11 December 2024: Vaidik Panchang and Horoscope

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वैदिक पंचांग (Vaidik Panchang)
⛅दिनांक – 11 दिसम्बर 2024
⛅दिन – बुधवार
⛅विक्रम संवत् – 2081
⛅अयन – दक्षिणायन
⛅ऋतु – हेमन्त
⛅मास – मार्गशीर्ष
⛅पक्ष – शुक्ल
⛅तिथि – एकादशी रात्रि 01:09 दिसम्बर 12 तक, तत्पश्चात द्वादशी
⛅नक्षत्र – रेवती प्रातः 11:48 तक तत्पश्चात अश्विनी
⛅योग – वरीयान् शाम 06:48 तक तत्पश्चात परिघ
⛅राहु काल – दोपहर 12:33 से दोपहर 01:54 तक
⛅सूर्योदय – 07:14
⛅सूर्यास्त – 05:51
⛅दिशा शूल – उत्तर दिशा में
⛅ब्राह्ममुहूर्त – प्रातः 05:25 से 06:18 तक
⛅अभिजीत मुहूर्त – कोई नहीं
⛅निशिता मुहूर्त- रात्रि 12:07 दिसम्बर 12 से रात्रि 01:00 दिसम्बर 12 तक
⛅ व्रत पर्व विवरण – श्रीमद्भगवद गीता जयंती, मोक्षदा एकादशी
⛅विशेष – एकादशी को सिम्बी (सेम) खाने से पुत्र का नाश होता है । (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)

🌷 एकादशी के दिन करने योग्य 🌷
➡ 11 दिसम्बर 2024 बुधवार को प्रात: 03:42 से रात्रि 01:09 (12 दिसम्बर 01:09 AM) यानि 11 दिसम्बर को पुरा दिन एकदशी है।
💥 विशेष – 11 दिसम्बर, बुधवार को एकादशी का व्रत (उपवास) रखें ।
🙏🏻 एकादशी को दिया जलाके विष्णु सहस्त्र नाम पढ़ें …….विष्णु सहस्त्र नाम नहीं हो तो १० माला गुरुमंत्र का जप कर लें l अगर घर में झगडे होते हों, तो झगड़े शांत हों जायें ऐसा संकल्प करके विष्णु सहस्त्र नाम पढ़ें तो घर के झगड़े भी शांत होंगे

🌷 श्रीमद् भगवद् गीता जयंती 🌷
➡ 11 दिसम्बर 2024 बुधवार को श्रीमद् भगवद् गीता जयंती है।
🙏🏻 धर्म ग्रंथों के अनुसार मार्गशीर्ष मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को भगवान श्रीकृष्ण ने कुरुक्षेत्र के मैदान में अर्जुन को गीता का उपदेश दिया था। इसलिए प्रतिवर्ष इस तिथि को गीता जयंती का पर्व मनाया जाता है। गीता एकमात्र ऐसा ग्रंथ है, जिसकी जयंती मनाई जाती है।
🙏🏻 गीता दुनिया के उन चंद ग्रंथों में शुमार है, जो आज भी सबसे ज्यादा पढ़े जा रहे हैं और जीवन के हर पहलू को गीता से जोड़कर व्याख्या की जा रही है। इसके 18 अध्यायों के करीब 700 श्लोकों में हर उस समस्या का समाधान है जो कभी ना कभी हर इंसान के सामने आती है। आज हम आपको इस लेख में गीता के 9 चुनिंदा प्रबंधन सूत्रों से रूबरू करवा रहे हैं, जो इस प्रकार हैं-
🌷 1 : श्लोक
कर्मण्येवाधिकारस्ते मा फलेषु कदाचन।
मा कर्मफलहेतु र्भूर्मा ते संगोस्त्वकर्मणि ।।
🙏🏻 अर्थ- भगवान श्रीकृष्ण अर्जुन से कहते हैं कि हे अर्जुन। कर्म करने में तेरा अधिकार है। उसके फलों के विषय में मत सोच। इसलिए तू कर्मों के फल का हेतु मत हो और कर्म न करने के विषय में भी तू आग्रह न कर।
➡ मैनेजमेंट सूत्र- भगवान श्रीकृष्ण इस श्लोक के माध्यम से अर्जुन से कहना चाहते हैं कि मनुष्य को बिना फल की इच्छा से अपने कर्तव्यों का पालन पूरी निष्ठा व ईमानदारी से करना चाहिए। यदि कर्म करते समय फल की इच्छा मन में होगी तो आप पूर्ण निष्ठा से साथ वह कर्म नहीं कर पाओगे। निष्काम कर्म ही सर्वश्रेष्ठ परिणाम देता है। इसलिए बिना किसी फल की इच्छा से मन लगाकर अपना काम करते रहो। फल देना, न देना व कितना देना ये सभी बातें परमात्मा पर छोड़ दो क्योंकि परमात्मा ही सभी का पालनकर्ता है।
🌷 2 : श्लोक
योगस्थ: कुरु कर्माणि संग त्यक्तवा धनंजय।
सिद्धय-सिद्धयो: समो भूत्वा समत्वं योग उच्यते।।
🙏🏻 अर्थ- हे धनंजय (अर्जुन)। कर्म न करने का आग्रह त्यागकर, यश-अपयश के विषय में समबुद्धि होकर योग युक्त होकर, कर्म कर, (क्योंकि) समत्व को ही योग कहते हैं।
➡ मैनेजमेंट सूत्र- धर्म का अर्थ होता है कर्तव्य। धर्म के नाम पर हम अक्सर सिर्फ कर्मकांड, पूजा-पाठ, तीर्थ-मंदिरों तक सीमित रह जाते हैं। हमारे ग्रंथों ने कर्तव्य को ही धर्म कहा है। भगवान कहते हैं कि अपने कर्तव्य को पूरा करने में कभी यश-अपयश और हानि-लाभ का विचार नहीं करना चाहिए। बुद्धि को सिर्फ अपने कर्तव्य यानी धर्म पर टिकाकर काम करना चाहिए। इससे परिणाम बेहतर मिलेंगे और मन में शांति का वास होगा। मन में शांति होगी तो परमात्मा से आपका योग आसानी से होगा। आज का युवा अपने कर्तव्यों में फायदे और नुकसान का नापतौल पहले करता है, फिर उस कर्तव्य को पूरा करने के बारे में सोचता है। उस काम से तात्कालिक नुकसान देखने पर कई बार उसे टाल देते हैं और बाद में उससे ज्यादा हानि उठाते हैं।
🌷 3 : श्लोक
नास्ति बुद्धिरयुक्तस्य न चायुक्तस्य भावना।
न चाभावयत: शांतिरशांतस्य कुत: सुखम्।
🙏🏻 अर्थ- योग रहित पुरुष में निश्चय करने की बुद्धि नहीं होती और उसके मन में भावना भी नहीं होती। ऐसे भावना रहित पुरुष को शांति नहीं मिलती और जिसे शांति नहीं, उसे सुख कहां से मिलेगा।
➡ मैनेजमेंट सूत्र – हर मनुष्य की इच्छा होती है कि उसे सुख प्राप्त हो, इसके लिए वह भटकता रहता है, लेकिन सुख का मूल तो उसके अपने मन में स्थित होता है। जिस मनुष्य का मन इंद्रियों यानी धन, वासना, आलस्य आदि में लिप्त है, उसके मन में भावना (आत्मज्ञान) नहीं होती। और जिस मनुष्य के मन में भावना नहीं होती, उसे किसी भी प्रकार से शांति नहीं मिलती और जिसके मन में शांति न हो, उसे सुख कहां से प्राप्त होगा। अत: सुख प्राप्त करने के लिए मन पर नियंत्रण होना बहुत आवश्यक है।

🔹एकदाशी में क्या करें, क्या ना करें ?

🌹1. एकादशी को लकड़ी का दातुन तथा पेस्ट का उपयोग न करें, नींबू, जामुन या आम के पत्ते लेकर चबा लें और उँगली से कंठ शुद्ध कर लें । वृक्ष से पत्ता तोड़ना भी वर्जित है, अत: स्वयं गिरे हुए पत्ते का सेवन करे ।

🌹2. स्नानादि कर के गीता पाठ करें, विष्णु सहस्रनाम पाठ करें ।

🌹हर एकादशी को श्री विष्णु सहस्रनाम का पाठ करने से घर में सुख शांति बनी रहती है l

🌹राम रामेति रामेति । रमे रामे मनोरमे ।। सहस्त्र नाम त तुल्यं । राम नाम वरानने ।।
एकादशी के दिन इस मंत्र के पाठ से विष्णु सहस्रनाम के जप के समान पुण्य प्राप्त होता है l

🌹3. `ॐ नमो भगवते वासुदेवाय’ इस द्वादश अक्षर मंत्र अथवा गुरुमंत्र का जाप करना चाहिए ।

🌹4. चोर, पाखण्डी और दुराचारी मनुष्य से बात नहीं करना चाहिए, यथा संभव मौन रहें ।

🌹5. एकदशी के दिन भूल कर भी चावल नहीं खाना चाहिए न ही किसी को खिलाएं । इस दिन फल आहार अथवा घर में निकाला हुआ फल का रस अथवा दूध या जल पर रहना लाभदायक है ।

🌹6. व्रत के ( दशमी, एकादशी और द्वादशी ) – इन तीन दिनों में काँसे के बर्तन, मांस, प्याज, लहसुन, मसूर, उड़द, चने, कोदो (एक प्रकार का धान), शाक, शहद, तेल और अत्यम्बुपान (अधिक जल का सेवन) – इनका सेवन न करें ।

🌹7. फलाहारी को गोभी, गाजर, शलजम, पालक, कुलफा का साग इत्यादि सेवन नहीं करना चाहिए । आम, अंगूर, केला, बादाम, पिस्ता इत्यादि अमृत फलों का सेवन करना चाहिए ।

🌹8. जुआ, निद्रा, पान, परायी निन्दा, चुगली, चोरी, हिंसा, मैथुन, क्रोध तथा झूठ, कपटादि अन्य कुकर्मों से नितान्त दूर रहना चाहिए ।

🌹9. भूलवश किसी निन्दक से बात हो जाय तो इस दोष को दूर करने के लिए भगवान सूर्य के दर्शन तथा धूप-दीप से श्रीहरि की पूजा कर क्षमा माँग लेनी चाहिए ।

🌹10. एकादशी के दिन घर में झाडू नहीं लगायें, इससे चींटी आदि सूक्ष्म जीवों की मृत्यु का भय रहता है ।

🌹11. इस दिन बाल नहीं कटायें ।

🌹12. इस दिन यथाशक्ति अन्नदान करें किन्तु स्वयं किसीका दिया हुआ अन्न कदापि ग्रहण न करें ।

🌹13. एकादशी की रात में भगवान विष्णु के आगे जागरण करना चाहिए (जागरण रात्र 1बजे तक) ।

🌹14. जो श्रीहरि के समीप जागरण करते समय रात में दीपक जलाता है, उसका पुण्य सौ कल्पों में भी नष्ट नहीं होता है ।

🔹 इस विधि से व्रत करनेवाला उत्तम फल को प्राप्त करता है ।

🌷 श्री मोक्षदा एकादशी व्रत 🌷
🌷 श्री गीता जयंती 🌷

मार्गशीर्ष मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी ‘ श्री मोक्षदा एकादशी ‘ कहलाती है इसी एकादशी के व्रत के प्रभाव से पितरों को मोक्ष की प्राप्ति होती है भगवान श्री कृष्णजी ने इसी एकादशी के दिन ही महाभारत काल के समय पर अर्जुनको श्रीगीता का उपदेश दिया था अत: इस तिथि को ‘श्री गीता जयंती ‘ पर्व के रूप में भी मनाया जाता है🙏

👉 श्री मोक्षदा एकादशी के उपाय 👇

1 . मोक्षदा एकादशी सभी एकादशियों में विशेष और समस्त पापों को नष्‍ट करने वाली, मानसिक शांति देने वाली और पापनाशक मानी गई है। इस तिथि के स्वामी श्रीहरि विष्णु है, अत: इस दिन पूरे मनपूर्वक प्रभु श्री हरि विष्णु का पूजन करने से जीवन में पुण्य फल प्राप्त होता है🙏

यह एकादशी पितरों को मुक्ति के लिए बहुत खास हैं, अत: जिन पितरों को मोक्षृ प्राप्त नहीं हुआ या जो नरक में गए हैं, उनके लिए आज के दिन एक लोटे पानी में थोड़े-से काले तिल मिलाकर दक्षिण दिशा की ओर मुख करके पितृ तर्पण करने से पितरों को वैकुंठ की प्राप्ति होती है🙏
मोक्षदा एकादशी के दिन पीली वस्तुओं से भगवान श्री विष्णु का पूजन पूर्ण श्रद्धा के साथ करके उपवास रखने मात्र से मनुष्य की हर मनोकामना पूर्ण होती है🙏
इसी दिन भगवान श्री कृष्ण ने अर्जुन को रणभूमि में गीता का उपदेश दिया था। अतः यह व्रत रखकर रात्रि में गीता पाठ पढ़ने या गीता प्रवचन सुनने और मंत्र जाप करते हुए जागरण करने से जन्म-जन्मांतर के पाप नष्ट होकर मोक्ष तथा जन्म-मरण के चक्र से मुक्ति मिलती है।
🌷 श्रीमद् भगवद्गीता माहात्म्य 🌷

👉 जो मनुष्य भक्तियुक्त होकर नित्य एक अध्याय का भी पाठ करता है, वह रुद्रलोक को प्राप्त होता है और वहाँ शिवजी का गण बनकर चिरकाल तक निवास करता है 🙏

👉 जो मनुष्य गीता के दस, सात, पाँच, चार, तीन, दो, एक या आधे श्लोक का पाठ करता है वह अवश्य दस हजार वर्ष तक चन्द्रलोक को प्राप्त होता है । गीता के पाठ में लगे हुए मनुष्य की अगर मृत्यु होती है तो वह (पशु आदि की अधम योनियों में न जाकर) पुनः मनुष्य जन्म पाता है 🙏

👉 जो पुरुष इस पवित्र गीताशास्त्र को सावधान होकर पढ़ता है वह भय, शोक आदि से रहित होकर श्रीविष्णुपद को प्राप्त होता है 🙏

👉अकाल मृत्यु घर में न हो, जल्दी-जल्दी किसी की मृत्यु न हो उसके लिए घर में अमावस्या के दिन गीता का सातवां अध्याय पढना चाहिये | पाठ पूरा हो जाय तो सूर्य भगवान को अर्घ्य देना चाहिये कि हमारे घर में सबकी लंबी आयु हो और जो पहले गुजर गये है 🙏..हे भगवान उनकी आत्मा को शांति दे🙏 और आज के गीता पाठ का पुण्य भी उनको पहुँचे | ॐ नमो भगवते वासुदेवाय करके वो जल चढ़ा दे 🙏

👉 और हो सके तो ….भगवान ने पैसा दिया हो थोडा बहुत तो अमावस्या को गरीब बच्चों – बच्चीयों को चार–पाँच बच्चों को खाना देकर आये सब्जी-रोटी थोडा कुछ मीठा हलवा बना ले थोडा-सा गरीब बच्चों को दे आये | सेवा भी हो जायेगी और जो गुजर गये है वो हम पर राजी हो जायेंगे🙏

जो भगवान श्री कृष्ण की असीम कृपा और दिव्य ज्ञान प्राप्त करना चाहते हैं उन्हें गीता का पाठ श्रवण या पठन जरूर करना चाहिए 🙏

🙏 ओम नमो नारायणाय 🙏

🌹घर पर कैसे करें प्रभु श्री राम की पूजा?🌹

📿 यदि आप नहीं जानते हैं कि कैसे घर पर करें राम जी की पूजा तो जानिए सरल विधि।

🪔रामजी की पूजा विधि:-

पूजन में शुद्धता व सात्विकता का विशेष महत्व है, इस दिन प्रात:काल स्नान-ध्यान से निवृत हो रामजी का स्मरण करते हुए भक्त व्रत एवं उपवास का पालन करते हुए भगवान का भजन व पूजन करते हैं।
नित्य कर्म से निवृत्त होने के बाद श्रीराम जी की मूर्ति या चि‍त्र को लाल या पीला कपड़ा बिछाकर लकड़ी के पाट पर रखें। मूर्ति को स्नान कराएं और यदि चित्र है तो उसे अच्छे से साफ करके जल का छिड़काव करें।
पूजन में देवताओं के सामने धूप, दीप अवश्य जलाना चाहिए। देवताओं के लिए जलाए गए दीपक को स्वयं कभी नहीं बुझाना चाहिए।
फिर रामजी के मस्तक पर हलदी कुंकू, चंदन और चावल लगाएं। फिर उन्हें हार और फूल चढ़ाएं। पूजन में अनामिका अंगुली (छोटी उंगली के पास वाली यानी रिंग फिंगर) से गंध (चंदन, कुमकुम, अबीर, गुलाल, हल्दी, मेहंदी) लगाना चाहिए।
पूजा करने के बाद प्रसाद या नैवेद्य (भोग) चढ़ाएं। ध्यान रखें कि नमक, मिर्च और तेल का प्रयोग नैवेद्य में नहीं किया जाता है। प्रत्येक पकवान पर तुलसी का एक पत्ता रखा जाता है।
अंत में उनकी आरती करके प्रसाद चढ़ाकर पूजा का समापन किया जाता है। प्रसाद में पंजरी का प्रसाद और पंचामृत जरूर रखें।
🪔घर में पूजा करने के नियम:

घर के ईशान कोण में ही पूजा करें। पूजा के समय हमारा मुंह ईशान, पूर्व या उत्तर में होना चाहिए।
पूजा का उचित मुहूर्त देखकर ही पूजा करें।
पूजन के समय पंचदेव की स्थापना जरूर करें। सूर्यदेव, श्रीगणेश, दुर्गा, शिव और विष्णु को पंचदेव कहा गया है।
पूजा के समय सभी एकत्रित होकर पूजा करें। पूजा के दौरान किसी भी प्रकार शोर न करें।
🔔घर में पूजा हेतु क्या क्या होना चाहिए:-
🚩गृहे लिंगद्वयं नाच्यं गणेशत्रितयं तथा।
शंखद्वयं तथा सूर्यो नार्च्यो शक्तित्रयं तथा॥
द्वे चक्रे द्वारकायास्तु शालग्राम शिलाद्वयम्‌।
तेषां तु पुजनेनैव उद्वेगं प्राप्नुयाद् गृही॥

♦️अर्थ- घर में दो शिवलिंग, तीन गणेश, दो शंख, दो सूर्य, तीन दुर्गा मूर्ति, दो गोमती चक्र और दो शालिग्राम की पूजा करने से गृहस्थ मनुष्य को अशांति होती है।
🚩एका मूर्तिर्न सम्पूज्या गृहिणा स्केटमिच्छता।
अनेक मुर्ति संपन्नाः सर्वान्‌ कामानवाप्नुयात॥
♦️अर्थ:- कल्याण चाहने वाले गृहस्थ एक मूर्ति की पूजा न करें, किंतु अनेक देवमूर्ति की पूजा करे, इससे कामना पूरी होती है।

आज का सुविचार
लोगों ने मुझे बताया कि समय बदल जाता है फिर समय ने मुझे बताया कि लोग भी बदल जाते हैं।

जिनका आज जन्मदिन है उनको हार्दिक शुभकामनाएं बधाई और शुभाशीष
दिनांक 11 को जन्मे व्यक्ति का मूलांक 2 होगा, इस मूलांक को चंद्र ग्रह संचालित करता है। चंद्र ग्रह मन का कारक होता है। आप अत्यधिक भावुक होते हैं। ग्यारह की संख्या आपस में मिलकर दो होती है इस तरह आपका मूलांक दो होगा। आप स्वभाव से शंकालु भी होते हैं। दूसरों के दु:ख दर्द से आप परेशान हो जाना आपकी कमजोरी है। चंद्र ग्रह स्त्री ग्रह माना गया है। अत: आप अत्यंत कोमल स्वभाव के हैं।

आपमें अभिमान तो जरा भी नहीं होता। चंद्र के समान आपके स्वभाव में भी उतार-चढ़ाव पाया जाता है। आप अगर जल्दबाजी को त्याग दें तो आप जीवन में बहुत सफल होते हैं। आप मानसिक रूप से तो स्वस्थ हैं लेकिन शारीरिक रूप से आप कमजोर हैं।
शुभ दिनांक : 2, 11, 20, 29

शुभ अंक : 2, 11, 20, 29, 56, 65, 92

शुभ वर्ष : 2027, 2029, 2036

ईष्टदेव : भगवान शिव, बटुक भैरव

शुभ रंग : सफेद, हल्का नीला, सिल्वर ग्रे

जन्मतिथि के अनुसार भविष्यफल :
किसी नवीन कार्य योजनाओं की शुरुआत करने से पहले बड़ों की सलाह लें। बगैर देखे किसी कागजात पर हस्ताक्षर ना करें। व्यापार-व्यवसाय की स्थिति ठीक-ठीक रहेगी। स्वास्थ्य की दृष्टि से संभल कर चलने का वक्त होगा। पारिवारिक विवाद आपसी मेलजोल से ही सुलझाएं। दखलअंदाजी ठीक नहीं रहेगी। लेखन से संबंधित मामलों में सावधानी रखना होगी।

आज का राशिफल

मेष🐐 (चू, चे, चो, ला, ली, लू, ले, लो, अ)
आज का दिन शुभ कर्मों में व्यतीत करेंगे दिन के पूर्वार्ध में घर मे धार्मिक कृत्यों का आयोजन होगा धार्मिक क्षेत्रो की यात्रा के प्रसंग भी उपस्थित होंगे धन पुण्य पर खर्च करेंगे। कार्य व्यवसाय में मध्यान तक का समय अनदेखी के कारण मंदा जाएगा इसके बाद रात्रि तक कही ना कहि से आर्थिक लाभ होगा। स्वभाव में आज थोड़ी कृपणता भी रहने से परिजनों से मन मुटाव होगा। नौकरी वाले लोग कार्यो को जल्दबाजी में करेंगे जिससे थोड़ी बहुत त्रुटि हो सकती है। संध्या बाद का समय दिन की अपेक्षा राहत वाला रहेगा थकान रहने पर भी मनोरंजन के अवसर नही चूकेंगे।

वृष🐂 (ई, ऊ, ए, ओ, वा, वी, वू, वे, वो)
आज की परिस्थिति हानिकारक बन रही है घर एवं बाहर विवेक से काम लें अन्यथा जहां से लाभ की उम्मीद लगाए बैठे है वहाँ से अकस्मात निराश होना पड़ेगा। आज आप जल्दी से परिश्रम करने के लिए तत्पर नही होंगे इसके विपरीत मौज-शौक के लिए हर समय तैयार मिलेंगे। कार्य क्षेत्र पर सहकर्मी आपकी अनदेखी से बिगड़ सकते है अपने हित के लिए अन्य को परेशान ना करें अन्यथा अकेले रह जाएंगे। धन लाभ संध्या के समय आवश्यकता से कम होगा परिवार की महिलाओं अथवा बुजुर्ग से अनजाने में हानि हो सकती है क्रोध ना करें। परिजन अथवा स्वयं के स्वास्थ्य में गिरावट अनुभव होगी।

मिथुन👫 (का, की, कू, घ, ङ, छ, के, को, हा)
आज भी परिस्थिति आपके लिए सहायक बन रही है। दिन के आरम्भ से लेकर अंत तक आपकी दिनचार्य अन्य दिनों से अलग रहेगी। दिन भर शारीरिक व मानसिक रूप से चुस्त रहेंगे। कार्य क्षेत्र पर आज नए प्रयोगों में रूचि दिखाएंगे। नियमित के अलावा अनैतिक मार्ग से भी धन लाभ होगा। आज घर एवं बाहर क्लेश मुक्त वातावरण बनने से राहत मिलेगी। मन मे यात्रा पर्यटन के विचार बनेंगे लेकिन पारिवारिक जिम्मेदारी के कारण निरस्त ही करनी पड़ेगी। महिला मित्र से मधुर मुलाकात होगी। संध्या के समय मित्र-परिजनों के साथ मनोरंजन के अवसर मिलेंगे। उत्तम भोजन वाहन सुख मिलेगा।

कर्क🦀 (ही, हू, हे, हो, डा, डी, डू, डे, डो)
आज का दिन कार्यसिद्धि वाला है समय का लाभ उठाएं अधिकारी वर्ग आज आपकी हर संभव सहायता करेंगे सरकारी अथवा ने कागजी कार्य करने में देरी ना करें अन्यथा लंबित रह सकते है। आर्थिक मामले देखभाल कर ही करें धन की आमद देखकर जल्दबाजी में लिया निर्णय भविष्य में कष्ट देगा। पारिवारिक सदस्य अथवा मित्र, रिश्तेदारों को आर्थिक मदद ना चाह कर भी करनी पड़ेगी इससे घर का बजट प्रभावित होगा। महिलाये घर के कार्यो से ऊबन अनुभव करेंगी धीमी गति से कार्य करने पर अव्यवस्था फैलेगी। स्वास्थ्य आज सामान्य ही रहेगा।

सिंह🦁 (मा, मी, मू, मे, मो, टा, टी, टू, टे)
आज का दिन भाग्योन्नति वाला रहेगा। दिन का प्रथम भाग आलस्य की भेंट चढेगा परन्तु मध्यान से कार्यो में पूरी निष्ठा से जुट जाएंगे अधूरे कार्य पूरे होने पर धन की आमद होगी। आर्थिक रूप से आज का दिन आपकी आशाओ पर खरा उतरेगा लेकिन उधारी के व्यवहार कुछ समय के लिये परेशान करेंगे। घर मे धर्म कर्म के आयोजन होंगे। शुभ धार्मिक यात्रा की योजना भी बनायेगे। उगाही से लाभ होगा। परिजनों के साथ मित्रवत व्यवहार रहेगा। कार्य क्षेत्र पर स्त्री का सहयोग मिलेगा। पारिवार में सुख के साधनों की खरीद का विचार करेंगे। स्वास्थ्य सामान्य रहेगा।

कन्या👩 (टो, पा, पी, पू, ष, ण, ठ, पे, पो)
आज प्रातः काल से ही आपकी सेहत में नरमी आने लगेगी फिर भी लापरवाहि करेंगे जिससे तबियत ज्यादा खराब हो सकती है। कार्य व्यवसाय से आज आशानुकूल परिणाम नही मिलेंगे भागदौड़ अधिक करनी पड़ेगी आर्थिक रूप से दिन उलझनों वाला रहेगा। किसी को उधार दिया धन समय से ना मिलने पर असुविधा होगी बहस भी हो सकती है। नौकरी करने वालो को जबरदस्ती दौड़ धूप करनी पड़ेगी। परिवार का वातावरण भी रोग ग्रस्त रहेगा स्त्री वर्ग की सेहत खराब रहने से काम-काज अस्त व्यस्त रहेंगे। भाई बंधु भी स्वार्थी साधने के लिये व्यवहार करेंगे। धैर्य से दिन व्यतीत करें।

तुला⚖️ (रा, री, रू, रे, रो, ता, ती, तू, ते)
आज का दिन सफलता दायक रहेगा फिर भी स्वभाव में गंभीरता लाना आवश्यक है अन्यथा लोग आपकी बातों को हल्के में लेंगे। कार्य व्यवसाय में पुरानी योजनाए आज फलीभूत होकर धन लाभ के साथ समाज मे वर्चस्व बढ़ाएंगी। सामाजिक क्षेत्र पर आज आपकी छवि प्रतिष्ठित जैसी बनेगी। व्यवसायियों की आर्थिक विषयो को लेकर कहा सुनी हो सकती है विवेकी व्यवहार रखें अन्यथा दुविधा में पड़ सकते है। नौकरी पेशाओ के लिये दिन ज्यादा शुभ रहेगा काम की अपेक्षा सम्मान अधिक मिलेगा। संध्या बाद का समय आनंद मनोरंजन में बिताना पसंद करेंगे। परिजनों से स्नेह स्वार्थ पूर्ति तक ही सीमित रहेगा। सेहत में आज सुधार अनुभव करेंगे।

वृश्चिक🦂 (तो, ना, नी, नू, ने, नो, या, यी, यू)
आज का दिन भी आपके कुछ उलझनों वाला रहेगा। आज आप दिन का अधिकांश समय केवल सोचने में व्यर्थ करेंगे महत्त्वपूर्ण कार्य भी असमंजस के कारण अधूरे रह सकते है। कार्य व्यवसाय में मध्यान तक उदासीनता रहेगी इसके बाद संध्या तक बिक्री बढ़ने से काम चलाऊ आय हो जाएगी लेकिन आज घरेलू और अन्य व्यावसायिक खर्च भी अधिक रहने से धन संचय नही कर सकेंगे। परिवार के सदस्य अपनी बात मनवाने के लिए अनुचित जिद करेंगे जिसजे पूर्ण ना होने पर घर का वातावरण कुछ समय के लिए खरब होगा। बुजुर्ग वर्ग किसी बात को लेकर असंतोष जताएंगे। आरोग्य बना रहेगा।

धनु🏹 (ये, यो, भा, भी, भू, ध, फा, ढा, भे)
आज का दिन आपको पिछले कुछ दिनों से चल रही मानसिक दुविधा में राहत प्रदान करेगा। कार्य व्यवसाय से दिन के आरम्भ में तसल्ली देने वाले समाचार मिलेंगे फिर भी आर्थिक निवेश करने से पहले सोच विचार अवश्य करें धन फंसने की संभावना है। सहकर्मियों की मनमाना व्यवहार कुछ समय के लिए असहज करेगा मामूली झड़प भी हो सकती है। धन लाभ संध्या के आस-पास अकस्मात होने से खर्च निकाल लेंगे। परिवार का वातावरण भी आज अन्य दिनों की तुलना में शांत रहेगा किसी के ऊपर भर डालने का प्रयास ना करें अशांति फैल सकती है। सेहत नरम रहेगी।

मकर🐊 (भो, जा, जी, खी, खू, खा, खो, गा, गी)
आज का दिन आपके लिये उतार-चढ़ाव वाला रहेगा दिन के आरम्भ से ही आवश्यक कार्यो में व्यस्त हो जाएंगे घर मे किसी बात को लेकर कहासुनी होगी इसका प्रभाव दिन भर मस्तिष्क पर रहेगा संध्या बाद फिर दोबारा गड़े मुर्दे उखाड़ने पर झगड़ा हो सकता है। कार्य व्यवसाय से आशाजनक लाभ तो होगा लेकिन मन को शांति नही दे सकेगा। प्रतिस्पर्धा होने के कारण कुछ समय के लिए परेशानी होगी। धन को लेकर किसी से बहस ना करें मानसिक शान्ति के लिये आध्यात्म का सहारा लेना उचित रहेगा। सेहत मानसिक तनाव को छोड़ ठीक रहेगी।

कुंभ🍯 (गू, गे, गो, सा, सी, सू, से, सो, दा)
आपके लिये आज का दिन धन लाभ वाला रहेगा। आज दिन के पूर्वार्ध में आप जो भी योजना बनाएंगे उसे मध्यान पश्चात तक पूर्ण कर लेंगे लेकिन आज धन संबंधित लाभ पाने के लिये किसी की सहायता की आवश्यकता भी पड़ेगी इसलिये स्वभाव में नरमी रखें। मध्यान के बाद व्यवसायिक यात्रा अथवा पर्यटन की योजना बनेगी लेकिन आज व्यस्तता अधिक रहने पर सम्भव नही हो सकेगा। पारिवारिक जीवन आनदमय रहेगा परिजन आवश्यक सामग्री की सारणी बना कर कुछ समय के लिये दुविधा में डालेंगे। घर मे अथवा कार्य क्षेत्र पर धन को लेकर किसी से विवाद हो सकता है। सेहत उत्तम रहेगी।

मीन🐳 (दी, दू, थ, झ, ञ, दे, दो, चा, ची)
आज का दिन आपके लिये धन और ज्ञान वृद्धिकारक रहेगा। आज आप जिस भी कार्य को करेंगे उसमे अपनी कार्य कुशलता का परिचय देंगे। अपने अनुकूल कार्य मे विशेष योग्यता मिलेगी।

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