वैदिक पंचांग (Vaidik Panchang)
दिनांक – 14 सितम्बर 2024
दिन – शनिवार
विक्रम संवत् – 2081
अयन – दक्षिणायन
ऋतु – शरद
मास – भाद्रपद
पक्ष – शुक्ल
तिथि – एकादशी रात्रि 08:41 तक तत्पश्चात द्वादशी
नक्षत्र – उत्तराषाढ़ा रात्रि 08:32 तक तत्पश्चात श्रवण
योग – शोभन शाम 06:18 तक तत्पश्चात अतिगण्ड
राहु काल – प्रातः 09:30 से प्रातः 11:03 तक
सूर्योदय – 06:26
सूर्यास्त – 06:44
दिशा शूल – पूर्व दिशा में
ब्राह्ममुहूर्त – प्रातः 04:52 से 05:39 तक
अभिजीत मुहूर्त – दोपहर 12:10 से दोपहर 12:59 तक
निशिता मुहूर्त- रात्रि 12:12 सितम्बर 15 से रात्रि 12:58 सितम्बर 15 तक
व्रत पर्व विवरण – परिवर्तनी पद्मा एकादशी, हिंदी दिवस, सर्वार्थ सिद्धि योग (रात्रि 08:32 से प्रातः 06:26 सितम्बर 15 तक)
विशेष – एकादशी को सिम्बी (सेम) खाने से पुत्र का नाश होता है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)
🔹एकादशी व्रत के लाभ🔹
🔸एकादशी व्रत के पुण्य के समान और कोई पुण्य नहीं है ।
🔸 जो पुण्य सूर्यग्रहण में दान से होता है, उससे कई गुना अधिक पुण्य एकादशी के व्रत से होता है ।
🔸 जो पुण्य गौ-दान, सुवर्ण-दान, अश्वमेघ यज्ञ से होता है, उससे अधिक पुण्य एकादशी के व्रत से होता है ।
🔸 एकादशी व्रत करनेवालों के पितर नीच योनि से मुक्त होते हैं और अपने परिवारवालों पर प्रसन्नता बरसाते हैं । इसलिए यह व्रत करने वालों के घर में सुख-शांति बनी रहती है ।
🔸 धन-धान्य, पुत्रादि की वृद्धि होती है ।
🔸 कीर्ति बढ़ती है, श्रद्धा-भक्ति बढ़ती है, जिससे जीवन रसमय बनता है ।
🔸 परमात्मा की प्रसन्नता प्राप्त होती है । पूर्वकाल में राजा नहुष, अंबरीष, राजा गाधी आदि जिन्होंने भी एकादशी का व्रत किया, उन्हें इस पृथ्वी का समस्त ऐश्वर्य प्राप्त हुआ । भगवान शिवजी ने नारद से कहा है : एकादशी का व्रत करने से मनुष्य के सात जन्मों के पाप नष्ट हो जाते हैं, इसमे कोई संदेह नहीं है । एकादशी के दिन किये हुए व्रत, गौ-दान आदि का अनंत गुना पुण्य होता है ।
🙏🏻 एकादशी व्रत के पुण्य के समान और कोई पुण्य नहीं है ।
🙏🏻 युधिष्ठिर ने पूछा : केशव ! कृपया यह बताइये कि भाद्रपद मास के शुक्लपक्ष में जो एकादशी होती है, उसका क्या नाम है, उसके देवता कौन हैं और कैसी विधि है?
🙏🏻 भगवान श्रीकृष्ण बोले : राजन् ! इस विषय में मैं तुम्हें आश्चर्यजनक कथा सुनाता हूँ, जिसे ब्रह्माजी ने महात्मा नारद से कहा था ।
🙏🏻 नारदजी ने पूछा : चतुर्मुख ! आपको नमस्कार है ! मैं भगवान विष्णु की आराधना के लिए आपके मुख से यह सुनना चाहता हूँ कि भाद्रपद मास के शुक्लपक्ष में कौन सी एकादशी होती है?
🙏🏻 ब्रह्माजी ने कहा : मुनिश्रेष्ठ ! तुमने बहुत उत्तम बात पूछी है । क्यों न हो, वैष्णव जो ठहरे ! भादों के शुक्लपक्ष की एकादशी ‘पद्मा’ के नाम से विख्यात है । उस दिन भगवान ह्रषीकेश की पूजा होती है । यह उत्तम व्रत अवश्य करने योग्य है । सूर्यवंश में मान्धाता नामक एक चक्रवर्ती, सत्यप्रतिज्ञ और प्रतापी राजर्षि हो गये हैं । वे अपने औरस पुत्रों की भाँति धर्मपूर्वक प्रजा का पालन किया करते थे । उनके राज्य में अकाल नहीं पड़ता था, मानसिक चिन्ताएँ नहीं सताती थीं और व्याधियों का प्रकोप भी नहीं होता था । उनकी प्रजा निर्भय तथा धन धान्य से समृद्ध थी । महाराज के कोष में केवल न्यायोपार्जित धन का ही संग्रह था । उनके राज्य में समस्त वर्णों और आश्रमों के लोग अपने अपने धर्म में लगे रहते थे । मान्धाता के राज्य की भूमि कामधेनु के समान फल देनेवाली थी । उनके राज्यकाल में प्रजा को बहुत सुख प्राप्त होता था ।
🙏🏻 एक समय किसी कर्म का फलभोग प्राप्त होने पर राजा के राज्य में तीन वर्षों तक वर्षा नहीं हुई । इससे उनकी प्रजा भूख से पीड़ित हो नष्ट होने लगी । तब सम्पूर्ण प्रजा ने महाराज के पास आकर इस प्रकार कहा :
🙏🏻 प्रजा बोली: नृपश्रेष्ठ ! आपको प्रजा की बात सुननी चाहिए । पुराणों में मनीषी पुरुषों ने जल को ‘नार’ कहा है । वह ‘नार’ ही भगवान का ‘अयन’ (निवास स्थान) है, इसलिए वे ‘नारायण’ कहलाते हैं । नारायणस्वरुप भगवान विष्णु सर्वत्र व्यापकरुप में विराजमान हैं । वे ही मेघस्वरुप होकर वर्षा करते हैं, वर्षा से अन्न पैदा होता है और अन्न से प्रजा जीवन धारण करती है । नृपश्रेष्ठ ! इस समय अन्न के बिना प्रजा का नाश हो रहा है, अत: ऐसा कोई उपाय कीजिये, जिससे हमारे योगक्षेम का निर्वाह हो ।
🙏🏻 राजा ने कहा : आप लोगों का कथन सत्य है, क्योंकि अन्न को ब्रह्म कहा गया है । अन्न से प्राणी उत्पन्न होते हैं और अन्न से ही जगत जीवन धारण करता है । लोक में बहुधा ऐसा सुना जाता है तथा पुराण में भी बहुत विस्तार के साथ ऐसा वर्णन है कि राजाओं के अत्याचार से प्रजा को पीड़ा होती है, किन्तु जब मैं बुद्धि से विचार करता हूँ तो मुझे अपना किया हुआ कोई अपराध नहीं दिखायी देता । फिर भी मैं प्रजा का हित करने के लिए पूर्ण प्रयत्न करुँगा ।
🙏🏻 ऐसा निश्चय करके राजा मान्धाता इने गिने व्यक्तियों को साथ ले, विधाता को प्रणाम करके सघन वन की ओर चल दिये । वहाँ जाकर मुख्य मुख्य मुनियों और तपस्वियों के आश्रमों पर घूमते फिरे । एक दिन उन्हें ब्रह्मपुत्र अंगिरा ॠषि के दर्शन हुए । उन पर दृष्टि पड़ते ही राजा हर्ष में भरकर अपने वाहन से उतर पड़े और इन्द्रियों को वश में रखते हुए दोनों हाथ जोड़कर उन्होंने मुनि के चरणों में प्रणाम किया । मुनि ने भी ‘स्वस्ति’ कहकर राजा का अभिनन्दन किया और उनके राज्य के सातों अंगों की कुशलता पूछी । राजा ने अपनी कुशलता बताकर मुनि के स्वास्थय का समाचार पूछा । मुनि ने राजा को आसन और अर्ध्य दिया । उन्हें ग्रहण करके जब वे मुनि के समीप बैठे तो मुनि ने राजा से आगमन का कारण पूछा ।
🙏🏻 राजा ने कहा : भगवन् ! मैं धर्मानुकूल प्रणाली से पृथ्वी का पालन कर रहा था । फिर भी मेरे राज्य में वर्षा का अभाव हो गया । इसका क्या कारण है इस बात को मैं नहीं जानता ।
🙏🏻 ॠषि बोले : राजन् ! सब युगों में उत्तम यह सत्ययुग है । इसमें सब लोग परमात्मा के चिन्तन में लगे रहते हैं तथा इस समय धर्म अपने चारों चरणों से युक्त होता है । इस युग में केवल ब्राह्मण ही तपस्वी होते हैं, दूसरे लोग नहीं । किन्तु महाराज ! तुम्हारे राज्य में एक शूद्र तपस्या करता है, इसी कारण मेघ पानी नहीं बरसाते । तुम इसके प्रतिकार का यत्न करो, जिससे यह अनावृष्टि का दोष शांत हो जाय ।
🙏🏻 राजा ने कहा : मुनिवर ! एक तो वह तपस्या में लगा है और दूसरे, वह निरपराध है । अत: मैं उसका अनिष्ट नहीं करुँगा । आप उक्त दोष को शांत करनेवाले किसी धर्म का उपदेश कीजिये ।
🙏🏻 ॠषि बोले : राजन् ! यदि ऐसी बात है तो एकादशी का व्रत करो । भाद्रपद मास के शुक्लपक्ष में जो ‘पधा’ नाम से विख्यात एकादशी होती है, उसके व्रत के प्रभाव से निश्चय ही उत्तम वृष्टि होगी । नरेश ! तुम अपनी प्रजा और परिजनों के साथ इसका व्रत करो ।
🙏🏻 ॠषि के ये वचन सुनकर राजा अपने घर लौट आये । उन्होंने चारों वर्णों की समस्त प्रजा के साथ भादों के शुक्लपक्ष की ‘पधा एकादशी’ का व्रत किया । इस प्रकार व्रत करने पर मेघ पानी बरसाने लगे । पृथ्वी जल से आप्लावित हो गयी और हरी भरी खेती से सुशोभित होने लगी । उस व्रत के प्रभाव से सब लोग सुखी हो गये ।
🙏🏻 भगवान श्रीकृष्ण कहते हैं : राजन् ! इस कारण इस उत्तम व्रत का अनुष्ठान अवश्य करना चाहिए । ‘पधा एकादशी’ के दिन जल से भरे हुए घड़े को वस्त्र से ढकँकर दही और चावल के साथ ब्राह्मण को दान देना चाहिए, साथ ही छाता और जूता भी देना चाहिए । दान करते समय निम्नांकित मंत्र का उच्चारण करना चाहिए :
🌷 नमो नमस्ते गोविन्द बुधश्रवणसंज्ञक ॥
अघौघसंक्षयं कृत्वा सर्वसौख्यप्रदो भव ।
भुक्तिमुक्तिप्रदश्चैव लोकानां सुखदायकः ॥
🙏🏻 ‘बुधवार और श्रवण नक्षत्र के योग से युक्त द्वादशी के दिन बुद्धश्रवण नाम धारण करनेवाले भगवान गोविन्द ! आपको नमस्कार है… नमस्कार है ! मेरी पापराशि का नाश करके आप मुझे सब प्रकार के सुख प्रदान करें । आप पुण्यात्माजनों को भोग और मोक्ष प्रदान करनेवाले तथा सुखदायक हैं |’
🙏🏻 राजन् ! इसके पढ़ने और सुनने से मनुष्य सब पापों से मुक्त हो जाता है ।
जिनका आज जन्मदिन है उनको हार्दिक शुभकामनाएं बधाई और शुभाशीष
आप बेहद भाग्यशाली हैं कि आपका जन्म 14 को हुआ है। ऐसे व्यक्ति अधिकांशत: मितभाषी होते हैं। कवि, कलाकार, तथा अनेक विद्याओं के जानकार होते हैं। आपमें गजब की आकर्षण शक्ति होती है। आपमें लोगों को सहज अपना बना लेने का विशेष गुण होता है। 14 का अंक आपस में मिलकर 5 होता है। 5 का अंक बुध ग्रह का प्रतिनिधि करता है।
अनजान व्यक्ति की मदद के लिए भी आप सदैव तैयार रहते हैं। आपमें किसी भी प्रकार का परिवर्तन करना मुश्किल है। अर्थात अगर आप अच्छे स्वभाव के व्यक्ति हैं तो आपको कोई भी बुरी संगत बिगाड़ नहीं सकती। अगर आप खराब आचरण के हैं तो दुनिया की कोई भी ताकत आपको सुधार नहीं सकती। लेकिन सामान्यत: 14 तारीख को पैदा हुए व्यक्ति सौम्य स्वभाव के ही होते हैं।
शुभ दिनांक : 1, 5, 7, 14, 23
शुभ अंक :1, 2, 3, 5, 9, 32, 41, 50
शुभ वर्ष : 2030, 2032, 2034, 2050, 2059, 2052
ईष्टदेव : देवी महालक्ष्मी, गणेशजी, मां अम्बे।
शुभ रंग :हरा, गुलाबी जामुनी, क्रीम
जन्मतिथि के अनुसार भविष्यफल :
दाम्पत्य जीवन में मधुर वातावरण रहेगा। अविवाहित भी विवाह में बंधने को तैयार रहें। यह वर्ष आपके लिए सफलताओं भरा रहेगा। अभी तक आ रही परेशानियां भी इस वर्ष दूर होती नजर आएंगी। परिवारिक प्रसन्नता रहेगी। संतान पक्ष से खुशखबर आ सकती है। नौकरीपेशा व्यक्तियों के लिए यह वर्ष निश्चय ही सफलताओं भरा रहेगा। व्यापार-व्यवसाय में प्रगति से प्रसन्नता रहेगी।
आज का राशिफल:-
🦌मेष
आज का दिन आपको पैतृक सुख के साथ मनोरंजन के अवसर भी सुलभ कराएगा। दिन के प्रारंभ में आलस्य रहेगा छोटे मोटे दैनिक कार्य भी विलंब से होंगे। लेकिन दोपहर से कार्यो के प्रति गंभीरता आएगी। व्यवसायी वर्ग आज काम की जगह मनोरंजन के मूड में रहेंगे फिर भी थोड़े समय मे ही दिन भर की पूर्ति कर लेंगे। पारिवारिक दायित्वों की पूर्ति के लिये समय और धन खर्च होगा। घर मे पैतृक मामलो को लेकर महत्त्वपूर्ण चर्चा होगी। आपकी बातों का विरोध करने वाले भी आज आपका समर्थन करेंगे। संध्या का समय मनोकामना पूर्ति वाला रहेगा। सेहत आज उत्तम रहेगी।
🐂वृष
आज शुभ प्रसंग बनने से मन शांत रहेगा धर्म के प्रति आस्था तो रहेगी लेकिन एकाग्रता की कमी के कारण दैनिक पूजा पाठ भी व्यवहारिकता मात्र रहेंगे। आज केवल लाभ वाले कार्यो में ही रुची दिखायेंगे इसके विपरीत सामाजिक अथवा परोपकार के कार्यो से बचेंगे। कार्य क्षेत्र पर आज लाभ के अवसर कम ही मिलेंगे फिर भी दैनिक खर्च लायक धन की आमद हो जाएगी। परिजन आपके व्यवहार की देखादेखी करेंगे। बुजुर्गो का व्यवहार आपके प्रति अनअपेक्षित रहेगा लेकिन स्त्री संतान से सामान्य संबंध रहेंगे। स्वास्थ्य को लेकर आशांकित रहेंगे गर्म सर्द के कारण परेशानी हो सकती है।
👬मिथुन
आज के दिन आपमे लापरवाही अधिक रहेगी। सेहत अथवा अन्य आवश्यक कार्यो की अनदेखी बाद में पछताने का कारण बनेगी संयम की कमी के चलते विपरीत फल मिलेंगे। घर के सदस्य भी आपके व्यवहार शून्यता से परेशान रहेंगे। कार्य व्यवसाय में ज्यादा झंझट नही करेंगे लाभ हानि की परवाह भी नही रहेगी मध्यान के बाद ध्यान व्यर्थ के कार्यो में भटकेगा। खर्च पर नियंत्रण करने का प्रयास असफल रहेगा घर मे अकस्मात खर्च अथवा जिद पूरी करने पर बजट से बाहर जाएंगे। संध्या का समय मानसिक शान्ति प्रदान करेगा सब चीजों को भूल अपने मे मस्त रहेंगे। खून एवं हाथ पैरों में भड़कन की समस्या बनेगी।
🦀कर्क
आज का दिन विजय दिलाने वाला रहेगा आज आप जिस भी चीज की कामना करेंगे उसे लड़कर अथवा जिद से पूरा कर लेंगे भले ही इससे किसी का मन खराब ही क्यों ना हो। कार्य क्षेत्र पर विचार तो बहुत बनेंगे लेकिन क्रियान्वित एक आध ही होंगे विस्तार की योजना आज सहकर्मियों को कमी के कारण निरस्त करनी पड़ेगी। घर अथवा कार्य क्षेत्र पर साज सजावट के ऊपर खर्च करेंगे तोड़ फोड़ द्वारा नया रूप देने के विचार भी बनेंगे। नौकरी वाले लोग आज बैठकर लोगो के क्रिया कलापो का आनंद लेंगे मध्यान बाद मौज शौक पूरे करने पर खर्च होगा। स्वास्थ्य ठीक रहेगा।
🦁सिंह
आज आप अपनी अथवा किसी नजदीकी की कार्यशैली से व्यथित रहेंगे। चाहकर भी परिस्थितियां अनुकूल नही बनने के कारण मन में उदासी रहेगी। मध्यान के बाद किसी पुराने मित्र परिचित से भेंट होगी कुछ समय के लिये अतीत की यादो में खोये रहेंगे। आज आप मेहनत की जगह खयाली पुलाव पकाएंगे नौकरो अथवा स्त्री वर्ग पर बेवजह शक करना भारी पड़ सकता है। कार्य क्षेत्र पर आर्थिक मंदी का सामना करना पड़ेगा बिक्री तो होगी लेकिन धन की आमद तरसायेगी। संध्या का समय दिन भर की थकान के कारण सुस्त रहेगा फिर भी मनोरंजन के अवसर जाने नही देंगे। स्वास्थ्य मानसिक तनाव को छोड़ ठीक ही रहेगा।
👰कन्या
आज आप घर एवं बाहर सभी लोगो के दिल को अपनी कुशलता से जीतेंगे। व्यक्तिगत स्वार्थ की भावना आज कम रहेगी परमार्थ के लिये समय और धन खर्च करेंगे बदले में सम्मान की प्राप्ति होगी। लेकिन बुजुर्ग वर्ग को आपका व्यवहार नाटकीय लगेगा आपसी तालमेल की कमी भी रहेगी। कार्य व्यवसाय में लाभ होते होते आगे के लिये निरस्त होने पर निराशा होगी फिर भी जुगाड़ कर खर्च लायक आमद हो ही जाएगी। आज प्रलोभन के चक्कर मे सरकारी उलझन हो सकती है ध्यान दें। मित्र रिश्तेदारों से संबंधों ने घनिष्ठा बढ़ेगी। आरोग्य नरम गरम रहेगा।
⚖️तुला
आज दिन प्रतिकूल बना हुआ है सोच समझ कर ही अथवा किसी के परामर्श के बाद ही कोई काम करें महिलाए आज अपनी अनदेखी होने पर गुस्से से भरी रहेंगी सेहत भी विपरीत रहने के कारण चड़चिड़ा स्वभाव बनेगा गुस्से में बेतुकी बाते बोलना कलह को बढ़ाएगा। काम काज में उतारचढ़ाव लगा रहेगा एक पल में लाभ की संभावना बनेगी अगले पल लाभ हानि में बदलने से हताशा होगी। धन लाभ के लिये किसी की खुशामद करनी पड़ेगी इसके बाद भी अल्प मात्रा में ही होगा। आपकी मानसिकता भाँप घर के बुजुर्ग सहनुभूती रखेंगे विशेष मार्गदर्शन भी मिलेगा।
🦂वृश्चिक
आज आप धन लाभ की कामना से अधिकांश कार्य करेंगे लाभ होगा भी लेकिन खर्च लगे रहने से हाथ मे रुकेगा नही। कार्य व्यवसाय में तेजी मंदी लगी रहने के कारण बनी बनाई योजना लटकी रह जायेगी। आज आप असमर्थ होते हुए भी अन्य लोगो की सहायता के लिये तत्पर रहेंगे लेकिन परिजनों को आपका परोपकार कम ही जमेगा। आवश्यकता की वस्तुओं की जगह आज व्यर्थ के कार्यो पर खर्च होगा। घर मे किसी न किसी से इच्छा पूर्ति ना होने पर नाराजगी रहेगी। संध्या का समय अपेक्षा से अधिक आनंद दायक रहेगा। मित्र परिजनों के साथ मनोरंजन के अवसर मिलेंगे लेकिन एक दूसरे के प्रति आदर का अभाव रहेगा।
🏹धनु
आज सेहत में सुधार रहने से थोड़ी राहत मिलेगी लेकिन दिनचार्य आज भी अस्त व्यस्त ही रहेगी सोचे कार्य पूर्ण करने में सहयोग की कमी खलेगी। कार्य व्यवसाय में भी आज अधूरे काम पूरे करने पर ध्यान रहेगा मेहनत के बाद भी आज पूरी तरह से सफलता नही मिल पाएगी । मन मे नकारत्मक ख्याल आएंगे धन के कारण अतिरिक्त उलझन रहेगी धन लाभ खर्च के अनुपात में कम ही होगा। स्वयं का स्वास्थ्य ठीक ना होने पर भी किसी अन्य की जिम्मेदारी लेनी पड़ेगी। पारिवारिक जीवन मध्यम सुखदायी रहेगा परिजन सहयोग करेंगे लेकिन व्यवहार पूर्ति के लिये।
🐊मकर
आज मानसिक चंचलता के कारण अच्छे बुरे का विवेक कम रहेगा। बिना सोचे बोलना आज भारी पड़ सकता है आपके लिये जो बातें मनोरंजन मात्र रहेंगी उनसे परिजन अथवा अन्य निकटस्थ का मन दुखी होगा। आवश्यकता पड़ने पर ही बोले अन्यथा बैठे बिठाये अच्छा भला वातावरण खराब होगा। कार्य व्यवसाय से लाभ में अवश्य होगा मेहनत भी कम ही करनी पड़ेगी। नौकरी वाले लोग आराम के मूड में रहेंगे लेकिन घरेलू कार्य बोझ के कारण कर नही पाएंगे। परिजन किसी ना किसी बात को लेकर कलह का माहौल बनाएंगे। स्वास्थ्य में गिरावट आने लगेगी सतर्क रहें।
🏺कुंभ
आज मानसिक उलझने दिन भर परेशान रखेंगी। कोई नापसंद कार्य मजबूरी में करना पड़ेगा आस पास का वातावरण अशान्त रहेगा आपके स्वभाव में भी रूखापन रहने के कारण स्नेहीजन दूरी बनाकर रहेंगे। पूर्व में कई गई किसी गलती के खुलासे के कारण घर में कलह की स्थिति बनेगी जिसमे देर रात तक सुधार की संभावना नही है। व्यवसायी वर्ग कार्य व्यस्तता के बाद भी व्यवहारिकता में कमी के कारण आशानुकूल लाभ से वंचित रहेंगे बढ़े हुए उधारी के व्यवहार खर्च करने से रोकेंगे। सेहत भी पल पल में बनती बिगड़ती रहेगी।
🐬मीन
आज का दिन आपके लिये लाभदायक रहेगा लेकिन आकस्मिक खर्च अनियंत्रित रहने पर थोड़ी परेशानी भी होगी। दिन के आरंभ में परिजनो से व्यर्थ की बातों पर नोकझोंक होगी अन्य लोगो की तुलना घर के सदस्यों से करने पर वातावरण अशान्त बनेगा। काम-धंधा भाग्य का साथ मिलने से बेहतर चलेगा लेकिन धन की कामना आज असंतुष्ट ही रखेगी। नौकरी करने वाले लोग लापरवाही करेंगे जल्दबाजी में रहने पर फटकार सुननी पड़ेगी। विपरीत लिंगीय के चक्कर मे मान अपमान का विवेक भूलेंगे आवश्यक कार्य दिन रहते पूर्ण कर लें कल आज जैसी सुविधा नही मिल पाएगी।
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13 September 2024: Vaidik Panchang and Daily Horoscope