भगवान ने कहा- हे देवताओं, मैं शीघ्र ही उसका संहार करूंगा। तुम चंद्रावती नगरी जाओ। इस प्रकार कहकर भगवान सहित सभी देवताओं ने चंद्रावती नगरी की ओर प्रस्थान किया। उस समय जब दैत्य मुर सेना सहित युद्ध भूमि में गरज रहा था। उसकी भयानक गर्जना सुनकर सभी देवता भय के मारे चारों दिशाओं में भागने लगे। जब स्वयं भगवान रणभूमि में आए तो दैत्य उन पर भी अस्त्र, शस्त्र, आयुध लेकर दौड़े।

भगवान ने उन्हें सर्प के समान अपने बाणों से बींध डाला। बहुत-से दैत्य मारे गए, केवल मुर बचा रहा। वह अविचल भाव से भगवान के साथ युद्ध करता रहा। भगवान जो-जो भी तीक्ष्ण बाण चलाते वह उसके लिए पुष्प सिद्ध होता। उसका शरीर छिन्न‍-भिन्न हो गया किंतु वह लगातार युद्ध करता रहा। दोनों के बीच मल्लयुद्ध भी हुआ। 10 हजार वर्ष तक उनका युद्ध चलता रहा किंतु मुर नहीं हारा। थककर भगवान बद्रिकाश्रम चले गए। वहां हेमवती नामक सुंदर गुफा थी, उसमें विश्राम करने के लिए भगवान उसके अंदर प्रवेश कर गए। यह गुफा 12 योजन लंबी थी और उसका एक ही द्वार था। विष्णु भगवान वहां योगनिद्रा की गोद में सो गए। मुर भी पीछे-पीछे आ गया और भगवान को सोया देखकर मारने को उद्यत हुआ तभी भगवान के शरीर से उज्ज्वल, कांतिमय रूप वाली देवी प्रकट हुई। देवी ने राक्षस मुर को ललकारा, युद्ध किया और उसे तत्काल मौत के घाट उतार दिया।

श्री हरि जब योगनिद्रा की गोद से उठे, तो सब बातों को जानकर उस देवी से कहा कि आपका जन्म एकादशी के दिन हुआ है, अत: आप उत्पन्ना एकादशी के नाम से पूजित होंगी। आपके भक्त वही होंगे, जो मेरे भक्त हैं।

जिनका आज जन्मदिन है उनको हार्दिक शुभकामनाएं बधाई और शुभ आशीष
26 को जन्मे व्यक्ति धीर गंभीर, परोपकारी, कर्मठ होते हैं। दिनांक 26 को जन्मे व्यक्ति का मूलांक 8 होगा। यह ग्रह सूर्यपुत्र शनि से संचालित होता है। आप भौतिकतावादी है। आप अद्भुत शक्तियों के मालिक हैं। आप अपने जीवन में जो कुछ भी करते हैं उसका एक मतलब होता है। आपकी वाणी कठोर तथा स्वर उग्र है। आपके मन की थाह पाना मुश्किल है। आपको सफलता अत्यंत संघर्ष के बाद हासिल होती है। कई बार आपके कार्यों का श्रेय दूसरे ले जाते हैं।

शुभ दिनांक : 8, 17, 26

शुभ अंक : 8, 17, 26, 35, 44

शुभ वर्ष :2024, 2042

ईष्टदेव : हनुमानजी, शनि देवता

शुभ रंग : काला, गहरा नीला, जामुनी

जन्मतिथि के अनुसार भविष्यफल :
व्यापार-व्यवसाय की स्थिति उत्तम रहेगी। नौकरीपेशा व्यक्ति प्रगति पाएंगे। सभी कार्यों में सफलता मिलेगी। जो अभी तक बाधित रहे है वे भी सफल होंगे। बेरोजगार प्रयास करें, तो रोजगार पाने में सफल होंगे। राजनैतिक व्यक्ति भी समय का सदुपयोग कर लाभान्वित होंगे। शत्रु वर्ग प्रभावहीन होंगे, स्वास्थ्य की दृष्टि से समय अनुकूल ही रहेगा।

आज का राशिफल:-
🦌मेष
आज के दिन आप अपनी ही आदतों के कारण अंदर ही अंदर परेशान रहेंगे। घर के छोटो अथवा पिता के कारण क्रोध आएगा लेकिन प्रकट करने की जगह मन मे ही रखेंगे। घर मे सुख सुविधा के साथ अन्य आवश्यक वस्तुओं की खरीददारी पर अधिक खर्च होगा फिर भी आज सभी को संतुष्ट नही कर पाएंगे। माता से लाभ होगा परन्तु पिता से आज कम ही बनेगी। संतान के व्यवहार को लेकर भी चिंतित रहेंगे।ज्यादा मेहनत करने के पक्ष में नही रहेंगे परन्तु ध्यान रहे आज कम मेहनत से भी अधिक लाभ कमाया जा सकता है आरम्भ में थोड़े व्यवधान भी आएंगे लेकिन यह निकट भविष्य में उपयोगी सिद्ध होगा। सेहत ठीक ही रहेगी।

🐂वृष
आज का दिन बीते दिनों की अपेक्षा राहत भरा रहेगा। घर मे कुछ समय के लिए कोई पुराने प्रसंग छिड़ने पर अशांति बनेगी मूकदर्शक बन कर रहे अन्यथा सारा दिन व्यर्थ मानसिक उलझनों के कारण बर्बाद होगा। व्यवसाय से लाभ हानि बराबर रहेगी धन की आमद होने के साथ ही खर्च भी हो जाएगी। मौज शौक एवं मनोरंजन पर दिखावे के लिये विशेष खर्च करेंगे। भाई बंधुओ से आर्थिक लाभ की संभावना है इसे सही जगह पर ही निवेश करें अन्यथा बैठे बिठाये नया झगड़ा मोल लेंगे। पिता का सुख ना के बराबर रहेगा सरकारी कार्यो में फंसने की संभावना है अथवा सरकारी उलझने बढ़ने से परेशानी होगीं। आस पड़ोसियों के कारण खर्च बढेगा।

👬मिथुन
आज भी आपका जिद्दी स्वभाव घर मे कलह का कारण बनेगा विशेष कर माता को अधिक कष्ट होगा लेकिन पिता के साथ अच्छी जमेगी। सार्वजनिक क्षेत्र पर कम व्यवहार रखें मित्र मंडली अथवा अन्य कारणों से शर्मिंदा होना पड़ेगा। कार्य व्यवसाय से धन लाभ अवश्य होगा परन्तु आज हाथ खुला रहने के कारण धन आने के साथ ही जाने के रास्ते भी बना लेगा। बड़े भाई बहन से सतर्क रहें आपकी गतिविधयों पर नजर रखे हुए है गलती करने पर दया नही करेंगे। सरकारी कार्य आज अधूरे ही रहेंगे लेकिन निकट भविष्य में अवश्य ही कुछ ना कुछ लाभ देंगे। धर्म आध्यात्म में आज रुचि कम ही रहेगी। मौज शौक सुखोपभोग के लिए हर समय उपस्थित रहेंगे। संतानों की सेहत पर खर्च बढेगा।

🦀कर्क
आज का दिन धन लाभ वाला है विशेष कर व्यवसायियों को पूर्व में कई मेहनत का फल अवश्य ही किसी न किसी रूप में मिलेगा भाई बंधुओ के सहयोग से भी लाभ के साधन बनेंगे परन्तु संतानों के ऊपर खर्च अनियन्त्रित रहने के कारण बचत नही कर पाएंगे। माता के द्वारा प्रसंशा होने पर आंनदित रहेंगे सार्वजनिक क्षेत्र पर भी आदर बढ़ेगा। कार्य व्यवसाय से बुद्धि चातुर्य से हानि वाले कार्यो से भी लाभ कमा लेंगे लेकिन निवेश करते समय अधिक विचार करे गलत जगह होने की संभावना अधिक है। परिवार में माता को छोड़ अन्य सभी विशेष कर पिता अथवा पिता तुल्य व्यक्ति का विरोध देखना पड़ेगा संताने भी उन्हींका पक्ष लेंगी। मित्र मंडली में बैठते समय सतर्क रहें कोई नई परेशानी खड़ी हो सकती है। सेहत पर भी खर्च करना पड़ेगा।

🦁सिंह
आज के दिन आपका स्वभाव उदासीन रहेगा किसी से भी ज्यादा व्यवहार नही रखेंगे। आर्थिक एव व्यावसायिक दृष्टिकोण से यह आपके लिए आज हितकर भी रहेगा। कार्य क्षेत्र पर कोई भी कार्य जबरदस्ती बनाने का प्रयास ना करें वरना हानि ही होगीं। सहज रूप से आवश्यकता अनुसार लाभ हो जाएगा। आध्यात्मिक उन्नति होगी लेकिन इससे अहम भी बढ़ेगा दिखावे के लिए परोपकार करेंगे फिर भी यह शत्रुओ के दमन में सहायता करेगा। माता पिता के एकमत रहने से पैतृक संबंधित अथवा लाभ पाने के लिए अधिक मशक्कत करनी पड़ेगी तभी जाकर सफलता मिलेगी। संतान पक्ष मनमानी करेगी ढील ना दे अन्यथा बाद में पछताना पड़ेगा। आज पिता की सेहत का भी विशेष ध्यान रखें। यात्रा अंत समय मे निरस्त करनी पड़ सकती है।

👰कन्या
आज के दिन आप अधिकांश कार्य हड़बड़ाहट में करेंगे। खुद जल्दी से किसी कार्य को करने के लिए तैयार नही होंगे कोई और उसे करेगा तो उससे ईर्ष्या करेंगे। पति-पत्नी के बीच अंतरंग बातो को लेकर मतभेद रहेंगे। कार्य व्यवसाय में आज पिता का सहयोग तो कम रहेगा लेकिन प्रतिष्ठा का लाभ अवश्य किसी न किसी रूप में मिलेगा स्वयं के पराक्रम से इसमे वृद्धि भी करेंगे। सार्वजनिक क्षेत्र पर अपनी बचकानी हरकतों से हास्य के पात्र बनेंगे लेकिन इससे आस पास का वातावरण आनंदमय भी होगा। घर मे किसी न किसी की सेहत खराब होने के कारण अस्पताल के चक्कर लगाने पैड सकते है। यात्रा अति आवश्यक होने पर ही करें। व्यसनों से दूर रहे अन्यथा मान हानि होगी।

⚖तुला
आज आप कार्य व्यवसाय को लेकर परेशान रहेंगे भाग दौड़ के पक्ष में नही रहेंगे फिर भी ना चाहकर भी करनी ही पड़ेगी आर्थिक समस्या आज लगभग सभी कार्यो में बाधक बनेगी। भाई बंधुओ के साथ ही समाज से सम्मान मिलेगा लेकिन मन को संतोष नही दे पाएगा। मैन ही मन उलझे रहेंगे लेकिन किसी को बताएंगे नही पर ध्यान दे मन मे चल रही उलझन प्रियजनों से बांटने पर ही कम हो सकती है। माता के साथ आध्यात्मिक बातो को बांटने पर कुछ समय के लिए मानसिक राहत मिलेगी। सार्वजनिक कार्यो में पिता के नाम पर खर्च करना पड़ेगा। कार्य व्यवसाय से ना के बराबर आमद होगी आवश्यकता पूर्ति के लिये भी अन्य के ऊपर निर्भर रहना पड़ेगा। आध्यात्म का सहारा लेने पर शारीरिक पीड़ा अनुभव नही होगी।

🦂वृश्चिक
आज का दिन सार्वजनिक क्षेत्र और कार्यो से सम्मान दिलाएगा। दिन का पहला भाग आलस्य में खराब होगा स्वस्थ्य रहने पर भी बीमारी का बहाना बनाकर कार्यो से बचने का प्रयास करेंगे। कार्य क्षेत्र पर मध्यान बाद ही गति आएगी धन लाभ कम समय मे आवश्यकता से अधिक हो जाएगा। घरेलू कार्यो के साथ सामाजिक कार्यो के लिये भी समय निकालना पड़ेगा। सार्वजनिक क्षेत्र पर आपकी क्षवि उदार एवं धनवानों जैसी बनेगी भले अंदर से कुछ और ही रहे। संध्या का समय आनंद मनोरंजन में बीतेगा। अधिक बोलने से बचें अन्यथा घर अथवा मित्र मंडली में अपमानित हो सकते है।

🏹धनु
आज के दिन आप शांति की तलाश में रहेंगे लेकिन कोई न कोई प्रसंग मानसिक रूप से अशांत ही बनाये रखेगा। दिन का आरंभ सुस्त रहेगा आलस्य प्रमाद फैलाएंगे। देखा देखी में पूजा पाठ में भी भाग ले सकते है लेकिन मन कही और ही भटकेगा। कार्य व्यवसाय से लाभ के अवसर मिलेंगे धन लाभ प्रयास करने पर अवश्य होगा लेकिन घरेलू और व्यक्तिगत खर्चो के लिए कम ही पड़ेगा। प्रतिस्पर्धी अथवा शत्रु पक्ष के आगे झुकना पड़ेगा तभी शांति मिलेगी। घर मे माता अथवा अन्य स्त्री वर्ग का दिमाग गर्म रहेगा घुटनो अथवा अन्य जोड़ो में समस्या के कारण चिड़चिड़ी रहेंगी काम निकालने में खासी परेशानी आएगी। संतानों का सुख उत्तम रहेगा आज्ञाकारी रहने पर गर्व अनुभव करेंगे। उटपटांग देखना भायेगा।

🐊मकर
आज के दिन आप आराम से समय बिताना पसंद करेंगे लेकिन घरेलू कारणों से मनोकामना पूर्ति सम्भव नही हो पाएगी। घर के अधूरे कार्य इक्कठे सर पर आने के कारण मध्यान तक कोई ना कोई काम लगा रहेगा। कार्य व्यवसाय को लेकर मन मे चिंता रहेगी दोपहर के बाद व्यवसाय में वृद्धि के योग है धन लाभ भी आसानी से हो जाएगा कार्य क्षेत्र पर प्रतिस्पर्धी हावी रहेंगे फिर भी आपके कार्य को क्षति नही पहुचा पाएंगे। साधना के क्षेत्र से जुड़े लोगों को आध्यात्म में नई अनुभूति होगी पूजा पाठ का सकारत्मक परिणाम मिलने से उत्साहित रहेंगे। घरेलू वातावरण वैसे तो शांत ही रहेगा फिर भी आवश्यकता पूर्ति समय पर करें अन्यथा स्त्रीवर्ग और संतानों की जिद कलह का कारण बन सकती है। कंधे और कमर में दर्द की शिकायत होगी।

🏺कुंभ
आज के दिन आपका स्वभाव रहस्यमय रहेगा। कहेंगे कुछ लेकिन मन मे कुछ और ही रहेगा इस आदत के चलते घर एवं बाहर आपकी बातों पर विश्वास नही किया जाएगा। अपना काम निकलने के लिये झूठी कहानिया बनाएँगे। संतानों के माध्यम से कुछ न कुछ लाभ होगा लेकिन इनके ऊपर खर्च भी करना पड़ेगा। कार्य व्यवसाय में जोड़ तोड़ के बाद काम चलाऊ आय हो जाएगी। सेहत में उतार चढ़ाव लगा रहेगा सर्दी जुखाम के कारण ज्यादा परेशानी रह सकती है ठंडे एवं तले भुने से परहेज करें अन्यथा संमस्या बढ़ भी सकती हैं। घरेलू कार्यो को करने में टालमटोल करेंगे लेकिन मनोरंजन के लिये तैयार रहेंगे इस वजत से घर मे कहा सुनी होगीं। महिलाए इच्छा पूर्ति होने पर भी असंतुष्ट ही रहेंगी।

🐬मीन
आज के दिन आप अपनी इच्छाओं की पूर्ति थोड़े व्यवधान के बाद कर सकेंगे। घर मे किसी बात को लेकर माता से ठनेगी प्रेम से व्यवहार कर ही बात मनवाई जा सकती है। व्यवसायी वर्ग कार्य व्यवसाय से आज ज्यादा आशा ना रखें प्रतिस्पर्धा अधिक रहने व समय कम देने के कारण कम लाभ से ही संतोष करना पड़ेगा। खर्च अनियंत्रित रहेंगे सुखोपभोग एवं मनोरंजन पर आंख बंद कर व्यय करेंगे इससे संचित कोष में कमी आएगी। भाई बंधुओ को स्वयं से ज्यादा सम्मान मिलने पर मन मे ईर्ष्या की भावना रहेगी। आज स्वयं अथवा परिवार में किसी सदस्य को छाती अथवा पेट संबंधित संमस्या रहेगी। संतान अथवा अन्य घरेलू कारणों से यात्रा की योजना बनेगी।

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